मौत के बाद आखिर क्या होता है, सात मिनट में ‘वह अनोखी दुनिया’ देखकर लौटा यह शख्स
मरकर फिर जिंदा हुए शिव ने सुनाई उन सात मिनट की कहानी
लंदन। मौत के बाद आखिर होता क्या है। यह सवाल हमेशा से इंसानी दिमाग में खलबली मचाए हुए है। कई लोग मौत को मात देकर दोबारा लौट आने का दावा कर चुके हैं। हालांकि इनके दावों में कितनी सच्चाई है, इसका आज तक कोई सबूत सामने नहीं आया है। अब भारतीय मूल के लंदन निवासी एक शख्स ने मृत्यु और उसी शरीर में लौट आने के बीच देखी गई अनोखी दुनिया को लेकर कई खुलासे किए हैं।
आखिर क्या हुआ था मौत के बाद
भारतीय मूल के शिव ग्रेवाल अब 60 साल के हो चुके हैं। मौत के बाद की दुनिया देखने का उनका दावा दस साल पुराना है। हालांकि वर्तमान में अपनी एक प्रदर्शनी में उन्होंने उस दुनिया की झलक दिखाकर दुनिया का ध्यान खींचा है। शिव बताते हैं कि घटना 10 साल पुरानी है। शिव को 9 फरवरी 2013 को दक्षिणपूर्व लंदन में उनके घर के करीब लंच के बाद कार्डियक अरेस्ट आया था। पत्नी एलिसन भी उनके साथ थीं और उन्होंने तुरंत मदद के लिए एक एम्बुलेंस को फोन किया। हालांकि तब तक वे मर चुके थे।
वो सात मिनट
ग्रेवाल ने बताया कि मौत के बाद उन्हें किसी तरह महसूस हुआ कि वे मर चुके हैं। वे जैसे शून्य में थे, लेकिन भावनाओं और संवेदनाओं को महसूस कर सकते थे। उनके पास ऐसा कोई शरीर नहीं था। पूरा अंतरिक्ष उनके आसपास था। चंद्रमा पर जाने जैसा अहसास था। उल्कापिंड दिखे और एक तरह से पूरा ब्रहमांड उनके सामने खुला। अनंत संभावनाएं उनके सामने खुली थी। शिव बताते हैं कि वे नहीं जानते कि इस अनुभव को शब्दों में कैसे बयां करें। उनका कहना है कि जो दुनिया उन्हें दिख रही थी, वे उसे नहीं चाहते थे, शायद इसीलिए दोबारा लौट आए। वे जीना चाहते थे। मौत के उन सात मिनट का साया आज भी उनके दिमाग पर हावी है।
इधर धरती पर उनके शरीर का क्या हुआ
इधर उनकी पत्नी ने कार्डियक अरेस्ट के बाद एम्बुलेंस बुलाई।उनके दिल की धडकन बंद थी। पैरामेडिक्स की मदद से ग्रेवाल के दिल ने फिर से धड़कना शुरू कर दिया। उनकी धमनी की सर्जरी की गई। यह पूरी तरह से बंद हो गई थी। सेरेब्रल हाइपोक्सिया यानी मस्तिष्क में ऑक्सीजन की कमी की वजह से डॉक्टरों ने उन्हें एक महीने के लिए कोमा में रखने का फैसला किया। उन्हें बाद में मिर्गी की बीमारी हुई।
अनुभव पर लगाई प्रदर्शनी
ग्रेवाल उस दर्दनाक घटना से पूरी तरह उबर नहीं पाए हैं। लेकिन उन्होंने कहा कि मौत का सामना करने से जिंदगी के लिए उनकी सोच बदल गई है। वे अब वह अपने अद्वितीय अनुभव का डॉक्यूमेंटेशन कर उसकी प्रदर्शनी आयोजित कर रहे हैं। उन्होंने लंदन के कर्मा सैंक्टम सोहो होटल में 24 सितंबर तक चलने वाली ‘रिबूट’ प्रदर्शनी में इस अनुभव को दिखाने की कोशिश की है।