
सीहोर। जिले के इछावर विकासखंड के गांव भाउखेड़ी में इस समय प्रशासन का बुल्डोजर चल रहा है। यह बुल्डोजर ग्रामीणों के पुस्तैनी मकानों को ढहा रहा है। ग्रामीणों का आरोप है कि यह मकान उनके बुजुर्गों ने बनाए थे, लेकिन अब प्रशासन इन्हें अवैध बताकर तोड़ रहा है। इधर प्रशासन ने तर्क दिया है कि भाउखेड़ी के करीब 214 मकान सड़क की जद में आ गए हैं। अब इन्हें तोड़ा जा रहा है।
गांव के बाहर से निकला है बाईपास-
भाउखेड़ी गांव के बाहर से बाईपास भी निकला है, लेकिन सड़क गांव के बीचोंबीच में से बनाई जा रही है। ग्रामीणों का कहना है कि यदि इस सड़क को बाईपास के रास्ते से जोड़कर बना दी जाती तो ग्रामीणों के मकान भी नहीं टूटते और बाद में इस सड़क से निकलने वाले वाहनों से ग्रामीणों को खतरा भी नहीं रहता। अब गांव के बीचोंबीच में से यह सड़क बनाई जा रही है। इससे जहां सड़क बनने के बाद गांव में दुर्घटनाओं का खतरा मंडराता रहेगा तो वहीं ग्रामीणों को भी कई परेशानियां आएंगी।
600 मीटर गांव में से निकलेगी सड़क-
भाउखेड़ी जोड़ से अमलाहा तक बनने वाली करीब 23 किलोमीटर की सड़क में से लगभग 600 मीटर की सड़क भाउखेड़Þी में से होकर गुजरेगी। यह सड़क 7 मीटर चौड़ी बनाई जाएगी। इसके बाद सोल्डर एवं नाली भी बनेगी। अब इस 600 मीटर लंबी सड़क के दायरे में गांव के 214 मकान आ रहे हैं, जिन्हें प्रशासन द्वारा तोड़ा जा रहा है। इन मकानों में से किसी की बाउंड्रीबाल तोड़ी जा रही है तो किसी का पोर्च तोड़ा जा रहा है तो किसी के मकान का आधा हिस्सा भी तोड़ा जा रहा है। प्रशासन का बुल्डोजर मकान तोड़ने के काम में जुटा हुआ है।
विधायक ने नहीं ली ग्रामीणों की सुध-
इनका कहना है-
भाउखेड़ी जोड़ से अमलाहा तक सड़क निर्माण हो रहा है। यह सड़क गांव में से जा रही है। यह सड़क पहले पीडब्ल्यूडी की थी, लेकिन अब इसका निर्माण एमपीआरडीसी द्वारा कराया जा रहा है। सड़क यहीं से प्रस्तावित थी। 7 मीटर चौड़ी सड़क बननी है, इसलिए गांव के कई मकान इसकी जद में आ गए हैं। ग्रामीणों को तीन माह पहले भी अतिक्रमण हटाने का बोला गया था, लेकिन अब सड़क निर्माण कार्य शुरू हो गया है, इसलिए सड़क में बाधा बनने वाले मकानों को तोड़ा जा रहा है।
– विष्णु यादव, एसडीएम, इछावर, जिला सीहोर
भाउखेड़ी में ग्रामीणों के मकान तोड़े जा रहे हैं। ये शासन-प्रशासन की लापरवाही है। प्रशासन द्वारा न तो ग्रामीणों को कोई नोटिस दिया गया। एमपीआरडीसी द्वारा सर्वे किया गया तो ग्रामीणों को सूचित करना चाहिए था कि उनके मकान टूटेंगे, लेकिन नहीं बताया गया। बाईपास से भी यह सड़क बनाई जा सकती थी। मकानों का ग्रामीणों को मुआवजा मिलना चाहिए।
– शैलेंद्र पटेल, पूर्व विधायक, इछावर, जिला सीहोर
बिना नोटिस दिए मकान तोड़े जा रहे हैं। हमारे मकान वर्षों पहले के बने हुए हैं। हमारे बुजुर्गों ने मकान बनाए थे, लेकिन अब इन्हें ही अवैध बताया जा रहा है। जिन ग्रामीणों के मकान तोड़े जा रहे हैं अब उन्हें मुआवजा भी दिया जाए, ताकि वे अपनी व्यवस्थाएं दूसरी जगह कर सकें।
– करण वर्मा, ग्रामीण भाउखेड़ी