राजनीतिक

राजस्थान से राज्यसभा जाएंगे गुलाम नबी आजाद: गहलोत-पायलट में आजाद के नाम पर बनी सहमति

जयपुर

राजस्थान में 4 राज्यसभा सीटों के लिए 10 जून को मतदान होना है। संख्या बल के हिसाब से 3 कांग्रेस के पास और एक सीट भाजपा के खाते में जाती दिखाई दे रही है। जयपुर से दिल्ली तक कांग्रेस के कई वरिष्ठ नेता राज्यसभा जाने के लिए दौड़ लगा रहे हैं। चर्चा है कि जी-23 के मुखिया और कांग्रेस के वरिष्ठ नेता गुलाम नबी आजाद के नाम पर शीर्ष स्तर पर सहमति बन गई है। कांग्रेस चिंतन शिविर में सोनिया गांधी ने सीएम गहलोत से चर्चा कर गुलाब नबी आजाद के नाम को हरी झंड़ी दे दी है। गहलोत के धुर विरोधी सचिन पायलट को भी गुलाम नबी आजाद के नाम पर आपत्ति नहीं है।

कांग्रेस ने रणनीति में किया बदलाव
कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी को राजस्थान से राज्यसभा भेजने की चर्चा थी, लेकिन पार्टी ने अपनी रणनीति में बदलाव किया है। चर्चा है कि प्रियंका गांधी को कर्नाटक से राज्यसभा भेजा जाएगा। कर्नाटक प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष डीके शिवकुमार ने हाल में ही प्रियंका गांधी को राज्यसभा का उम्मीदवार बनाने के संकेत भी दिए है। कर्नाटक के कांग्रेस नेताओं का कहना है कि इंदिरा गांधी और सोनिया गांधी ने कर्नाटक से चुनाव लड़कर सशक्त राजनीतिक मैसेज दिया था। जिसका फायदा पार्टी को मिला। इसलिए प्रियंका गांधी को कर्नाटक से ही राज्यसभा के लिए भेजा जाना चाहिए।

चिंतन शिविर में नामों पर हुआ मंथन
राजस्थान कांग्रेस कमेटी में अंदर खाने चर्चा है कि जी-23 के मुखिया और पार्टी के वरिष्ठ नेता गुलाम नबी आजाद का नाम राजस्थान से राज्यसभा जाने वालों में सबसे आगे है। पार्टी आलाकमान ने गुलाम नबी आजाद को संतुष्ट करने के लिए सीएम अशोक गहलोत को राजस्थान से राज्यसभा सदस्य भेजे जाने के लिए कहा है। पार्टी के अंदर खाने चर्चा है कि कांग्रेस के चिंतन शिविर के दौरान सोनिया गांधी ने गुलाम नबी आजाद से अलग से मुलाकात की थीं। दोनों नेताओं के बीच राज्यसभा चुनाव को लेकर मंत्रणा भी हुई। ऐसा माना जा रहा है कि गुलाब नबी आजाद राजस्थान से राज्यसभा जा सकते हैं। उल्लेखनीय है कि गुलाब नबी आजाद राज्यसभा में नेता प्रतिपक्ष भी रह चुके हैं। राज्यसभा की दूसरी सीट के लिए पूर्व केंद्रीय मंत्री भंवर जितेंद्र सिंह का नाम दौड़ में बताया जा रहा है। पार्टी महासचिव भंवर सिंह राज्यसभा जाने के लिए जयपुर से दिल्ली तक लाॅबिंग कर रहे हैं। अलवर के पूर्व सांसद भंवर जितेंद्र सिंह को राहुल गांधी का करीबी माना जाता है।

इन 4 सीटों के लिए होंगे चुनाव
राजस्थान की 4 राज्यसभा सीटों के लिए 10 जून को मतदान होना है। राजस्थान से ओमप्रकाश माथुर, केजे अल्फोंस, राम कुमार वर्मा और हर्षवर्धन सिंह डूंगरपुर का कार्यकाल पूरा हो गया है। ये चारों सीटें भाजपा के पास थी। इनका कार्यकाल 4 जुलाई तक रहेगा। कांग्रेस को तीन सीट जीतने के लिए निर्दलीय विधायकों की जरूरत पड़ेगी। प्रदेश के करीब 13 निर्दलीय विधायक गहलोत सरकार को समर्थन दे रहे हैं। ऐसे में माना जा रहा है कि कांग्रेस 4 में से 3 राज्यसभा सीट जीतकर भाजपा को झटका दे सकती है। राजस्थान विधानसभा का मौजूदा गणित कांग्रेस के पक्ष में है। कांग्रेस के पास 108 विधायक, भाजपा के पास 71, निर्दलीय 13, आरएलपी 3, बीटीपी 2, माकपा 2 और आरएलडी के पास एक विधायक है। संभावना है कि मौजूगा संख्या बल के हिसाब से कांग्रेस 4 में 3 राज्यसभा की सीट आसानी से जीत जाएगी।

कांग्रेस को होगा फायदा, नुकसान में रहेगी भाजपा
राजस्थान से राज्यसभा के 10 सांसदों में से 7 भाजपा, 3 कांग्रेस सांसद है। कांग्रेस की 2 और भाजपा की 1 सीट पर जीत तय है। इस लिहाज से कांग्रेस के सदस्यों की संख्या बढ़कर 5 और भाजपा की 4 रह जाएगी। कांग्रेस चौथी सीट भी जीत जाती है तो प्रदेश से उसके पास राज्यसभा में उसके पास सांसद भाजपा से ज्यादा हो जाएंगे। कांग्रेस से पूर्व पीएम मनमोहन सिंह, कांग्रेस के संगठन महासचिव केसी वेणुगोपाल और नीरज डांगी है। वहीं भाजपा से किरोड़ी लाल मीणा, केंद्रीय मंत्री भूपेंद्र यादव और राजेंद्र गहलोत है।

 

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