’शिव-साधना’ ने जिस सलकनपुर भोग प्रसादम केंद्र का किया था शुभारंभ, अब उस पर मंडराया संकट

- सलकनपुर मंदिर समिति ने कलेक्टर-एसपी को सौंपा भोग प्रसादम केंद्र को बंद करने का प्रस्ताव, बताया यहां के लड्डुओं को ’अशुद्ध’

सीहोर। तिरुपति बालाजी मंदिर के लड्डुओं में जानवरों की चर्बी मिलाने के मामले के बीच में ही अब सलकनपुर भोग प्रसादम पर भी सवाल उठाए गए हैं। सलकनपुर मंदिर समिति द्वारा इसको लेकर कलेक्टर-एसपी को प्रस्ताव भी सौंपा गया है, जिसमें कहा गया है कि भोग प्रसादम केंद्र के लड्डुओं में अजीब सी महक आती है और इन्हें शुद्धता के पैमाने पर नहीं आंक सकते। इनकी बिक्री सलकनपुर से बंद कराई जाए एवं इनके पैकेट में जो मंदिर समिति का मोनो लगा हुआ है इसे भी हटवाया जाए। यहां बता दें कि वर्ष 2021 में मुख्यमंत्री रहते हुए शिवराज सिंह चौहान एवं उनकी धर्मपत्नी साधना सिंह ने मालीबायां स्थित सलकनपुर भोग प्रसादम् केंद्र का शुभारंभ किया था। इसकी पहल तत्कालीन कलेक्टर चंद्रमोहन ठाकुर ने की थी। इस केंद्र को महिला स्व-सहायता समूह द्वारा संचालित किया जा रहा है, लेकिन अब इस पर संकट के बादल मंडरा रहे हैं।

मंदिर समिति ने तर्क दिया, आती है अजीब सी महक –

सलकनपुर भोग प्रसादम् के रूप में दिए जा रहे लड्डुओं पर सलकनपुर ट्रस्ट समिति ने सवाल उठाते हुए कहा कि सलकनपुर मंदिर प्रांगण में बेचे जा रहे लड्डुओं से अजीब सी महक आती है। इसके संबंध में मंदिर समिति ने भक्तों से अपील करते हुए कहा कि मंदिर में बेचे जा रहे लड्डू बिल्कुल न खरीदे। इसकी गुणवत्ता की कोई गारंटी नहीं है। इस संबंध में समिति ने पिछले दिनों शारदीय नवरात्रि को लेकर हुई बैठक में जिला कलेक्टर प्रवीण सिंह एवं एसपी मंयक अवस्थी को लिखित आवेदन भी सौंपा है। मंदिर समिति ने आवेदन में बताया है कि सलकनपुर मंदिर परिसर में मंदिर का मोनो लगाकर स्व-सहायता समूह द्वारा प्रसाद के रूप में बेचे जा रहे लड्डुओं की गुणवत्ता की कोई गारंटी नहीं है। लड्डुओं मेें किस तरह की निर्माण सामग्री का उपयोग किया जा रहा है, इस पर किसी भी जांच लैब का कोई प्रमाणीकरण नहीं है। इसके संबंध में अनेक बार दर्शनार्थियों ने खरीदे गए प्रसाद की अध्यक्ष एवं ट्रस्ट समिति से शिकायत भी की है। शिकायत में बताया कि लड्डुओं से अजीब सी महक आती है। इस संबंध में लड्डू बेचने वालों से समिति ने कहा है कि किसी भी बाहरी संस्था द्वारा मंदिर प्रांगण में मंदिर का मोनो लगाकर लड्डू बेचना प्रतिबंधित है, इसलिए मंदिर प्रांगण में लड्डू बेचना तत्काल बंद किया जाए। मंदिर का मोनो लगा होने के कारण घटिया सामग्री संदर्भ में लड्डू बेचना मंदिर की प्रतिष्ठा से जुड़ा हुआ मामला है।

समिति ने लड्डू न खरीदने की अपील की-
मंदिर समिति ने लड्डू के रूप में प्रसाद खरीदने वाले समस्त भक्तों से अपील की है कि वे सलकनपुर भोग प्रसादम् के नाम पर मंदिर में बेचे जा रहे लड्डू बिल्कुल न खरीदे। इनकी शुद्धता की मंदिर प्रबंधन की कोई जवाबदेही नहीं है। मंदिर समिति ने कलेक्टर प्रवीण सिंह एवं एसपी मयंक अवस्थी से निवेदन किया है कि किसी तरह की खराब क्वालिटी के कारण मंदिर की प्रतिष्ठा पर आंच आए, उससे पहले मंदिर प्रांगण में मंदिर का मोनो लगाकर बेचे जा रहे लड्डुओं के प्रसाद को प्रतिबंधित किया जाए। इस संबंध में ट्रस्ट ने एसडीएम बुधनी राधेश्याम बघेल, तहसीलदार रेहटी भूपेंद्र कैलाशिया, एसडीओपी बुधनी शशांक सिंह गुर्जर, रेहटी टीआई राजेश कहारे को भी आवेदन देकर अवगत कराया है कि तत्काल लड्डुओं के विक्रय पर प्रतिबंध लगाया जाए।

मुख्यमंत्री रहते हुए शिवराज सिंह चौहान ने किया था शुभारंभ –

मालीबायां स्थित सलकनपुर भोग प्रसादम् केंद्र का शुभारंभ शिवराज सिंह चौहान ने मुख्यमंत्री रहते किया था। इस दौरान उनकी धर्मपत्नी साधना सिंह भी उनके साथ मौजूद थीं। इस दौरान उन्होंने स्व-सहायता समूह की महिलाओं से समूह की गतिविधियों के बारे में विस्तार से जानकारी ली थी और उनके द्वारा बनाए जाने वाले उत्पादों और उपकरणों का अवलोकन भी किया था। उन्होंने कहा था कि स्व सहायता समूह के माध्यम से प्रदेश की हर महिला को सशक्त बनाना है और उन्हें लखपति क्लब में शामिल करना है। महिलाएं सशक्त और आत्मनिर्भर बनेंगी तो समाज सशक्त बनेगा।

तत्कालीन कलेक्टर चंद्रमोहन ठाकुर ने की थी पहल-
ग्राम संगठन सलकनपुर एवं उन्नति सीएलएफ बुदनी की महिलाओं द्वारा स्व-सहायता समूह चलाया जा रहा है। यह समूह आजीविका मिशन के तहत बनाया गया था। शुरूआत में करीब 15 महिलाएं काम कर रही थीं, लेकिन अब इनकी संख्या 25 से ज्यादा हो गईं हैं। महिलाओं का यह समूह शुद्ध घी के बेसन के लड्डू बनाता है। उनके लड्डू इतने स्वादिष्ट हैं कि अब ये सलकनपुर प्रसादम् लड्डू के रूप में विख्यात हो गए हैं। इस स्व-सहायता समूह को तत्कालीन कलेक्टर चंद्रमोहन ठाकुर की पहल पर प्रमोट किया गया था। समूह ने उस समय नवरात्रि में लड्डुओं के माध्यम से बेहतर बिजनेस भी किया था। तत्कालीन कलेक्टर चंद्रमोहन ठाकुर के मार्गदर्शन में शुरू किए गए इस नवाचार की जमकर सराहना भी हुई। दरअसल महिलाओं कोे आत्मनिर्भर बनाने के लिए हर स्तर पर प्रयास किए जा रहे हैं। ग्राम संगठन सलकनपुर एवं उन्नति सीएलफ बुदनी द्वारा शुरू किए गए इस कार्य की भी खूब तारीफें हुईं। तत्कालीन मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान भी इस पहल की सराहना कर चुके हैं। महिलाओं द्वारा तैयार किए जा रहे लड्डू 400 रूपए किलो के हिसाब से बिकतेे हैं। 100 ग्राम, 250 ग्राम, 500 ग्राम एवं एक किलो की पैकिंग में इन्हें पैक किया जा रहा है। इसके लिए सलकनपुर में एक प्रसाद काउंटर भी खोला गया था, लेकिन फिलहाल इसे बंद करवा दिया गया है। अब सलकनपुर भोग प्रसादम पर संकट के बादल मंडराने लगे हैं।

सगोनिया ग्राम पंचायत ने दिया था भवन –
सलकनपुर भोग प्रसादम केंद्र मालीबायां में संचालित किया जा रहा है। इसके लिए ग्राम पंचायत सगोनिया द्वारा भवन उपलब्ध कराया गया है। यहां पर ग्राम संगठन सलकनपुर एवं उन्नति सीएलएफ बुदनी की महिलाओं द्वारा लड्डू तैयार किए जाते हैं और इन्हें सलकनपुर मंदिर में काउंटर के माध्यम से बेचा जाता था। फिलहाल सलकनपुर में इनकी बिक्री प्रतिबंधित कर दी गई है।

ये बोले जिम्मेदार –
इस संबंध में सलकनपुर मंदिर समिति के अध्यक्ष महेश उपाध्याय ने बताया कि सलकनपुर मंदिर परिसर में मंदिर का मोनो लगाकर लड्डू बेचने वालों पर प्रतिबंध लगाने के लिए कलेक्टर एवं एसपी को आवेदन देकर अवगत कराया है। इसके साथ ही भक्तों से भी लड्डू नहीं खरीदने की अपील की है। कलेक्टर प्रवीण सिंह ने बताया कि सलकनपुर में स्व-सहायता समूह की महिलाएं लड्डुओं को बेचने का काम कर रही हैं। लड्डुओं की गुणवत्ता को चेक कराया जा रहा है। स्व-सहायता समूह की रजनी ने बताया कि उनके समूह के लड्डुओं को लेकर जो भी कहा जा रहा है, वह सब गलत है। हमारे लड्डू पूरी

तरह से शुद्ध एवं गुणवत्तापूर्ण तरीके से तैयार किए जाते हैं। लड्डुओं के लिए दाल भी यहीं पर तैयार की जाती है एवं शुद्ध घी में इन्हें बनाया जाता है। अब मंदिर समिति के अध्यक्ष द्वारा हमको कहा गया है कि यहां पर स्टॉल नहीं लगाएं, जबकि हमारे लड्डुओं के लिए कई श्रद्धालु-भक्त मांग कर रहे हैं। कई लोग मालीबायां तक भी आए हैं और उन्होंने यहां से लड्डू लिए हैं। हमारे समूह द्वारा सालभर में करीब 12 से 13 लाख रूपए के लड्डुओं की बिक्री की जाती है। यदि इस भोग प्रसादम को बंद कर दिया जाएगा तो हमारे समूह की 25 महिलाएं बेरोजगार हो जाएंगी। ये सभी महिलाएं विधवा हैं एवं समूह से जुड़कर बेहतर कार्य कर रही हैं। लड्डुओं में किसी भी प्रकार की कोई महक नहीं आती है। यह सब गलत तरीके से प्रचारित किया जा रहा है।

मिलावट लड्डू में है या सरकार के चरित्र में है ?: विक्रम मस्ताल शर्मा
सलकनपुर भोग प्रसादम् को लेकर कांग्रेस ने भी तंज कसा है। बुधनी विधानसभा के युवा नेता एवं चुनाव में कांग्रेस प्रत्याशी रहे विक्रम मस्ताल शर्मा ’हनुमानजी’ ने कहा है कि मिलावट लड्डुओं में है या फिर सरकार के चरित्र में है। एक तरफ सरकार महिलाओं को लाडली बहना कहती है तो वहीं दूसरी तरफ अपनी लाडली बहनाओं को बेरोजगार करने में जुटी हुई है। सरकार की ये दोहरी नीति है। जिस कार्य को बुधनी विधानसभा से विधायक रहते हुए मुख्यमंत्री की कुर्सी संभालने वाले शिवराज सिंह चौहान ने शुरू किया था, अब उसको मंदिर समिति बंद करवा रही है। मंदिर समिति को तीन वर्षों के बाद लड्डुओं में खामियां दिखीं, जबकि श्रद्धालु-भक्तों के द्वारा सलकनपुर का भोग प्रसादम की जमकर सराहना की जाती है। लोग बड़ी संख्या में यहां के लड्डुुओं को लेते हैं।