Sehore News : भीषण गर्मी में जल संकट से जूझ रहे ग्राम मोतीपुरा के लोग, महिलाएं दूर दराज से मटमेला पानी लाने को मजबूर
प्रशासन द्वारा लगातार की जा रही अनदेखी
सीहोर। सीहोर जिला मुख्यालय से 50 किमी दूर ग्राम मोतीपुरा में जल संकट लगातार गहराता जा रहा है। भीषण गर्मी में भी यहां के लोग पानी को तरस रहे हैं। महिलाएं मजबूरी में गांव से 1 किलोमीटर दूर स्थित नदी के गड्डे से गंदा पानी छान-छान कर लाने को मजबूर है और उसी पानी को यहां के लोग पी रहे हैं। गांव की सुमित्रा बाई, कौशल्या बाई, फूलबाई सुमंत्रा बाई, सिंगर बाई, पूजा बाई, शर्मिला बाई का कहना है कि हमारे गांव में काफी समय पहले 6 हैंडपम्प लगे थे, लेकिन उनकी गहराई इतनी कम है कि 5 हैंडपंप पूर्णरूप से सूख चुके हैं। मात्र एक हैंडपंप थोड़ा बहुत जिन्दा है, जिसमें से मात्र 10-15 बाल्टी पानी बमुश्किल मिल पा रहा है, जिसके कारण गांव भीषण जल संकट से जूझ रहा है। किसान व समाजसेवी एमएस मेवाड़ा ने कहा कि गांव की जनता ने भोपाल राजधानी पहुंचकर पीएचई मंत्री, लोकस्वास्थ्य यांत्रिकी मंत्री एवं पंचायत मंत्री को आवेदन देकर गांव में नलकूप खनन कराने की मांग की गई थी। ग्राम पंचायत के द्वारा भी प्रस्ताव लिखकर दिया गया था, जिस पर गांव में नलकूप खनन करने का आदेश भी जारी किया गया था, लेकिन 15-20 दिन बीत जाने के बावजूद भी आज दिनांक तक गांव में पीएचई विभाग द्वारा नलकूप खनन नहीं किया गया है। मात्र लीपा-पौती करते हुए उन पांच हैंडपंपों में से कुछ की मरम्मत करके चले गए। लेकिन उनमें तो पानी ही नहीं है। वाटर लेवल नीचे चला गया है। समाजसेवी एमएस मेवाड़ा के नेतृत्व में गांव के नारायण सिंह गौर, बाबूलाल गौर, सीताराम बैरागी, बद्री प्रसाद, कांता प्रसाद, राजेश सहित अन्य ग्रामीणों ने प्रदर्शन भी किया था। जल संकट से जूझ रहे इन ग्रामीणों में काफी आक्रोष है। ग्रामीणों का कहना है कि मुख्यमंत्री, मंत्री के निर्देशों का विभाग द्वारा पालन नहीं किया जा रहा है। पीएच विभाग द्वारा पंचायत मंत्री एवं पीएचई मंत्री के आदेशों की अवहेलना की जा रही हैं। इसके कारण ग्रामीण जनता को जलसंकट से जूझना पड़ रहा है, वहीं गांव के बच्चे व बुजुर्ग मटमेला गंदा पानी पीकर बीमार हो रहे हैं।