सीहोर। कमिश्नर कार्यालय भोपाल में संभागीय बैठक का आयोजन किया गया। इसमें सीहोर कलेक्टर प्रवीण सिंह ने जिले की प्रगति तथा जिले में संचालित विभिन्न योजनाओं, अभियानों एवं गतिविधियों के बारे में अवगत कराया। इस दौरान राजस्व विभाग की समीक्षा में बताया कि राजस्व महाअभियान-2 के अंतर्गत संभाग की प्रगति अच्छी है। संभाग में राजस्व प्रकरणों के निराकरण का प्रतिशत 75 है जो कि राज्य के औसत से अधिक है। अभियान के अंतर्गत संभाग के सीहोर जिले में 83 प्रतिशत, विदिशा जिले में 82 प्रतिशत, रायसेन जिले में 81 प्रतिशत, राजगढ़ जिले में 78 प्रतिशत और भोपाल जिले में 63 प्रतिशत राजस्व प्रकरणों का निराकरण किया गया है। संभागायुक्त ने निर्देश दिए कि जिन गांवों के राजस्व नक्शे नहीं है उन्हें बनवाया जाए। राजस्व प्रकरणों की जानकारी आर.सी.एम.एस. पोर्टल पर अनिवार्य रूप से दर्ज की जाए। जिन राजस्व कार्यालयों को नवीन भवन की आवश्यकता है, तत्संबंधी प्रस्ताव भिजवाएं। संभागायुक्त संजीव सिंह ने कहा है कि हर विभाग जन शिकायत निवारण का मजबूत मानीटरिंग सिस्टम बनाए। शिकायत प्राप्त होने पर उसका त्वरित निराकरण हो तथा संबंधित को सूचित भी किया जाए। सीएम हेल्पलाइन (181) पर प्राप्त शिकायतों के साथ ही विभागीय स्तर पर प्राप्त शिकायतों का भी प्राथमिकता से निराकरण किया जाए। गत दिनों चलाए गए राजस्व महाअभियान में जिस गति से राजस्व प्रकरणों का निराकरण किया गया उस गति को आगे भी बनाए रखा जाए। राजस्व अधिकारियों का प्रमुख कार्य राजस्व प्रकरणों का निराकरण है, इसे वे निरंतर करें।
इन योजनाओं की दी गई जानकारियां –
संभागायुक्त ने कमिश्नर कार्यालय के सभाकक्ष में भोपाल संभाग के अधिकारियों की बैठक ली। बैठक में संभाग के सभी जिलों के कलेक्टर्स, मुख्य कार्यपालन अधिकारी जिला पंचायत, विभिन्न विभागों के संभागीय अधिकारी एवं अन्य संबंधित अधिकारी उपस्थित थे। लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी एवं जल निगम की समीक्षा के दौरान संभागायुक्त ने निर्देश दिए कि जो नलजल योजनाएं पूर्ण हो गई हैं उन्हें संबंधित पंचायतों को हस्तांतरित किया जाए। जो योजनाएं हस्तांतरित हो गई हैं उनमें यह सुनिश्चित किया जाए कि हर घर तक योजना का लाभ पहुंचे। यह शासन की उच्च प्राथमिकता है, अतरू कार्य में किसी प्रकार की लापरवाही ना हो। किसान कल्याण तथा कृषि विकास विभाग की समीक्षा के दौरान संभागायुक्त ने निर्देश दिए कि किसानों को रबी में उर्वरक की समस्या न हो, इसके लिए उन्हें उर्वरक के अग्रिम उठाव के लिए प्रेरित किया जाए। बताया गया कि सभी प्राथमिक सहकारी समितियों के पास पर्याप्त खाद का भंडारण है। डीएपी खाद के स्थान पर एनपीके खाद उपयोग किया जा सकता है। ग्रामीण विकास विभाग की समीक्षा के दौरान पाया गया कि संचालित योजनाओं की प्रगति संभाग में संतोषजनक है। मनरेगा योजना के अपूर्ण कार्य पूर्ण किए जाएं। गौशालाओं की स्थिति का आकलन कर आवश्यक इंतजाम किए जाएं। पशुओं की टैगिंग कराई जाए। इस दौरान आदिम जाति एवं अनुसूचित जाति कल्याण विभाग, स्वास्थ्य विभाग, नगरीय प्रशासन एवं विकास विभाग, स्कूल शिक्षा विभाग, महिला एवं बाल विकास विभाग, उद्योग विभाग सहित अन्य विभागों की भी समीक्षा की गई। संभागायुक्त ने कहा कि कलेक्टर्स हर माह में इस संबंध में विभागीय बैठक लें।