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सीहोर : देशी गायों के बीच ईनामी दूध प्रतियोगिता, दो बार पुरस्कार जीत चुकी गाय पर उठाई आपत्ति

जिला स्तर पर आयोजित प्रतियोगिता में पहला ईनाम 51 हजार रुपए

सीहोर। देशी गायों की नस्लों को बढ़ावा देने एवं देशी गायों के प्रति लोगों में जागरूगता बढ़ाने के उद्देश्य से जिला स्तर पर ईनामी दुग्ध प्रतियोगिता का आयोजन किया गया है। मुख्यमंत्री पुशपालन विकास पुरस्कार योजनान्तर्गत आयोजित इस प्रतियोगिता में पहला पुरस्कार 51 हजार रुपए, द्वितीय पुरस्कार 21 हजार रुपए एवं तृतीय पुरस्कार 11 रुपए की राशि है। प्रतियोगिता में 10 देशी गायों में बीच में मुकाबला है। प्रतियोगिता 13 फरवरी से 15 फरवरी के बीच आयोजित की गई है। इधर प्रतियोगिता में शामिल होने के लिए आई एक देशी गाय पर अन्य गाय पालकों ने आपत्ति उठाई है। हालांकि पुशपालन विभाग के वरिष्ठ अधिकारियों का कहना है कि ये गाय पहले भी दो बार पुरस्कार जीत चुकी है और ये गाय पूरी तरह देशी गाय है।
सड़कों पर घूमते पशुधन को सहेजने एवं उन्हें सुरक्षित रखने के लिए राज्य सरकार लगातार प्रयासरत है। इसके लिए जहां गांव-गांव में गौशालाओं का निर्माण कराया जा रहा है तो वहीं अब देशी गायों के प्रति लोगों में जागरूकता बढ़े और वे देशी पशुधन के महत्व को समझे, इसके लिए देशी गायों के बीच ईनामी दुग्ध प्रतियोगिता का आयोजन कराया जा रहा है। जिला स्तर पर आयोजित यह मुकाबला सीहोर जिला मुख्यालय स्थित पशु चिकित्सालय में आयोजित किया जा रहा है। इसमें 10 देशी गायों के बीच में मुकाबला है।
तीन टाईम लगाया जाएगा गायों का दूध-
देशी गायों के दूध की प्रतियोगिता यूं तो पहले भी कई बार हुर्इं, लेकिन कोरोना काल के कारण पिछले 2-3 वर्षों से प्रतियोगिता नहीं हो पा रही थी। इस बार फिर से प्रतियोगिता का आयोजन किया गया है। इसमें 10 देशी गायों को प्रतियोगिता में शामिल किया गया है। इसमें गिर, साइवाल, मालवी, निमाड़ी सहित अन्य देशी गायों की किस्में हैं। इन गायों के पालकों द्वारा इन गायों को प्रतियोगिता के लिए लाया गया है। ये गाय एक-एक टाईम में 7 से 12 लीटर तक दूध देती है। प्रतियोगिता में 13 फरवरी की शाम को इन गायों का दूध निकाला गया है। अब 14 फरवरी को सुबह एवं शाम और 15 फरवरी को सुबह भी इन गायों से दूध निकाला जाएगा। इसके बाद तीन टाइम के दूध को मिलाकर जो भी गाय दूध सबसे ज्यादा देगी उसे विजेता घोषित किया जाएगा। ईनामी दुग्ध प्रतियोगिता का पहला ईनाम 51 हजार रुपए, द्वितीय पुरस्कार 21 हजार एवं तृतीय पुरस्कार 11 हजार रुपए है।
पांच डॉक्टरों की समिति करती है निगरानी-
देशी दूध ईनामी प्रतियोगिता में पशुपालन विभाग के पांच डॉक्टरों की एक समिति बनाई गई है। यह समिति प्रतियोगिता के दौरान पूरी तरह मॉनीटरिंग करती है। इस दौरान यदि गाय पालकों को कोई परेशानी आए या फिर वे किसी तरह की कोई आपत्ति उठाएं तो यह समिति उसका निराकरण करती है।
इनका कहना है-
देशी गायों के दूध की ईनामी प्रतियोगिता का आयोजन कराया जा रहा है। पहले यह प्रतियोगिता गोपाल पुरस्कार योजना के तहत कराई जाती थी, लेकिन अब मुख्यमंत्री पशुपालन विकास पुरस्कार योजनान्तर्गत कराई जा रही है। इसमें सिर्फ देशी गायों की नस्लों को ही शामिल किया जाता है।
– डॉ. एकेएस भदौरिया, उप संचालक, पशुपालन विभाग

देशी गायों की नस्लों को सुरक्षित एवं लोगों में देशी गायों के प्रति जागरूकता बढ़ाने के उद्देश्य से देशी गायों के दूध की प्रतियोगिता आयोजित कराई गई है। इसमें देशी गायों को ही शामिल किया जाता है। यदि देशी गायों के अलावा कोई और गायें यहां आती हैं तो उन्हें प्रतियोगिता से बाहर कर दिया जाता है।
– डॉ. जीडी माहोर, वरिष्ठ पशु चिकित्सक

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