शोभायात्रा के साथ हुआ सात दिवसीय भागवत कथा का शुभारंभ

आष्टा। नगर के बड़ा बाजार स्थित गणेश मंदिर में श्रीमद् भागवत कथा का शुभारंभ भव्य शोभा यात्रा के साथ हुआ। शोभायात्रा में परम पूज्य स्वामी श्रीकृष्ण शरण महाराज भी शामिल हुए। शोभायात्रा में श्रीमद भागवत गीता धर्म ग्रंथ को सिर पर रखकर यजमान जितेंद्र सिंह ठाकुर हाजीपुर अपनी पत्नी के साथ शामिल रहे। इस दौरान नगर में हर्षोल्लास का वातावरण रहा। शोभायात्रा राम मंदिर में दर्शन पश्चात गंज होते हुए कन्नौद रोड मार्ग स्थित दशहरा मैदान कथा स्थल पहुंची। स्वामी जी ने श्रीमद भागवत का पूजन किया एवं आरती की शुरूआत के साथ कथा मंच पर विराजमान हुए।
उन्होंने एक प्रसंग में बताया कि दुनिया सिद्धि की ओर भाग रही है, शुद्धि कोई नहीं चाहता। जब हम नर्मदा परिक्रमा मार्ग पर निकले थे तब एक संत ने हमें बताया था कि कोई संकल्प लेकर परिक्रमा में नहीं चलिएगा, वरना संकल्प तो पूरा हो जाएगा, परंतु परिक्रमा संकल्प को पूरा करने में ही खप जाएगी। उससे आगे कुछ नहीं होगा, अब यदि कोई संकल्प नहीं होगा तो, आपको इतना मिलेगा कि समेटा नहीं जाएगा। एक अन्य प्रसंग में उन्होंने बताया कि एक छोटा बच्चा दुकान पर अपनी मां के साथ गया। मां के साथ में जब दुकान पर पहुंचे तो मां ने एक बहुत लंबी लिस्ट दुकानदार को दी, जब दुकानदार सामान पैक करने लगा तो उसका ध्यान बच्चे पर गया और उसे देखकर उसके मन में ऐसा लगा, उसने बच्चे के सामने टॉफी की बरनी खोलकर आगे कर दी, क्योंकि, बच्चा छोटा था। मां के पल्लू के पीछे छीप गया, तब दुकानदार ने कहा शरमाओ नहीं जितनी चाहिए उतनी ले लो, बच्चे ने फिर भी मना किया। दुकानदार ने कहा इतना क्यों संकोच करते हो बेटा, ले लो जितनी चाहिए। बच्चे ने कहा मुझे लेना ही नहीं। मां ने भी कहा बेटा ले लो उसने मां को भी मना कर दिया। बार-बार आग्रह करने के बाद बच्चे ने कहा अगर आप इतना ही कर रहे हैं आप अपने ही हाथों से मुझे दे दीजिए। बच्चे के मुंह से ऐसा सुनकर दुकानदार ने अपने दोनों हाथों की मुट्ठी भर कर बच्चे की जेब में डाल दिया। जब वहां से चले तो रास्ते में बच्चा टॉफी निकालकर खाने लगा, तब मैंने पूछा क्यों जब वह देना चाहते थे तो तुमने लिया नहीं और जब बाद में भी दिया तो लिया क्यों पहले क्यों मना किया। यह सुनकर बच्चे ने जो जवाब दिया, यदि में लेता तो मेरे छोटे-छोटे हाथ हैं और जब उन्होंने दिया तो देखिए। तात्पर्य यह ही की आप प्रभु से मांगोगे तो कितना मांगोगे आपकी एक सीमा होगी। आपकी बुद्धि की भी एक सीमा होगी, परंतु वह देने पर आएगा तो इतना देगा की समेटा नहीं जाएगा। कथा में विधायक रघुनाथ सिंह मालवीय, जिला पंचायत अध्यक्ष गोपाल सिंह इंजीनियर, बलजीत सिंह, अनोखी लाल खंडेलवाल, कैलाश परमार, पूर्व विधायक अजीत सिंह, रायसिंह मेवाड़ा, मीना सिंगी, जीवन सिंह मंडलोई, विनीत सिंगी, राकेश सुराणा, कालू भट्ट, कृपाल सिंह पटाडा, एचआर परमाल, अंजनी विशाल चौरसिया, रवि शर्मा, घनश्याम जांगड़ा, राजीव गुप्ता, नवीन सोनी, नरेंद्र गंगवाल, संजय जोशी, सुशील संचेती, धनंजय जाट, दिनेश शर्मा, मानसिंह इलाही, कैलाश बगाना, डॉ हेमंत वर्मा, माखनलाल सोनी, कन्हैयालाल शर्मा, हरिसिंह डॉक्टर, उदयसिंह मंडी गेट, विक्रम सिंह बोरवेल बजे सिंह हाजीपुर, मोर सिंह हाजीपुर, गोलू हाजीपुर, धर्मेंद्र सिंह सरपंच मावडिया सहित आष्टा सकल समाज एवं महिला संगठन भी उपस्थित रहे।