Newsआष्टाइछावरइंदौरग्वालियरजबलपुरजावरदेशनसरुल्लागंजबुदनीभोपालमध्य प्रदेशरेहटीसीहोर

सीहोर में स्वागत के लिए तो रूकी वंदे भारत ट्रेन, लेकिन नहीं मिला शहर को स्टापेज

- सीहोर में जनप्रतिनिधियोें ने दिखाई हरी झंडी किया रवाना, स्टापेज नहीं मिलने से नगरवासियों में निराशा

सीहोर। भोपाल से इंदौर के बीच चलने वाली हाईस्पीड वंदे भारत ट्रेन को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने हरी झंडी दिखाकर भोपाल से इंदौर के लिए रवाना किया। वंदे भारत ट्रेन स्वागत के लिए तोे सीहोर रेलवे स्टेशन पर भी रूकी, लेकिन सीहोरवासियों को इसका स्टापेज नहीं मिल सका। इसके लिए नगरवासियोें सहित सीहोर से आने-जानेे वाले लोगोें को भी निराशा हाथ लगी। वंदे भारत ट्रेन का स्वागत-सत्कार करनेे के लिए सीहोर रेलवे स्टेशन पर जनप्रतिनिधि सहित आम लोग भी बड़ी संख्या में पहुंचे रहे। सभी ने वंदे भारत ट्रेन का स्वागत किया, लेकिन स्टापेज नहीं मिलने से निराशा भी जताई। वंदे भारत गाड़ी करीब साढ़े तीन घंटे में इंदौर से भोपाल पहुंचेगी। इस दौरान इसका सीहोर रेलवे स्टेशन पर स्टापेज नहीं रहेगा।
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने 27 जून को भोपाल में वंदे भारत ट्रेन को हरी झंडी दिखाकर रवाना किया। इस दौरान मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान सहित कैबिनेट केे मंत्री, सांसद सहित अन्य गणमान्य नागरिक मौजूद रहे। हाईस्पीड वंदे भारत ट्रेन भोपाल से इंदौर महज साढे़ तीन घंटे में पहुंचेगी। इससे यात्रियों को भोपाल से इंदौर के बीच यात्रा करना सुगम हो जाएगा, लेकिन दुर्भाग्यजनक पहलु ये है कि वंदे भारत ट्रेन सीहोर स्टेशन से बाय-बाय करते हुए निकलेगी। सीहोर स्टेशन पर वंदे भारत ट्रेन का स्टापेज नहीं दिया गया है।

देशभर में विख्यात है सीहोर, लेकिन नहीं मिला स्टापेज-
सीहोर जिला मुख्यालय इस समय प्रदेश ही नहीं देश-विदेश में भी विख्यात है। पंडित प्रदीप मिश्रा के कुबेरेश्वर धाम के कारण सीहोर की पहचान आज राष्ट्रीय-अंतरराष्ट्रीय स्तर पर भी हो रही है। यहां पर प्रदेशभर सहित देशभर से श्रद्धालु भक्त सीहोर से होकर कुबेेरेश्वर धाम पर पहुंचते हैैं। सीहोर आने के लिए श्रद्धालु ट्रेनों के अलावा बस और अपने साधनों से यहां आते हैं, लेकिन दुर्भाग्यजनक पहलु ये है कि सीहोर रेलवे स्टेशन पर अनेक एक्सप्रेस के स्टापेज नहीं है। जो ट्रेनें सीहोर में रुकती हैं वह भी खचाखच भराकर आती हैं और यहां से उसी तरह वापस भी जाती है। इसके बाद भी सीहोर रेलवे स्टेशन पर ट्रेनों का स्टापेज नहीं होना यहां आने वाले भक्तों की परेशानी बनने के साथ ही यहां के व्यवसायी और अन्य यात्रियों के लिए भी दुखदायी होता है। उन्हें यात्रा के लिए अन्य रेलवे स्टेशन या यातायात के अन्य साधनों का उपयोग करने के लिए मजबूर होना पड़ता है।

हाईस्पीड वंदे भारत ट्रेन भी करेगी बाय-बाय-
27 जून से भोपाल से इंदौर के बीच शुरू हुई हाई स्पीड वंदे भारत ट्रेन भी सीहोर स्टेशन पर बाय-बाय करते हुए मुंह चिढ़ाते हुए निकलेगी। सीहोर के यात्री और यहां आने वाले यात्रियों के लिए वंदे भारत ट्रेन में यात्रा करने के लिए अन्य स्टेशन से सवार होने के अलावा कोई चारा नहीं होगा। दरअसल, अन्य एक्सप्रेस ट्रेनों की तरह वंदे भारत ट्रेन का स्टोपज सीहोर रेलवे स्टेशन को नहीं मिला है। रेलवे विभाग के अनुसार 27 जून से शुरू हुई वंदे भारत 20911 वंदे भारत ट्रेन इंदौर से सुबह 6.30 बजे रवाना होगी और 7.15 को उज्जैन स्टेशन पर पहुंचेगी। पांच मिनट का ठहराव देने के बाद यह भोपाल के लिए रवाना हो जाएगी और सुबह 9.35 को भोपाल स्टेशन पर पहुंचेगी। इसी प्रकार वापसी में 20912 वंदे भारत ट्रेन भोपाल से शाम 7.25 बजे रवाना होगी। यह रात 9.30 को उज्जैन पहुंचकर पांच मिनट का ठहराव देकर रात 10.30 बजे इंदौर रेलवे स्टेशन पहुंचेगी। ट्रेन में आठ-आठ कोच रहेंगे। ये सप्ताह में छह दिन चलेंगी। इंदौर-भोपाल ट्रेन रविवार को नहीं चलेगी। यात्रा के दौरान यह केवल उज्जैन में ही स्टापेज लेगी।

ये है वंदे भारत ट्रेन की खूबी-
भारत की सेमी हाई स्पीड ट्रेन वंदे भारत जो अपनी खुबियों के साथ गति के लिए जानी जाती है। रतलाम मंडल के इंदौर से भोपाल के मध्य परिचालित होगी। वर्तमान में वंदे भारत ट्रेन का परिचालन भारत के सभी रेल विद्युतीकृत राज्यों में किया जा रहा है। आत्म निर्भर भारत को अक्षरशः भारतीय रेलवे द्वारा आत्मसात करते हुए वंदे भारत ट्रेन का निर्माण किया गया है। भारतीय रेलवे द्वारा संचालित की जा रही वंदे भारत ट्रेन को कई सारी आधुनिक सुविधाओं से सुसज्जित किया गया है जो यात्रियों की यात्रा को और अधिक आनंददायक बनाती है। वंदे भारत एक्सप्रेस में सवार होने पर यात्रियों के पास बैठने की व्यवस्था के तहत चेयर कार या एक्जीक्यूटिव चेयर कार का विकल्प होता है, जिसमें आरामदायक और 360 डिग्री घुमने वाली सीटें होती है। ट्रेन में ऑनबोर्ड स्वच्छ एवं पौष्टिक खान-पान की सुविधा उपलब्ध है। सभी डिब्बों में बड़ी-बड़ी पारदर्शी खिड़कियां यात्रियों को यात्रा के दौरान प्राकृतिक सुंदरता से रूबरू कराता है।

स्टापेज होना चाहिए-
सीहोर रेलवे स्टेशन पर ट्रेन स्टॉपेज को लेकर शहरवासियों ने कई बार धरना प्रदर्शन, घेराव और आंदोलन किए हैं, लेकिन इसके बाद भी ट्रेनों के स्टॉपेज नहीं बढ़ाए गए। मुख्यमंत्री का गृह जिला होने के बाद भी कोई बढ़ी सौगात नहीं मिल रही है। वंदे भारत ट्रेन का स्टॉपेज सीहोर में होना चाहिए।
– रमेश सक्सेना, पूर्व विधायक सीहोर।

हर बार की जा रही अनदेखी-
भोपाल का उपगनर सीहोर का बनने की बात हर बार मुख्यमंत्री जी करते हैं, लेकिन सुविधाएं यहां ग्रामीण इलाकों जैसी हैं। वंदे भारत ट्रेन के साथ ही अन्य ट्रेनों का स्टॉपेज सीहोर में होना चाहिए। यहां के स्टेशन को भी हाईटेक बनाया जाना चाहिए। हर बार जिला मुख्यालय पर ट्रेनों के स्टॉपेज की मांग को अनदेखा किया जा रहा है।
– शैलेंद्र पटेल, पूर्व विधायक इछावर

सीहोर में भी हो स्टापेज-
निश्चित रूप से वंदे भारत रेलगाड़ी की सौगात अच्छी है, लेकिन इसका सीहोर में स्टापेज नहीं होना यहां के लोगोें के लिए निराशाजनक है। वंदे भारत गाड़ी का सीहोर में भी स्टापेज होना चाहिए। सीहोर आज देश-विदेश एवं प्रदेशभर में विख्यात है। यहां पर सब जगह से यात्री आतेे हैैं, लेकिन कई गाड़ियों का स्टापेज नहीं होने के कारण परेशानियां आती हैैं, इसलिए गाड़ियों के स्टापेज के लिए रेल मंत्रालय को भी पत्र लिखेंगे, ताकि यहां पर लोगोें को यह सुविधाएं मिलें।
– जसपाल सिंह अरोरा, वरिष्ठ भाजपा नेता, सीहोर

 

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button