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सीहोर की जीवनदायिनी सीवन नदी की सुधरेगी दशा, गहरीकरण का काम शुरू

नगर पालिका अध्यक्ष प्रिंस राठौर की पहल पर शुरू हुआ गहरीकरण का कार्य

सीहोर। सीहोर शहर की जीवनदायिनी सीवन नदी की दुदर्शा अब सुधरेगी। सीवन नदी के गहरीकरण की मांग लगातार उठाई जा रही थी। इसके बाद अब नगर पालिका अध्यक्ष प्रिंस राठौर की पहल पर सीवन नदी के गहरीकरण का कार्य शुरू किया गया है। अब नदी के गहरीकरण से जहां बरसात के दिनों में ज्यादा पानी एकत्रित हो सकेगा तो वहीं यहां के जलस्त्रोतों को भी जीवन मिल सकेगा।
शहर के लोगों की जिंदगी से जुड़ी सीवन नदी लगातार अपनी जीवंतता खो रही थी। सीवन नदी का गहरीकरण और सफाई नहीं कराए जाने से यह पूरी तरह से उथली हो गई थी। हालात इस तरह के हो गए थे कि हर साल गर्मी आते-आते सीवन नदी ही पानी को तरसने लगी थी। गत दिनों नगर पालिका अध्यक्ष प्रिंस राठौर सहित क्षेत्र के अनेक पार्षदों ने भ्रमण कर इस संबंध में रूपरेखा बनाई थी, अब नपाध्यक्ष की पहल पर आधुनिक मशीनों के साथ ही शनिवार से नदी के गहरीकरण का कार्य शुरू हो गया है। जेसीबी और पोकलेन मशीन के द्वारा पहले ही दिन बड़ी संख्या में ट्रैक्टर-ट्राली से सीवन नदी का मलबा हटाया गया। नगर पालिका परिषद ने सीवन के गहरीकरण और सौंदर्यीकरण के लिए गत वर्ष ही करोड़ों रुपए की योजना बनाई है। सीवन नदी के गहरीकरण की शुरूआत कराई गई।
लगातार हो रही थी उपेक्षा का शिकार –
शहर के बीच से निकली सीवन नदी लंबे समय से उपेक्षा का शिकार हो रही थी। इसके बाद भी सीवन नदी की तरफ ध्यान नहीं दिया गया। हर साल बारिश के पानी के साथ आने वाली मिट्टी धीरे-धीरे गाद बनकर नदी की गहराई कम होने लगी। उथली होती नदी में जलभराव की मात्रा लगातार कम होती चली जा रही थी, लेकिन इसकी ध्यान नहीं गया था, लेकिन वर्तमान परिषद का भागीरथ प्रयास की लोग प्रशंसा कर रहे हैं। कई लोग जनभागीदारी के साथ सहयोग करने को तैयार है, जिससे आगामी दिनों में सीवन नदी का गहरीकरण के साथ सौंदर्यीकरण हो सकेगा।
जलकुंभी से पटी हुई है सीवन नदी –
वर्षों से शहरवासियों की जीवनदायनी पर ध्यान नहीं दिया गया है। परिणामस्वरूप सीवन नदी पूरी तरह से सूख चुकी है। सीवन की अनदेखी के चलते इस समय पूरी नदी जलकुंभी से पटी है। पानी तो जैसे दिखाई ही नहीं देता है। घाटों की दुर्दशा होती चली गई और नदी कचरे से पट गई। लगातार अनदेखी के चलते वर्तमान में महिला घाट, पुरुष घाट, चद्दर पुल, बकरी पुल के पास जुलकुंभी ही नजर आ रही है। इसको लेकर नपाध्यक्ष श्री राठौर का प्रयास जारी है। इस वर्ष अल्प बारिश के कारण सीवन नदी पहले ही दम तोड़ गई है, बारिश होने से पहले इसका गहरीकरण हो जाएगा तो नदी एक बार फिर से अपने प्राचीन स्वरूप में लबालब होकर बहती नजर आएगी।

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