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Sehore News : संयुक्त मोर्चा ने लंबित मांगों के तत्काल निराकरण को लेकर सौंपा ज्ञापन

सीहोर। राज्य के कर्मचारियों ने संयुक्त मोर्चा के तत्वाधान में प्रदर्शन करते हुए विभिन्न मांगों के निराकरण को लेकर ज्ञापन सौंपा है। इससे पहले मोर्चा के सभी ने शहर के टाउन हाल पर एक दिवसीय धरना प्रदर्शन भी किया था, इसके पश्चात रैली निकालकर कलेक्ट्रेट पहुंचे।
इस मौके पर संघ के पदाधिकारियों ने कलेक्ट्रेट पहुंचकर प्रदेश के मुख्यमंत्री, मध्यप्रदेश शासन के सचिव से संबोधित एक ज्ञापन जिला प्रशासन को सौंपा है। जिसमे मांग की गई है कि विभागाध्यक्ष एवं उसके अधीनस्थ कार्यरत् लिपिकों को भी मंत्रालय के समान द्वितीय समयमान वेतनमान का लाभ दिनांक 01.4.2006 से दिया जाये। भृत्य का पदनाम परिवर्तित किया जाकर कार्यालय सहायक किया जावे। अनुकम्पा नियुक्ति सहायक ग्रेड-3 को निर्धारित समयावधि में सी.पी.सी.टी. परीक्षा उत्तीण नहीं कर पाने के कारण सेवा समाप्त नहीं की जाये तथा जिन कर्मचारियों की सेवाएं समाप्त की गई है उन्हें में लिया जाये। पुनरू सेवा। टैक्सी प्रथा बंद की जावे तथा विभागों में वाहन चालकों के रिक्त पदों पर भर्ती प्रक्रिया तत्काल प्रारंभ की जाकर समाप्त किये गये पदों को पुर्नजीवित किया जावे। दिनांक 01.01.2005 के पश्चात् नियुक्त कर्मचारियों को नई पेंशन प्रणाली को बंद किया जाकर पुरानी पेंशन बहाल की जावे। वर्ष 2016 से बंद तृतीय एवं चतुर्थ श्रेणी के कर्मचारियों की पदोन्नतियों पात्रता दिनांक से दी जाए। सहायक ग्रेड 03 एवं कम्प्यूटर आपरेटर की योग्यता एवं कार्य एक समान होने के कारण सहायक – ग्रेड- 1- 03 को कम्प्यूटर आपरेटर के समान ग्रेड-पे 2400 दिया जावे। सहायक शिक्षक-शिक्षकों को तृतीय क्रमोन्नत वेतनमान के स्थान पर समयमान वेतनमान व पदोन्नति पदनाम दिया जाय तथा शिक्षकों को केन्द्र के अनुरूप छठवें एवं सातवें केन्द्रीय वेतनमान का लाभ दिया जाये। सीधी भर्ती के पदों पर दिये जा रहे स्टायफंड 70, 80 एवं 90 प्रतिशत के स्थान पर नियुक्ति दिनॉक से संबंधित पद का वेतनमान दिया जाये। विभिन्न संवर्ग के अधिकारी एवं कर्मचारियों यथा लिपिक, कार्यपालिक एवं तकनीकी कृषि विस्तार अधिकारी, कलाकार. महिला बाल विकास सुपरवाईजर पोलिटेक्निक एवं उच्च शिक्षा के प्रयोगशाला तकनीशियन, प्रयोगशाला परिचारक, वन रक्षक-वन पाल संवर्ग सहित अन्य विभागों के संवर्गों में व्याप्त वेतनमान की विसंगतियों को दूर किया जावे। माननीय उच्चतम न्यायालय के आदेशों के परिपालन में दिनांक 30 जून को सेवानिवृत्त कर्मचारियों को वार्षिक वेतन वृद्धि का लाभ दिया जाये। राज्य पुर्नगठन की धारा 49 (6) का बंधन पेंशनरों के लिये समाप्त करते हुये 71 प्रदेश के पेशनरों को भी देयक तिथ से पेंशन प्रदान की जावे। अर्हतादायी पेंशन की पात्रता 33 वर्ष के स्थान पर केन्द्र एवं अन्य राज्यों के समान 25 वर्ष की जावे। हैण्डपंप तकनीशियन की वेतन विसंगति दूर कर पांचवें वेतनमान अनुसार 4000-6000 किया जाए. नियुक्ति दिनांक से प्रभावशील वेतनमान 1150-1800 मान्य किया जाकर पुर्ननियमन की कार्यवाही को समाप्त किया जाए तथा अवकाश नगदीकरण की सुविधा प्रदान की जाए। कार्यभारित कर्मचारियों को नियमित सेवा घोषित किया जाये। कार्यभारित कर्मचारियों के सेवा निवृत के उपरांत नियमित कर्मचारियों के समान अवकाश नगदीकरण का लाभ दिया जावे। तृतीय एवं चतुर्थ श्रेणी के रिक्त पदों पर आउट शोर्ष से की जा रही भर्ती पर पूर्णतरू प्रतिबंध लगाते हुये 45000 स्थाई कर्मियों को शीघ्र सातवे वेतनमान का लाभ देते हुयें, नियमित कर्मचारी के समान समस्त सुविधायें प्रदान किया जावे। वर्ष 2007 के बाद नियुक्त दैनिक वेतन भोगी कर्मचारियों को स्थाई कर्मी का दर्जा दिया जावे। महंगाई भत्ता, गृह वाड़ा एवं अन्य भत्ते एरियर्स सहित देय तिथियों से दिया जावे। अंशकालीन कर्मचारी दैनिक श्रमिक, स्थाईकर्मी आगनवाड़ी कार्यकर्ता सहायिका आशा कार्यकर्ता कोटवार आदि कर्मचारियों को नियमित किया जावे। शुक्रवार को ज्ञापन देने वालों में प्रमुख रूप से जेबी सिंह, दिग्विजय सिंह, भागीरथ सिंह परमार, सिद्धु सिंह ठाकुर, सुंदरलाल राठौर, अथर अली आदि शामिल थे।

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