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भगवान के अंग हैं रामचरित मानस के सातों कांड: उद्धवदास जी महाराज

विश्वनाथपुरी में नौ दिवसीय संगीतमयी श्रीराम कथा का शुभारंभ

सीहोर। पूरी रामचरित मानस में सात कांड में श्रीराम कथा का वर्णन हैं। ये सातों कांड भगवान के शरीर के विभिन्न अंग हैं। बालकांड भगवान के चरण है, अयोध्या कांड उनकी कमर है, अरण्य कांड उनका पेट है, किष्किंधा कांड उनकी छाती है, सुंदरकांड भगवान का कंठ है, उनका मुख लंका कांड है वहीं उत्तर कांड भगवान का मस्तिष्क है। उत्तरकांड में हर प्रश्न का उत्तर दिया गया है। आज से सैकड़ों वर्ष पूर्व रचित श्रीरामचरित मानस में जिन प्रश्नों के उत्तर दिए गए हैं वे प्रश्न आज भी जनमानस के मन में आते हैं और उनका समाधान उन्हें उत्तर कांड से मिल जाता है। श्रीराम चरित मानस जीवन जीने की कला सिखाती है। उक्त आश्य के उदगार सुप्रसिद्ध श्रीरामकथा वाचक श्रीश्री 1008 महंत श्री उद्धवदास जी त्यागी महाराज श्रीराम कुटी आश्रम सीहोर ने व्यक्त किए। वे शहर के सीवन स्काई सिटी के नजदीक विश्वनाथपुरी में स्थित प्रसिद्ध श्री संकटमोचन हनुमान मंदिर प्रांगण में नौ दिवसीय संगीतमयी श्रीरामकथा के प्रथम दिवस व्यास पीठ से श्रीराम कथा का श्रवण करा रहे थे। महाराजश्री ने कहा कि रामचरित मानस का नाम इसलिए रखा गया, ताकि आम जनमानस रामचरित को अपने जीवन में उतार सके और अपने जीवन को सही रास्ते पर चलाकर अपने दायित्व और धर्म का पालन कर सके। उन्होंने कहा कि माता-पिता, पति-पत्नि, मित्र सभी को अपने-अपने धर्म का पालन करना रामचरित मानस सिखाती है। यदि सभी अपने धर्म का पालन कर अपना जीवन व्यतीत करें तो पूरा देश और समाज उन्नति के पथ पर अग्रसर हो जाएगा। उन्होंने कहा कि हम सबका यह बड़ा सौभाग्य है कि हम उस वर्ष में श्रीरामकथा का श्रवण कर रहे हैं जब अयोध्या में भगवान श्रीराम 500 वर्ष बाद अपने मंदिर में विराजमान हुए हैं। कथा में अपनी सुमधुर वाणी में महाराज जी ने कई भजन सुनाए जिन्हें सुनकर सभी श्रद्धालु मंत्रमुग्ध हो गए।
प्रतिवर्ष होता है श्रीराम कथा का आयोजन-
प्रतिवर्ष अनुसार इस वर्ष भी 13 अप्रैल शनिवार से 21 अप्रैल रविवार तक प्रतिदिन रात्रि 8 बजे से 11 बजे तक नौ दिवसीय श्री रामकथा का आयोजन किया जा रहा है। कथा में श्री उद्धवदास जी त्यागी महाराज श्रीराम कुटी त्यागी आश्रम सीहोर द्वारा सभी भगवतजनों को रामकथा की रसास्वादन कराया जाएगा। कथा आयोजन समिति के अध्यक्ष अमित नीखरा, मंदिर समिति के अध्यक्ष अनारसिंह चौहान, संरक्षक कमलसिंह ठाकुर, पं. ओमप्रकाश शर्मा, एमएस परमार, मुकेश भावसार, इन्द्रजीतसिंह, महेन्द्रसिंह चौहान, गोपालदास अग्रवाल, भानुप्रसाद गौर कथा आयोजन समिति के उपाध्यक्ष पंकज ठाकुर, संतोष परमार, सुमित गिरोेंदिया, सचिव मोहब्बतसिंह तोमर, कोषाध्यक्ष किशन राठौर, आनंद अग्रवाल तथा मीडिया प्रभारी संजय भावसार सहित शुभम मालवीय, मुकेश प्रजापति, मनोज दुबे, नीरज ठाकुर, संतोष दरबार आदि अनेक समिति सदस्यों ने सभी धर्मप्रेमी जनों से अधिक से अधिक संख्या में श्रीराम कथा में सम्मिलित होकर धर्मलाभ प्राप्त करने की अपील की है। कथा समापन के अगले दिन श्री हनुमान जन्मोत्सव के अवसर पर मंदिर में अखंड रामायण का पाठ भी किया जाएगा, जो 22 अप्रैल को सुबह प्रारंभ होगा एवं 23 अप्रैल को समापन पश्चात हवन किया जाएगा। इसके साथ ही शाम को विशाल भंडारे का आयोजन किया जाएगा।

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