सीहोर। प्रतिवर्षानुसार इस वर्ष भी पवित्र सावन मास में विठलेश सेवा समिति के तत्वाधान में शहर की जीवनदायिनी सीवन नदी से कुबेरेश्वर महादेव मंदिर तक करीब 11 किलोमीटर तक भव्य कावड़ यात्रा निकाली गई। इस दौरान सिद्धपुर नगरी सीहोर पूरी तरह से शिवमय हो गई। हर तरफ से हर-हर महादेव, बम-बम भोले, शिवशंकर के जयकारों की गूंज सुनाई देती रही। इस बार की कावड़ यात्रा ने पुराने सभी रिकार्ड तोड़ दिए। लाखों की तादाद में श्रद्धालु कावड़ यात्रा के लिए सीहोर पहुंचे। लाखों की संख्या में श्रद्धालुओं ने पंडित प्रदीप मिश्रा के साथ पैदल चलकर कुबेरेश्वर धाम पर पहुंचकर भगवान शिव का अभिषेक किया। देशभर के कौने-कौने से आए श्रद्धालु कांवड़ लेकर भगवान शिव के जयकारों के साथ चल रहे थे। शहर में दो घंटे और इंदौर-भोपाल हाईवे पर लगातार पांच घंटे तक जाम की स्थिति निर्मित रही। सबसे आकर्षण कावड़ महाराष्ट्र के अमरावती से आए सैकड़ों कांवड़ यात्रियों की रही, जो कांवड के साथ शिव परिवार की झांकियों को कंधे पर सवार कर 500 किलोमीटर का सफर तय कर धाम पर पहुंचे थे। इस मौके पर समिति के प्रबंधक पंडित समीर शुक्ला, पंडित विनय मिश्रा और मनोज दीक्षित मामा आदि ने अमरावती से आए श्रद्धालुओं का पुष्प माला पहनाकर स्वागत किया। यह कावड़ महाराष्ट्र से छह दिन पहले चली थी और शुक्रवार की देर रात्रि को शहर में पहुंची। रात्रि में जागरण कर सुबह ऐतिहासिक यात्रा के साथ शामिल रहे। शनिवार की सुबह भागवत भूषण पंडित श्री मिश्रा ने सीवन नदी घाट पर पहुंचकर विधि-विधान से पूजन-अर्चना के बाद कावड़ भरी और उसके बाद लगातार छह घंटे पैदल चलने के बाद मंदिर परिसर में पहुंचे। यहां पर भगवान शिव के अभिषेक और आरती का आयोजन किया गया।
कावड़ महाकुंभ संपन्न, प्रशासन भी रहा सजग-
कांवड़ महाकुंभ सकुशल संपन्न हो गया है। इस साल की कांवड़ यात्रा ने रिकॉर्ड तोड़ दिए हैं। देश के कौने-कौने से आए विभिन्न श्रद्धालुओं में सबसे अधिक संख्या में डाक कांवड़ियों की भीड़ उमड़ी। जिला प्रशासन, पुलिस प्रशासन सहित स्थानीय प्रशासन भी पूरी तरह सजग रहा। सीवन नदी घाट पर मोटर बोट और अन्य संसाधनों की सुविधा रखने के निर्देश कलेक्टर द्वारा दिए गए थे। देशभर से श्रद्धालु सीहोर पहुंचे। शहर की धर्मशालाएं, बस स्टैंड और रेलवे स्टेशन पर श्रद्धालुओं की भीड़ ही नजर आ रही थी। भीड़ को नियंत्रण करने के लिए पूरे मार्ग पर पुलिस के जवानों की व्यवस्था की गई थी। इसके बाद भी कई बार जाम जैसी स्थिति बनती रही।
11 किलोमीटर डीजे, ढोल के साथ निकली यात्रा –
कावड़ यात्रा 11 किलोमीटर तक निकाली गई। इस दौरान 300 से अधिक स्थानों पर कावड़ यात्रा की भव्य अगवानी की गई। कावड़ यात्रा को लेकर भव्य तैयारियां भी की गई थीं। यात्रा में शामिल होने के लिए दो-तीन दिन पहले से ही कुबेरेश्वर धाम पर कावड़ियों का जमावड़ा भी लगने लगा था। दूर-दूर से कावड़ लेकर यात्री यहां पहुंचे। इसके बाद सभी कावड़ यात्रा में शामिल हुए। कावड़ यात्रा में दो दर्जन से अधिक डीजे और एक दर्जन झांकियां भी शामिल रहीं। हर-हर महादेव के जयकारों के साथ पूरा वातावरण शिवमय हो गया।
जीवनदायिनी मां सीवन नदी का उत्थान –
कावड़ यात्रा के अवसर पर पंडित प्रदीप मिश्रा ने कहा कि कावड़ यात्रा का उद्देश्य जहां सीहोर नगर की जीवनदायिनी मां सीवन नदी का उत्थान है तो वहीं कावड़ से भगवान शिव पर जल चढ़ाने का महत्व भी है। सभी भक्त जल अपने-अपने गांव, अपने-अपने शहर, अपने-अपने घरों में स्थित शिवलिंग पर जरूर चढ़ाएं। उन्होंने कहा कि जो भी भक्त श्रद्धाभाव से भगवान भोलेनाथ शिव बाबा की पूजा-अर्चना करते हैं, जल चढ़ाते हैं उन पर बाबा अवश्य कृपा करते हैं। इस बार जो सावन में संयोग बन रहा है वो 72 साल बाद आया है। सावन की शुरुआत गत 22 जुलाई सोमवार को हुई और सावन समाप्त भी 19 अगस्त सोमवार के दिन होगा। पंडित प्रदीप मिश्रा के निर्देशानुसार क्षेत्रवासी और सभी समाजजन अपने-अपने स्तर से लगे रहे। कावड़ यात्रा में अनेक साधु-संत, जनप्रतिनिधि सहित हजारों की संख्या में श्रद्धालु शामिल हुए। यात्रा के आयोजन को लेकर समिति के लोग कावड़ यात्रा को सकुशल संपन्न कराने के लिए जोर-शोर से तैयारियों में लगे रहे। सभी के सहयोग से भव्य कावड़ यात्रा ने इतिहास बनाया। पंडित श्री मिश्रा ने कांवड यात्रा की सफलता के लिए जिला प्रशासन, पुलिस प्रशासन, शहर और ग्रामीण क्षेत्र के सभी जनप्रतिनिधियों के अलावा सामाजिक संगठन, संस्थान, क्लब आदि ने सहयोग किया है।
क्षेत्रवासियों के लिए संजीवनी साबित हुई कांवड यात्रा –
पिछले दो दिनों से लाखों की संख्या में श्रद्धालु शहर में पहुंचे थे, इस मौके पर आस्था के साथ आर्थिक रूप से संजीवनी देने वाली कावड़ यात्रा ने हमारे क्षेत्र का नाम राष्ट्रीय स्तर पर रोशन किया। हर तरफ कुंभ सा माहौल निर्मित हो गया था। कावड़ यात्रियों के लिए क्षेत्रवासियों ने दिल खोकर नाश्ते, फल, भोजन, खिचड़ी और पेयजल आदि की व्यवस्था यात्रा के दौरान की। हर तरफ सहयोग की भावना देखने को मिली। कावड़ यात्रा में शामिल महिलाओं ने केशरिया, पीले रंग की साड़ी पहनी, जबकि पुरुषों को भगवा रंग के गमछे के अलावा कार्यकर्ता समिति की टी-शर्ट में नजर आए।
श्रद्धालुओं को बांटा शुद्ध घी का हलवा एवं खिचड़ी –
कावड़ यात्रा में शामिल होने आए श्रद्धालुओं को श्रीराधेश्याम विहार में शुद्ध घी का हलवा और फलहारी खिचड़ी का वितरण किया गया। शहर के श्री राधेश्याम विहार कालोनी और प्रिय कैटर्स के सहयोग से करीब 10 क्विंटल शुद्ध घी का हलवा, 30 क्विंटल से अधिक फलहारी खिचड़ी और फलहारी का इंतजाम किया गया था। इधर विठलेश सेवा समिति की नगर इकाई के अनिल राय और सुरेश साबू ने बताया कि इकाई द्वारा चौपाल सागर चौराहे पर टेबलों का स्टाल लगाकर 15 क्विंटल साबूदाना खिचड़ी का प्रसाद श्रद्धालुओं को वितरित किया गया। समाजसेवी भारत गुप्ता द्वारा सीवन नदी तट पर पोहा आदि की व्यवस्था की गई। मान्यता है कि तमाम कष्ट उठाकर भगवान भोले शंकर की कावड़ चढ़ाने जाने वाले शिवभक्तों की सेवा करना भी परम पुण्य का काम है। इससे प्रेरित होकर कावड़ मार्ग पर जगह-जगह सेवा शिविर लगाए, जिससे कावड़ में शामिल होने वालों का अतिथि सत्कार हुआ।