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Sehore News : शादी के 20 साल बाद थी तलाक की नौबत, लेकिन खुशी-खुशी घर गए

- वर्ष की द्वितीय नेशनल लोक अदालत में सीहोर में 5 करोड़ 89 लाख 89 हजार 320 रुपए के 1275 प्रकरणों का हुआ निराकरण

सीहोर। शादी के 20 साल बाद एक दंपत्ति के बीच तलाक की नौबत थी। महिला ने कुटुम्ब न्यायालय में शिकायत दर्ज कराई। प्रकरण में कई बार समझाईश दी गई। मामला नेशनल लोक अदालत में पहुंचा तो यहां पर उसका निराकरण भी हो गया। दंपत्ति खुशी-खुशी घर पहुंचे। इसी तरह अन्य कई मामलों का निराकरण भी किया गया। इस वर्ष की दूसरी नेशनल लोक अदालत में सीहोर जिले में 5 करोड़ 89 लाख 89 हजार 320 रुपए के 1275 प्रकरणों का हुआ निराकरण किया गया।
राष्ट्रीय विधिक सेवा प्राधिकरण एवं राज्य विधिक सेवा प्राधिकरण के निर्देश पर सीहोर जिला मुख्यालय सहित सभी तहसील न्यायालयों में वर्ष की द्वितीय नेशनल लोक अदालत आयोजित की गई। जिला न्यायालय में आयोजित नेशनल लोक अदालत का शुभारंभ जिला एवं सत्र न्यायाधीश तथा जिला विधिक सेवा प्राधिकरण के अध्यक्ष आरएन चंद ने किया। श्री चंद कहा कि नेशनल लोक अदालत त्वरित एवं सुलभ न्याय का अच्छा अवसर है। लोक अदालत जैसे राष्ट्रीय पर्व में सभी नागरिकों को अपना योगदान देना चाहिए। लोगों को नेशनल लोक अदालत में आकर इस अवसर का लाभ उठाना चाहिए। राजीनामा करने वाले सभी पक्षकारों को जिला विधिक सेवा प्राधिकरण द्वारा पौधे भी वितरित किए गए।
1275 प्रकरणों का हुआ निराकरण-
विधिक सेवा प्राधिकरण के सचिव मुकेश कुमार दांगी ने जानकारी दी कि नेशनल लोक अदालत में प्रकरणों के निराकरण के लिए 24 खण्डपीठें गठित की गई थी। इन खण्डपीठों में नेशनल लोक अदालत में आपसी समझौते के आधार पर निराकरण कराए जाने के लिए न्यायालय में लंबित कुल 4515 प्रकरण रखे गए थे, जिनमें से 436 प्रकरणों का निराकरण आपसी राजीनामा के आधार पर होकर समझौता राशि 3 करोड़ 88 लाख 20 हजार 963 रुपए जमा कराई गई। इसी प्रकार नेशनल लोक अदालत की खण्डपीठ के समक्ष कुल प्रिलिटिगेशन के 17 हजार 248 प्रकरण रखे गए थे, जिनमें से 796 प्रकरणों का निराकरण होकर समझौता राशि एक करोड़ 96 लाख 85 हजार 257 रुपए जमा कराई गई। साथ ही नॉन कम्पांउडेबल प्रकरणों में 45 प्रकरण रखे गए थे, जिनमें से 43 प्रकरण निराकृत हुए और समझौता राशि 4 लाख 78 हजार 100 रुपए जमा की गई। इस प्रकार नेशनल लोक अदालत में कुल 1275 प्रकरणों का निराकरण किया गया, जिसमें रुपए 5 करोड़ 89 लाख 85 हजार 320 रूपए समझौता राशि जमा हुई।
एक दम्पति को हार-फूल माला पहनाकर खुशी-खुशी किया विदा-
नेशनल लोक अदालत में एचएम प्रकरण क्रमांक 06/2022 शर्मिला वि. बालाप्रसाद के प्रकरण में दोनों का विवाह 20 वर्ष पूर्व हुआ था। आवेदिका शर्मिला को मानसिक, शारीरिक प्रताड़ित कर बुरा बरताव कर दाम्पत्य सुख से वंचित कर छोड़ रखा था। इससे परेशान होकर उसने कुटुम्ब न्यायालय में दाम्पत्य जीवन की पुर्नस्थापना के लिए केस दर्ज किया। इस प्रकरण में न्यायालय के पीठासीन अधिकारी अनिल कुमार अग्रवाल ने दोनों पक्षों को कई बार समझाईश दी जाकर उन्होंने प्रकरण में दोनों पक्षों की आपसी सहमति के आधार पर राजीनामा किया। उभयपक्ष अधिवक्ता स्वप्निल सक्सेना की भी राजीनामा करवाए जाने में महत्वपूर्ण भूमिका रही है। राजीनामा होने से दोनों पक्ष खुश हुए और खुशी-खुशी विदा होकर घर लौटे।
नेशनल लोक अदालत में भारी संख्या में प्रकरणों के निराकरण में पक्षकारों एवं अभिभाषक की उत्सुकता देखी गई। अधिकांश पक्षकार अपने प्रकरण का निराकरण समझौते के माध्यम से होने से चेहरे पर मुस्कान लेकर बिदा हुए। नेशनल लोक अदालत में प्रधान न्यायाधीश परिवार न्यायालय अनिल कुमार अग्रवाल, प्रथम अपर जिला न्यायाधीश संजय कुमार शाही, द्वितीय अपर जिला न्यायाधीश अशोक भारद्वाज, तृतीय जिला न्यायाधीश अभिलाष जैन, मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट अर्चना नायडू बोडे एवं न्यायाधीश सहित अधिवक्ता एवं पैरालीगल वालेन्टियर्स उपस्थित थे।

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