राजनीतिक

28 सालों बाद भी ग्रासरूट डेमोक्रेसी पंचायत, 9 जगह बिना मतदाता के चुनाव

भोपाल
प्रदेश में पंचायती राज लागू हुए 28 साल हो चुके हैं। इस वर्ष त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव में छठवीं बार मतदान होने जा रहा है, लेकिन आज भी कई पंचायतें ऐसी हैं जहां सरपंच और पंच के नामांकन ही नहीं आए हैं। नामांकन न भरने की सबसे बड़ी वजह निर्णय लेने पॉवर का नहीं होना सामने आया है।

मध्यप्रदेश में वर्ष 1994 से शुरु हुए त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव के बाद अब तक पांच चुनाव हो चुके है और यह छटवां चुनाव हो रहा है। लेकिन हालात अब तक नहीं बदले है। इस बार भी पंच-सरपंच के हजारों पदों पर कोई नामांकन जमा नहीं होने के कारण ये पद खाली रह जाएंगे। जागरुकता के अभाव और निर्णय लेने के अधिकार नहीं होने के पंच के 55 हजार 725 पदों के लिए इस बार कोई नामांकन ही जमा नहीं हुए। सरपंच के 91 पदों के लिए भी इस बार कोई नामांकन पत्र जमा नहीं हुआ है। वहीं पंच के नौ पद ऐसे है जहां मतदाता ही नहीं है इसलिए वहां के लिए चुनाव न होने से ये पद खाली रह जाएंगे। इन सभी पदों के लिए छह माह बाद फिर से चुनाव की कवायद होगी।

त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव में इस बार सभी 52 जिलों में जिला पंचायत सदस्य के 875, 313 जनपदों में जनपद पंचायत सदस्य के 6 हजार 771, सरपंचों के 22 हजार 921 और पंच के 3 लाख 63 हजार 726 रिक्त पदों के लिए राज्य निर्वाचन आयोग ने चुनाव कार्यक्रम घोषित करते हुए चुनाव का एलान किया था।

इसलिए नहीं भरते नामांकन
चुनावों से ठीक पहले जो तस्वीर सामने आई है वह जनप्रतिनिधि और मतदाता जागरुकता की अच्छी तस्वीर पेश नहीं करती। पंचायतों में निर्णय लेने के अधिकार सरपंचों के पास ही है। पंच केवल बैठकों में कोरम पूरा करने का काम करते है। इसलिए पंच के इतने अधिक पदों के लिए किसी ने नामांकन पत्र ही जमा नहीं किया। वहीं पंचायतों के लिए मिलने वाले बजट से ग्रामीण अंचलों की जरुरतें पूरी नहीं होंने और नागरिकों की नाराजगी के डर से 91 सरपंच पदों के लिए भी एक भी आवेदन नहीं आया है।

690 सरपंच और 2 लाख 27 हजार पंच निर्विरोध
मध्यप्रदेश में पंचायत चुनाव के पहले नामांकन पत्रों की जांच और नाम वापसी के बाद यह जानकारी निकलकर आई है कि 690 सरपंच और 2 लाख 27 हजार 37 पंच पदों के लिए सिंगल नामांकन पत्र शेष रहा है और ये सभी निर्विरोध निर्वाचित हो गए है। परिणामों की घोषणा के समय इनके निर्वाचित होंने की घोषणा की जाएगी। प्रदेश में पंचों के नौ पद ऐसे भी है जहां मतदाता ही नहीं है इसलिए यहां चुनाव नहीं कराए जा सकते और ये पद रिक्त रहेंगे।

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button