सीहोर। सावन मास के दौरान धार्मिक आयोजनों, कावड़ यात्राओं का सिलसिला लगातार जारी है। सावन के तीसरे सोमवार को भी जिलेभर में शिवालयों में अभिषेक, पूजन होते रहे तो वहीं जगह-जगह कावड़ यात्राएं भी निकाली गईं। श्रीहरि सामाजिक समिति रेहटी के तत्वावधान में प्रसिद्ध नर्मदा तट आंवलीघाट से टपकेश्वर महादेव मंदिर तक कावड़ यात्रा निकाली गई। इससे पहले आंवलीघाट में मां नर्मदा की पूजा-अर्चना की गई। इसके बाद यहां से कावड़ियों ने मां नर्मदा का जलभर यात्रा शुरू की, जो गांजीत, मुर्राह, धनकोट, पानगुराड़िया होते हुए टपकेश्वर महादेव मंदिर पहुंची। श्री हरि सामाजिक समिति रेहटी के संयोजक चेतन पटेल ने बताया कि टपकेश्वर में बाबा महादेव पर नर्मदा का जल अर्पित किया गया एवं पूजा-पाठ करके प्रसादी का वितरण भी हुआ। इस दौरान बड़ी संख्या में शिवभक्त मौजूद रहे। यहां बता दें कि श्रीहरि सामाजिक संस्था रेहटी द्वारा प्रतिवर्ष सावन मास में भव्य कावड़ यात्रा निकाली जाती है। इस बार भी यह यात्रा भव्य तरीके से निकाली गई। इस दौरान पूर्व सांसद रमाकांत भार्गव, मंडल अध्यक्ष प्रेमनारायण मीणा सहित अन्य जनप्रतिनिधि एवं बड़ी संख्या में शिवभक्त मौजूद रहे।
भजनों की धुन पर नाचते-गाते चले कावड़िए –
आंवलीघाट पर मां नर्मदा की पूजा-पाठ आरती के बाद कावड़ियों ने अपने-अपने कावड़ में मां नर्मदा का जल भरा। इसके बाद यात्रा की शुरूआत हुई। यात्रा का पहला पड़ाव गांजीद में हुआ। यहां पर कावड़ यात्रा का फूल बरसाकर स्वागत किया गया। इस दौरान कावड़ यात्री डीजे पर नाचते-गाते चलते रहे। यात्रा धनकोट, पानगुराड़िया सहित अन्य गांवों से होते हुए आगे बढ़ी। जगह-जगह यात्रा पर फूलों की बरसा हुई। इसके बाद टपकेश्वर पहुंचकर मां नर्मदा का जल भगवान शिव पर अर्पित किया गया। इसके बाद अभिषेक, पूजा-पाठ एवं आरती हुई। बाद में प्रसादी का वितरण भी किया गया।
बाबरी में निकली कावड़ यात्रा –
जिले के नर्मदा तट बाबरी से भी कावड़ यात्रा निकाली गई। बाबरी निवासी जादौनी परिवार द्वारा पिछले 2 वर्षों से कावड़ यात्रा निकाली जा रही है। इस दौरान बड़ी संख्या में शिवभक्त शामिल होते हैं। मां नर्मदा की पूजा के साथ कावड़ियों द्वारा जल भरकर यात्रा की शुरूआत की जाती है।
रेहटी में महिलाओं ने निकाली कावड़ यात्रा –
हरियाली तीज अमावस्या के अवसर पर रेहटी नगर में महिलाओं ने कावड़ यात्रा निकाली। इस दौरान सभी महिलाओं ने हरे रंग की साड़ी एवं युवतियों ने हरे रंग के कपड़े पहने। कावड़ यात्रा की शुरूआत बजरंग चौक से हुई। इस दौरान डीजे, ढोल-ढमाकों के साथ महिलाएं कावड़ में जलभर रवाना हुई। भजनों की धुन पर महिलाओं ने जमकर डांस भी किया। महिलाओं द्वारा निकाली गई कावड़ यात्रा का जगह-जगह पुष्प वर्षा कर स्वागत भी किया गया। महिलाओं ने अपने कंधों पर कावड़ रखे एवं महादेव के जयघोष के नारों के साथ यात्रा लगातार आगे बढ़ती गई। कावड़ यात्रा नगर के प्रमुख मार्गों से होते हुए हनुमान मंदिर पहुंची। यहां पर भगवान शंकर का सभी ने जलाभिषेक किया एवं पूजा-अर्चना करके आरती की। इस दौरान महिलाओं ने भजन भी गाए। हरियाली तीज के अवसर पर घरों में भी पूजा-पाठ किया गया।
जिलेभर मेें जगह-जगह निकली यात्राएं-
सीहोर जिलेभर में भी जगह-जगह कावड़ यात्राएं निकाली गईं। राजस्व मंत्री करण सिंह वर्मा, इछावर के पूर्व विधायक शैलेंद्र पटेल सहित अन्य जनप्रतिनिधियों द्वारा भी कावड़ यात्राएं निकाली गईं। इस दौरान प्रसिद्ध नर्मदा तट नीलकंठ से जल भरकर कावड़िए पदयात्रा करते हुए इछावर, सीहोर तक पहुंचे। यहां पर शिवालयों में मां नर्मदा का जल भगवान शंकर पर चढ़ाया गया एवं पूजा-पाठ करके आरती की गई। कई जगह महाप्रसादी का वितरण भी किया गया।
इधर जान जोखिम में डालकर की जा रही आस्था –
एक तरफ जहां कावड़ यात्राएं निकालकर शिवभक्ति का परिचय दिया जा रहा है तो वहीं कई यात्री अपनी जान जोखिम में डालकर आस्था कर रहे हैं। दरअसल इस समय जगह-जगह कावड़ यात्राएं निकाली जा रही हैं। कावड़ यात्री दिन-रात पदयात्रा करते हुए आगे बढ़ रहे हैं। ऐसे ही नीलकंठ सहित अन्य नर्मदा तटों से जल भरकर कावड़ यात्री रात्रि में भी पैदल चल रहे हैं। भैरूंदा से सीहोर मार्ग पर बड़ी संख्या में रात में भी यात्री पैदल चल रहे हैं। इस मार्ग पर रातभर डंपरों की सरपट दौड़ लगती रहती है, ऐसे में कावड़ यात्रियों की जान भी जोखिम में है।