राजनीतिक

‘अग्निपथ’ पर बवाल के बीच राहुल गांधी पीएम नरेंद्र से बोले- युवाओं के संयम की अग्निपरीक्षा मत लीजिए

नई दिल्ली
केंद्र सरकार की ओर से थलसेना, नौसेना और वायुसेना में सैनिकों की भर्ती के लिए लाई गई 'अग्निपथ' योजना का विरोध शुरू हो गया है। गुरुवार को बिहार के कई जिलों में सैकड़ों की संख्या में छात्र सड़क पर उतर आए। कई जगहों पर आगजनी की घटना भी देखने को मिली है। केंद्र की 'अग्निपथ' योजना का हो रहे विरोध के बीच कांग्रेस पार्टी के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी ने सरकार पर हमला बोला है।

केंद्र सरकार की योजना के विरोध के बीच कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से बेरोजगार युवाओं की आवाज सुनने और अग्निपथ पर चलने के लिए उनके धैर्य की 'अग्निपरीक्षा' नहीं लेने का आग्रह किया। राहुल गांधी ने ट्वीट किया, 'न कोई रैंक, न कोई पेंशन, न 2 साल से कोई सीधी भर्ती, न 4 साल के बाद स्थिर भविष्य, न सरकार का सेना के प्रति सम्मान। देश के बेरोज़गार युवाओं की आवाज़ सुनिए, इन्हें अग्निपथ पर चला कर इनके संयम की अग्निपरीक्षा मत लीजिए, प्रधानमंत्री जी।'

प्रियंका गांधी ने केंद्र सरकार पर बोला हमला
वहीं, कांग्रेस पार्टी की राष्ट्रीय महासचिव प्रियंका गांधी वाड्रा ने भी अग्निपथ योजना को लेकर केंद्र सरकार पर निशाना साधा। प्रियंका गांधी ने ट्वीट कर कहा, 'सेना भर्ती की तैयारी करने वाले युवाओं की आँखों में देशसेवा, माँ-बाप की सेवा, घर परिवार और भविष्य के तमाम सपने होते हैं। नई सेना भर्ती योजना उन्हें क्या देगी? 4 साल बाद न हाथ में नौकरी की गारंटी, न पेंशन की सुविधा= नो रैंक, नो पेंशन। प्रधानमंत्री जी युवाओं के सपनों को मत कुचलिए।'

क्या है योजना?
केंद्र सरकार ने दशकों पुरानी रक्षा भर्ती प्रक्रिया में आमूलचूल परिवर्तन करते हुए तीनों सेनाओं में सैनिकों की भर्ती संबंधी 'अग्निपथ' योजना की मंगलवार को घोषणा की, जिसके तहत सैनिकों की भर्ती चार साल के लिए संविदा आधार पर की जाएगी। योजना के तहत तीनों सेनाओं में इस साल करीब 46,000 सैनिक भर्ती किए जाएंगे। चयन के लिए पात्रता आयु साढ़े 17 वर्ष से 21 वर्ष के बीच होगी और इन्हें 'अग्निवीर' नाम दिया जाएगा।

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