
सुमित शर्मा।
मध्यप्रदेश वेयर हाउसिंग कारपोरेशन का बोरी कैप गड़बड़ी एवं लापरवाही का केंद्र बना हुआ है। यहां के जिम्मेदारों के कारण हर वर्ष सरकारी खजाने को करोड़ों रूपए की चपत लगाई जा रही है। अब बोरी कैप में रखा हुआ हजारों क्विंटल गेहूं खराब हो गया है। यह गेहूं यहां पर तीन वर्षों से रखा हुआ हैै औैर बारिश में भीग गया। अब यहां के जिम्मेदारों द्वारा इस गेहूं को खपाने की तैयारी की जा रही है।
मुख्यमंत्री के गृह क्षेत्र में लगातार अधिकारियों की लापरवाही एवं गड़बड़ियां सामने आ रही हैं। अब मप्र वेयर हाउसिंग कारपोरेशन केे बोरी कैप के प्रबंधक एवं अन्य जिम्मेदारों की लापरवाही के कारण यहां पर तीन वर्षों से रखा हुआ गेहूं खराब हो गया है। यहां पर कारपोरेशन द्वारा खुले मेें भी भंडारण किया जाता है। इसके अलावा यहां पर गोदाम भी बने हुए हैैं। इन गोदामोें में चना, मूंग सहित अन्य फसलों का भंडारण किया जाता है। बोरी कैप में तीन वर्ष पहले गेहूं खरीदी करके भंडारण किया गया था। तीन वर्षों से यहां से गेहूं नहीं उठाया गया औैर अब यह गेहूं बारिश में पूरी तरह खराब हो गया है। बताया जा रहा है कि यहां पर करीब 3 हजार बोरियां गेहूं की रखी हुईं थी, जो बारिश में खराब हो चुकी है। अब इस गेहूं को साफ करवाकर इसे खपाने की तैैयारी की जा रही है।
गड़बड़ी का केंद्र बना बोरी कैप-
मप्र वेयर हाउसिंग कारपोरेशन का रेहटी तहसील का बोरी कैप गड़बड़ी एवं भ्रष्टाचार का केंद्र बना हुआ है। यहां से बड़े पैमाने पर हर वर्ष करोड़ों रूपए की गड़बड़ियां करके सरकारी खजाने को जमकर चपत लगाई जाती है। इस खेल में यहां के अधिकारी-कर्मचारी शामिल हैं। यहां पर जो भी प्रबंधक रहे उन्होंने जमकर पलीता लगाया। इनमें सबसे ज्यादा गड़बड़ियां यहां के प्रभारी प्रबंधक रहे प्रभाकर गवई के कार्यकाल में सामने आईं हैं। उनके कार्यकाल का यदि रिकार्ड उठाकर देखा जाए तोे कई गड़बड़ियां हैैं, जिन पर लीपा-पोती की गई है। प्रभारी प्रबंधक प्रभाकर गवई के कार्यकाल में बिना बिल्टी के कई गाड़ियों को यहां से भेजा गया एवं एंट्री दी गई। इसके अलावा रेहटी तहसील के अन्य वेयर हाउसों में रखी अन्य फसलों में भी प्रभाकर गवई द्वारा मिलीभगत करके लाखों के वारे-न्यारे किए गए। गेहूं खरीदी 2020-21 एवं 2021-22 मेें भी कई तरह की गड़बड़ियां सामने आईं थी। इस दौरान वेयर हाउसिंग कारपोरेशन के प्रबंधक, सहकारी समिति के प्रबंधकों सहित अन्य जिम्मेदारों ने मिलीभगत करके किसानों कोे चपत लगाकर खुद का जमकर भला किया।
अब खराब हुए गेहूं को बताया मानवरहित-
समर्थन मूल्य पर वर्ष 2019-20 में खरीदी करके रखा गया गेहूं जब बारिश में खराब हो गया तोे अब बोरी कैप प्रबंधक द्वारा पत्र लिखकर इस गेहूं को मानवरहित बता दिया गया है। अब इस गेेहूं को साफ करके इसे खपाने की तैयारी की जा रही है। इससे सरकारी खजाने को भी जमकर चपत लगेगी।
इनका कहना है-
तीन वर्ष पुराना गेहूं है, जो बारिश में भीग गया था। हालांकि गेहूं ज्यादा खराब नहीं हुआ है। इसकोे साफ करवाकर डिलेवरी कराएंगे। यहां पर जंगल होने के कारण जंगली जानवरों का भी प्रकोप रहता है, इसलिए भी गेहूं खराब हुआ है।
-डॉली राठौर, प्रबंधक, मप्र वेयर हाउसिंग कारपोरेेशन बोरी कैप, रेहटी