राजनीतिक

धार्मिक ध्रुवीकरण नहीं सामाजिक समीकरण साधने पर जोर, पहली लिस्ट से बीजेपी ने साफ कर दिए तेवर

नई दिल्ली।

उत्तर प्रदेश में विधानसभा चुनाव की घोषणा के ठीक बाद एक दर्जन से ज्यादा नेताओं की बगावत से जूझ रही भाजपा ने अपनी पहली सूची से साफ कर दिया है कि वह किसी दबाव में अपनी रणनीति बदलने नहीं जा रही है। पार्टी ने अपने सभी प्रमुख नेताओं को चुनाव लड़ाने की रणनीति के तहत मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ और उपमुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य को चुनाव मैदान में उतारने का ऐलान कर दिया है। इसके साथ ही उसने अपनी सर्वस्पर्शी सूची में सभी वर्गों को साधने की कोशिश की है। इसमें पिछड़ों और दलितों को लेकर उसका रुझान भी नजर आया है। पार्टी ने एक सामान्य सीट से दलित उम्मीदवार को उतारकर इसके संकेत भी दिए हैं।

नहीं बदले जाएंगे बड़ी संख्या में चेहरे
उत्तर प्रदेश की चुनावी रणनीति में भाजपा को कुछ नेताओं के जाने से झटका जरूर लगा है, लेकिन इससे वह बहुत ज्यादा चिंतित नहीं है। पार्टी की पहली सूची से भी यह साफ हो जाता है। हालांकि इतना असर जरूर पड़ा है कि पार्टी जहां पहले सरकार विरोधी माहौल को थामने के लिए बड़ी संख्या में चेहरे बदलने की तैयारी में थी, अब उतने चेहरे नहीं बदले जाएंगे। उसके कई प्रमुख नेता जिन पर टिकट कटने का खतरा मंडरा रहा है, फिर से टिकट पा गए हैं। जिन विधायकों के टिकट काटे हैं, अधिकांश की जगह पर उसी समुदाय का प्रतिनिधित्व करने वाले नेताओं को ही उतारा गया है। दलित समुदाय को संदेश देने के लिए पार्टी ने एक सामान्य सीट पर भी दलित को टिकट दिया है। पार्टी पहले भी इस तरह के प्रयोग करती रही है।

गौरतलब है कि केंद्र और राज्य सरकार लगातार पिछड़ा, दलित, गरीब, वंचित समुदाय को अपने केंद्र में रखकर काम कर रही है और गरीब कल्याण योजनाओं को ज्यादा तवज्जो दे रही है। उस की विभिन्न योजनाओं घर घर बिजली, गैस सिलेंडर, आयुष्मान योजना, कोरोना काल में गरीबों को मुफ्त अनाज, छोटे किसानों के खातों व महिलाओं खाते में पैसा भेजना, ऐसी योजनायें है जो सीधे तौर पर अधिकांश पिछड़े और दलित समुदाय को ज्यादा लाभ पहुंचाती हैं। ऐसे में पार्टी की रणनीति पिछड़ा और दलित समुदाय पर ही केंद्रित करने की है।

मोदी सरकार की योजनाओं का मिलेगा लाभ?
यह बात भी साफ हो जाती है कि पार्टी छोड़ने वाले दर्जन भर से ज्यादा दलित और पिछड़ा वर्ग के नेताओं के जाने से पार्टी की रणनीति पर बहुत ज्यादा असर नहीं पड़ा है। उसका मानना है कि इस समुदाय से जुड़े कुछ नेता भले ही चले गए हो, लेकिन यह वर्ग उसके साथ है और वह उसकी योजनाओं से लाभान्वित हुआ है। उसका समर्थन उसे मिलेगा ही।

नेताओं के बागी तेवर थामने की कोशिश
पहली सूची से यह बात भी साफ हो जाती है कि सत्ता विरोधी माहौल को देखते हुए भी वह बहुत ज्यादा चेहरों को नहीं बदलेगी। आम तौर पर पार्टी 25 से लेकर 30 फीसद मौजूदा विधायकों के टिकट काटती रही है, लेकिन इस बार ऐसा नहीं है। इसकी एक वजह पार्टी में बगावत के माहौल को रोकना है। टिकट कटने पर पार्टी के नेता दूसरे दलों का दामन थाम लेते हैं। इससे भी माहौल खराब होता है।

धार्मिक ध्रवीकरण नहीं, सामाजिक समीकरण पर जोर
पार्टी ने मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को गोरखपुर से और केशव प्रसाद मौर्य को सिराथू से अपने सामाजिक समीकरणों को केंद्र में रखकर ही चुनाव मैदान में उतारा है। योगी के अयोध्या से लड़ने से पार्टी का एजेंडा और पार्टी ने पिछड़ों और दलितों के बीच जाकर जो मेहनत की थी उस पर पानी फिर सकता था। पार्टी की पूरी चुनावी रणनीति किसी अन्य मुद्दे पर जाने के बजाय सामाजिक समीकरणों पर केंद्रित है। अयोध्या से मुख्यमंत्री के लड़ने की स्थिति में यह स्थिति बदल सकती थी और ऐसा ध्रुवीकरण हो सकता था, जिससे पार्टी को कुछ नुकसान भी हो सकता था। यही वजह है कि पार्टी ने बड़े नेताओं को चुनाव मैदान में तो उतारा है, लेकिन इसे कोई धार्मिक ध्रुवीकरण का रूप नहीं दिया है, बल्कि खुद को सामाजिक समीकरणों पर ही केंद्रित रखा है।

पहली लिस्ट में किस वर्ग को कितना टिकट?
पहली सूची में 43 सीटें सामान्य वर्ग के उम्मीदवारों को मिली हैं। इनमें 18 क्षत्रिय, 10 ब्राह्मण और 8 वैश्य समुदाय के उम्मीदवार हैं। जाट समुदाय के लगभग 16 उम्मीदवार है।अनुसूचित जाति के उम्मीदवारों में 13 जाटव समुदाय से हैं। जो कि बसपा का आधार वोट माना जाता है। पार्टी की एक कोशिश यह है ऐसे में जबकि बसपा कमजोर दिख रही है तो उसके समर्थक वर्ग को अपने साथ लाया जा सके। वैसे भी लोकसभा चुनाव में उसे इस वर्ग का समर्थन हासिल हो चुका है।

भाजपा की पहली लिस्ट में किस जाति को कितना टिकट
बीजेपी की पहली लिस्ट में ओबीसी वर्ग से जाट को 16, गुर्जर को 7, लोधी को 6, शाक्य को 5, सैनी को  5, निषाद, प्रजामपति, कुशवाहा मौर्य, कुर्मी और यादव को एक-एक टिकट मिला है। 

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button
Pro zdravé a chutné recepty, užitečné tipy a triky a užitečné články o zahradničení, navštivte naše stránky a objevte nové způsoby, jak využít svůj čas a zdroje v kuchyni a v zahradě. Buďte inspirací pro svou rodinu a přátele s našimi užitečnými nápady a návody. Připojte se k nám a začněte zlepšovat svůj životní styl ještě dnes! Jak odstranit skvrnu od bource morušového z oblečení: Trik s prázdnou židlí zachránil stovky vztahů v Recept na gurmánskou svačinu: náklady olivy Jak často byste měli vstávat Jak se starat o Seznamování s rodiči partnera: Jak být rád a Recept na rychlé jídlo: Tabouleh Normalizace funkce vaječníků: hlavní metody Získejte tipy a triky, jak vylepšit svůj každodenní život na našem webu! Navštivte nás pro chutné recepty a inspiraci pro vaření, stejně jako užitečné články o zahradničení a pěstování rostlin. Buďte s námi každý den a objevte nové způsoby, jak si užívat život plný radosti a zdraví!