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छावनी दशहरा उत्सव समिति ने किया बाल विहार मैदान में विधि-विधान से भूमि पूजन

- दशहरा पर इस बार रेनकोट में इंद्र को ललकारेगा दशानन

सीहोर। नवरात्रि के बाद आने वाले दशहरा पर्व की तैयारियां भी शुरू हो गईं हैं। इसी कड़ी में छावनी दशहरा उत्सव समिति द्वारा सीहोर के बाल बिहार मैदान पर विधि-विधान से भूमि पूजन किया गया। इस दौरान समिति के मुख्य संरक्षक वरिष्ठ भाजपा नेता, पूर्व जिला पंचायत, पूर्व नगर पालिका अध्यक्ष जसपाल सिंह अरोरा सहित अन्य सदस्यगण उपस्थित रहे। समिति के मुख्य संरक्षक जसपाल सिंह अरोरा ने बारिश के चलते वाटर प्रूफ रावण और मेघनाद के पुतले बनाए जाने का आर्डर दिया है।
प्रति वर्षानुसार इस वर्ष भी छावनी दशहरा उत्सव समिति के तत्वाधान में अधर्म पर धर्म की विजय का पर्व विजयादशमी आस्था और उत्साह के साथ मनाया जाएगा। बदलते हुए मौसम को देखते हुए समिति के संरक्षक पूर्व जिला पंचायत, पूर्व नगर पालिका अध्यक्ष जसपाल सिंह अरोरा ने रावण निर्माण समिति को निर्देश दिए हैं कि वाटर प्रूफ रावण, मेघनाथ के साथ कुंभकरण के पुतले का निर्माण करें। इसके अलावा अलावा भव्य राम बारात चल समारोह का गठन किया गया है। राम बारात शनिवार को रात्रि सात बजे शहर के नमक चौराहे स्थित श्रीसिद्ध हनुमान मंदिर से आरंभ होकर शहर के गांधी रोड, चरखा लाइन, बड़ा बाजार से होकर रावण दहन स्थल बाल विहार पहुंचेगी। आयोजन की तैयारियां को लेकर भूमि पूजन के अलावा मैदान का समतलीकरण आदि के विषय पर भूमि पूजन के दौरान समिति से चर्चा की गई। इस मौके पर भूमि पूजन कार्यक्रम की अध्यक्षता वरिष्ठ समाजसेवी हरीश अग्रवाल और अध्यक्ष आशीष गहलोत ने की। छावनी दशहरा उत्सव समिति के मीडिया प्रभारी प्रियांशु दीक्षित ने बताया कि हर वर्ष की तरह इस वर्ष भी समिति के तत्वाधान में शहर के बाल विहार मैदान पर उत्साह और आस्था के साथ दशहरा पर्व मनाए जाने की तैयारियां शुरू हो गई हैं। जोरदार आतिशबाजी और रोशनी के मध्य रावण का दहन किया जाएगा। रावण दहन के पूर्व भगवान श्रीराम की बारात शहर के सब्जी मंडी स्थित हनुमान मंदिर से निकाली जाएगी जो शहर के मुख्य मार्ग से होती हुई मैदान पर पहुंचेगी। राजधानी भोपाल में करीब 71 फीट के रावण के साथ मेघनाथ और कुंभकरण के पुतलों का निर्माण किया जा रहा है। कार्यक्रम के दौरान शहर के भव्य बाल विहार मैदान पर रावण, कुंभकरण और मेघनाथ के पुतलों का दहन के पहले भगवान श्रीराम और रावण की सेना के बाद महायुद्ध और लगातार तीन घंटे तक आकाशीय बहुरंगी आतिशबाजी का प्रदर्शन किया जाएगा। इस साल बारिश को देखते हुए वाटर प्रूफ रावण के अलावा अन्य पुतलों का निर्माण किया जा रहा है। वहीं मुंबई से जोरदार आतिशबाजी बुलाई गई है।

 

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