Newsआष्टाइछावरजावरनसरुल्लागंजबुदनीमध्य प्रदेशराजनीतिकरेहटीसीहोर

जब नाराज हुए संत उत्तम स्वामी महाराज, सीएम डॉ. मोहन यादव ने ऐसे मनाया…

नहीं पहुंचे मुख्यमंत्री और केंद्रीय मंत्री

सीहोर। जिले की रेहटी तहसील के प्रसिद्ध तीर्थ सलकनपुर स्थित उत्तम स्वामी आश्रम पर तीन दिवसीय शरद पूर्णिमा महोत्सव के अंतिम दिन मंगलवार को उस समय स्थितियां विपरीत हो गईं, जब मंच से संत उत्तम स्वामी महाराज ने मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव के नहीं आने पर सार्वजनिक रूप से नाराजगी जताई। उन्होंने यह तक कह दिया कि उन्होंने सीएम को आमंत्रण भी नहीं दिया था और न ही उनकी यहां पर जरूरत है। हालांकि यहां आने का कार्यक्रम केंद्रीय कृषि मंत्री एवं पूर्व मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान का भी था, लेकिन संत उत्तम स्वामी महाराज के निशाने पर मुख्यमंत्री डॉ मोहन यादव ही रहे। इसका वीडियो भी जमकर वायरल हुआ। इस दौरान मुख्यमंत्री डॉ मोहन यादव ने नहीं आने पर अपनी सफाई भी दी तो वहीं उन्होंने माफी भी मांगी। इस दौरान वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से उन्होंने उपस्थित लोगों को संबोधित भी किया। दरअसल, सलकनपुर स्थित उत्तम स्वामी आश्रम में तीन दिन तक चला शरद पूर्णिमा महोत्सव प्रदेशभर के साधु-संतों और भक्तों की मौजूदगी में संपन्न हुआ। कार्यक्रम में मुख्यमंत्री डॉ मोहन यादव, पूर्व मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान को मुख्य अतिथि के रूप में आमंत्रित किया गया था। इनके अलावा मंत्री विश्वास सारंग, प्रभारी मंत्री कृष्णा गौर सहित अन्य मंत्री, जनप्रतिनिधि भी यहां पर आमंत्रित किए गए थे। ज्यादातर लोग पहुंचे भी, लेकिन मुख्यमंत्री, केंद्रीय कृषि मंत्री आयोजन में शामिल नहीं हुए। मुख्यमंत्री डॉ मोहन यादव के कार्यक्रम में नहीं पहुंचने पर मंच से ही उत्तम स्वामी महाराज ने नाराज़गी जताई। उन्होंने कहा मुख्यमंत्री को मैंने नहीं बुलाया, न ही निमंत्रण दिया। अगर नहीं आए तो अब उन्हें वीडियो कॉलिंग पर भी मत जोड़ो। जो व्यक्ति हमारे बीच नहीं आ सकता, उसकी हमें जरूरत नहीं। हालांकि मुख्यमंत्री को वीडियो कॉलिंग पर पहले से ही जोड़ा जा चुका था और उन्होंने उत्तम स्वामी महाराज को खुद नाराजगी जताते हुए वीडियो कॉल पर देखा। कार्यक्रम में बड़ी एलसीडी स्क्रीन लगी थी जिस पर आम लोग भी यह नजारा देख रहे थे। आश्रम के संस्थापक और संत उत्तम स्वामी महाराज ने कहा कि हमने मुख्यमंत्री को बुलाया भी नहीं था। आमंत्रण भी नहीं दिया था। मुख्यमंत्री को आमंत्रण तपन भौमिक जी ने भेजा था, लेकिन यह कार्यक्रम धार्मिक था, राजनीतिक नहीं। उन्होंने मुख्यमंत्री पर झूठी प्रशंसा करने वालों को भी आड़े हाथों लिया और कहा कि अगर मुख्यमंत्री के पास ऐसे सेवा प्रकल्प कार्यक्रम के लिए दो घंटे का समय नहीं है। हमें ऐसे व्यक्ति की मंच पर जरूरत नहीं है। बाद में मुख्यमंत्री डॉ मोहन यादव ने वीडियो कॉलिंग के जरिए संत उत्तम स्वामी जी महाराज से बात करते हुए खेद जताया और कहा कि मंत्रीगण और विधायक आपके कार्यक्रम में पहुंचे हैं, मैं भी शामिल होना चाहता था, लेकिन व्यस्तता के कारण नहीं आ सका। इसकी सूचना भी भेजी गई थी।

कांग्रेस ने लिया आड़े हाथों, मामले ने पकड़ा तूल –
सलकनपुर स्थित उत्तम स्वामी महाराज की नाराजगी का वीडियो जब सोशल मीडिया पर वायरल हुआ तो इस पर राजनीति भी शुरू हो गई। कांग्रेस ने इस वीडियो को आड़े हाथों लेते हुए कहा कि अब साधु-संतों का भी बीजेपी से विश्वास उठ गया है। सीहोर जिले के कांग्रेस अध्यक्ष राजीव गुजराती ने कहा कि मुख्यमंत्री को उत्तम स्वामी महाराज जी ने ठीक से लताड़ा है, तो कुछ नेता दबी जुवान से तंज कस रहे हैं। बुधनी के युवा नेता विक्रम मस्ताल शर्मा ने कहा कि धार्मिक आधार एवं हिंदुत्व की बात करने वाली भाजपा के नेता, मुख्यमंत्री, केंद्रीय मंत्री के पास धार्मिक कार्यक्रमों के लिए ही समय नहीं है। भाजपा और उनके नेता धर्म का प्रोपोगंडा करते हैं। उनकी धार्मिक कार्यों में कोई रुचि नहीं है।

सीएम ने किया वीडियो कॉलिंग से संबोधित –
समर्पण सेवा समिति सलकनपुर द्वारा शरद पूर्णिमा महोत्सव 2025 के अवसर पर स्वर्गीय प्रभाकर राव केलकर तथा स्वर्गीय भागवत शरण माथुर की स्मृति में पुरस्कार वितरण कार्यक्रम आयोजित किया गया। कार्यक्रम में जैविक कृषि, गौसेवा तथा नर्मदा सेवा के क्षेत्र में उत्कृष्ट कार्य करने वाले व्यक्तियों को पुरस्कार प्रदान कर सम्मानित किया गया। मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने कहा है कि मां बिजयासन की छत्रछाया में सलकनपुर क्षेत्र में नर्मदा यात्रियों की सेवा और गौ माता की सेवा के लिए कार्य करने वाले कार्यकर्ताओं का महत्वपूर्ण योगदान है। राष्ट्र सेवी स्व. भगवत शरण माथुर और स्व. प्रभाकार राव केलकर की स्मृति में सेवाभावियों को सम्मानित करने का कार्य प्रशंसनीय है। मुख्यमंत्री डॉ. यादव वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग द्वारा सलकनपुर जिला सीहोर में शरद पूर्णिमा पर आयोजित कार्यक्रम को संबोधित कर रहे थे। मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने आयोजन से जुड़े पदाधिकारी गण को शरद पूर्णिमा पर हुए इस विशेष कार्यक्रम के लिए बधाई और शुभकामनाएं भी दीं। समर्पण सेवा समिति, सलकनपुर द्वारा शरद पूर्णिमा महोत्सव के अवसर पर स्व. प्रभाकर राव केलकर की स्मृति तथा स्व. भगवत शरण माथुर की स्मृति में गोवंश आधारित जैविक कृषि पुरस्कार और उत्कृष्ट नर्मदा सेवा पुरस्कार प्रदान किए गए। मुख्यमंत्री डॉ. यादव को जानकारी दी गई कि समिति द्वारा उत्तम स्वामी जी के निर्देशन में नर्मदा परिक्रमा वासियों के लिए भोजन और ठहरने की व्यवस्था का कार्य किया जा रहा है। कार्यक्रम में मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से संबोधित करते हुए कहा कि शरद पूर्णिमा भारतीय संस्कृति का वह पर्व है जो हमें पवित्रता, सेवा और समर्पण का संदेश देता है। उन्होंने कहा कि संतों के आशीर्वाद और उनके मार्गदर्शन से समाज में सद्भाव, नैतिकता और सेवा भावना का संचार होता है। उन्होंने कहा कि समर्पण सेवा समिति जैसे संगठन समाज में सकारात्मक ऊर्जा का संचार कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि जैविक खेती आज की महती आवश्यकता है, यह न केवल धरती को जीवंत रखती है बल्कि आने वाली पीढ़ियों को स्वस्थ जीवन का वरदान देती है। उन्होंने कहा कि महामंडलेश्वर ईश्वरानंद महाराज (उत्तम स्वामी) द्वारा सेवा का यह जो प्रकल्प चलाया जा रहा है वह न केवल सराहनीय है, बल्कि हमारे सांस्कृतिक वैभव की स्थापना में महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहा है। कार्यक्रम में उप मुख्यमंत्री राजेंद्र शुक्ल ने कहा कि समर्पण सेवा समिति द्वारा नर्मदा परिक्रमा वासियों के लिए भोजन और ठहरने की व्यवस्था जैसा पुण्य का कार्य किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि सेवा हमारी संस्कृति में है, आज इस कार्यक्रम में राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के स्वर्गीय भागवत शरण माथुर तथा स्वर्गीय प्रभाकर राव केलकर की स्मृति में गौवंश आधारित जैविक कृषि पुरस्कार तथा उत्कृष्ट नर्मदा सेवा पुरस्कार प्रदान किए जा रहे हैं। इस अवसर पर राजस्व मंत्री करण सिंह वर्मा तथा कौशल विकास एवं रोजगार राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) गौतम टेटवाल ने कहा कि उत्तम स्वामी द्वारा इस आश्रम के माध्यम से सेवा का जो कार्य किया जा रहा है वह सराहनीय है। उन्होंने कहा कि हमें अपनी संस्कृति को आगे बढ़ाना है, ताकि आने वाली पीढ़ी संस्कारवान बने और देश के लिए हमेशा समर्पित रहे। उन्होंने कहा कि वर्तमान में कृषि भूमि में रासायनिक पदार्थों के उपयोग से मिट्टी की उर्वरा शक्ति कम होती जा रही है। इन रासायनिक उर्वरकों का नकारात्मक प्रभाव हमारे भोजन और हमारे स्वास्थ्य पर भी पड़ता है। उन्होंने कहा कि हमें जैविक खेती को अपनाना चाहिए और खेती में जैविक खाद का उपयोग करना चाहिए। कार्यक्रम में बुधनी विधायक रमाकांत भार्गव, सांसद माया नरोलिया, प्रांत संघ संचालक आशोक पांडे तथा महामंडलेश्वर ईश्वरानंद महाराज ने भी संबोधित किया। इस अवसर पर नर्मदापुरम सांसद दर्शन सिंह चौधरी, महेश उपाध्याय, सचिव दीक्षा भूमि नागपुर राजेन्द्र गवई, समर्पण सेवा समिति अध्यक्ष तपन भौमिक, रवि मालवीय सहित अनेक जनप्रतिनिधि, संत एवं अन्य सदस्य, नागरिक तथा नर्मदा परिक्रमावासी उपस्थित थे।

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button