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रात की आग ने सब कुछ छीन लिया, जनसहयोग बना पीडि़तों की आखिरी उम्मीद

सीहोर। जिले के ग्राम पाटनी में रात करीब 3 बजे अचानक लगी भीषण आग ने दो परिवारों की पूरी जिंदगी राख में बदल दी। आग इतनी भयावह थी कि देखते ही देखते इरफान और इकबाल के लकड़ी से बने मकान धू-धू कर जल उठे। इस हादसे में इरफान के 10 कमरे और इकबाल के 6 कमरे पूरी तरह जलकर खाक हो गए।
ग्रामीणों ने रात में ही आग बुझाने का भरसक प्रयास किया, लेकिन आग की लपटें इतनी तेज थीं कि कोई भी कोशिश कामयाब नहीं हो सकी। लगभग डेढ़ घंटे बाद दमकल वाहन मौके पर पहुंचा, तब तक सब कुछ जलकर समाप्त हो चुका था।
घटना की जानकारी मिलते ही किसान व समाजसेवी एमएस मेवाड़ा मौके पर पहुंचे। उनकी प्रेरणा से ग्रामवासियों ने मानवीय संवेदना का परिचय देते हुए जनसहयोग किया। किसी ने 200, किसी ने 500 तो किसी ने 1000 रुपये दिए। 26 ग्रामीणों के सहयोग से 16,010 रुपये की राशि एकत्र कर दोनों पीडि़तों भाइयों को सौंपी गई।
समाजसेवी एमएस मेवाड़ा ने मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव एवं जिला प्रशासन से विशेष आर्थिक सहायता देने की मांग की है। उन्होंने कहा कि सरकार को पीडि़त परिवारों को अधिकतम अनुदान देना चाहिए, ताकि वे दोबारा अपना घर बना सकें। इस दुख की घड़ी में पूरा गांव एकजुट होकर पीडि़त परिवारों के साथ खड़ा नजर आया।

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