
सीहोर/रेहटी। राष्ट्रपिता महात्मा गांधी पर एक शासकीय शिक्षक द्वारा आपत्तिजनक टिप्पणी करने के मामले में शिक्षा विभाग सीहोर और भारतीय जनता पार्टी मौन साधे हुए हैं तो वहीं पुलिस मामले की जांच में जुटी हुई है। इधर कांग्रेसी मामले को रफा-दफा करने के लिए सेटिंग में लगे हुए हैं। यहां बता दें कि रेहटी तहसील के ग्राम मोगरा स्थित शासकीय स्कूल में पदस्थ शिक्षक बलवीर सिंह निवासी ग्राम नीमखेड़ी ने सोशल मीडिया पर महात्मा गांधी के खिलाफ आपत्तिजनक शब्दों का प्रयोग किया था। इसके साथ ही उन्होंने पूर्व प्रधानमंत्री स्व. जवाहरलाल नेहरू एवं स्व. इंदिरा गांधी के बारे में भी अपमानजनक पोस्ट की थी। इस मामले को लेकर बुधनी विधानसभा के युवा कांग्रेस नेता विक्रम मस्ताल शर्मा ‘हनुमानजी’ के नेतृत्व में कांग्रेस नेताओं ने रेहटी तहसील में प्रभारी तहसीलदार युगविजय सिंह यादव एवं रेहटी थाना प्रभारी राजेश कहारे को एक ज्ञापन सौंपा था। जिला शिक्षा अधिकारी को भी लिखित शिकायत की गई थी। इसमें उन्होंने कहा था कि राष्ट्रपिता का अपमान देश का अपमान है। शासकीय शिक्षक बलवीर सिंह का यह कृत्य शासकीय सेवा नियमों के खिलाफ है। इस प्रकार शिक्षक द्वारा महात्मा गांधी पर की गई टिप्पणी बेहद अपमानजनक है। विक्रम मस्ताल शर्मा ने कहा था कि महात्मा गांधी हमारे राष्ट्रपिता हैं और उनके खिलाफ की गई ऐसी टिप्पणी बिल्कुल बर्दाश्त नहीं की जाएगी। शिक्षक बलवीर सिंह द्वारा पूर्व प्रधानमंत्री जवाहरलाल नेहरू एवं स्व. इंदिरा गांधी पर भी सोशल मीडिया पर आपत्तिजनक पोस्टें की गई है। उन्होंने तहसीलदार एवं थाना प्रभारी से शिक्षक बलवीर सिंह के खिलाफ एफआईआर दर्ज करने सहित सख्त कार्रवाई की मांग की थी।
नहीं हुई कोई कार्यवाही –
शिक्षक बलवीर सिंह द्वारा महात्मा गांधी पर की गई आपत्तिजनक टिप्पणी एवं पूर्व प्रधानमंत्री जवाहरलाल नेहरू व इंदिरा गांधी पर की गई आपत्तिजनक पोस्ट को लेकर शिक्षा विभाग सीहोर द्वारा अब तक कोई कार्रवाई नहीं की गई है। बुधनी ब्लॉक शिक्षा अधिकारी शशि सिंह ने बताया कि इस मामले में जांच समिति गठित की गई है। जांच समिति मामले की पूछताछ के लिए आज पहुंचेगी। वहीं पुलिस इस मामले की जांच कर रही है। रेहटी थाना प्रभारी राजेश कहारे ने बताया कि मामले की जांच की जा रही है। सूत्र बताते हैं कि इस मामले को लेकर कांग्रेसी भी सेटिंग करने में लगे हुए हैं। वे मामले को रफा-दफा करने की कोशिश कर रहे हैं। भाजपा के जिम्मेदार भी इस मामले में मौन हैं। अब ये देखना दिलचस्प होगा कि इस मामले में शिक्षा विभाग कोई कार्यवाही करता है या फिर कांग्रेस की सेटिंग का खेल जमता है।