राजनीतिक

गुजरात चुनाव: AAP और हार्दिक ने किया कांग्रेस को परेशान, PM मोदी ने संभाली भाजपा की कमान

 नई दिल्ली।

गुजरात के विधानसभा चुनाव (Gujarat Assembly Elections) को लेकर राजनीतिक जोड़-तोड़ तेज हो गई है। सबसे बड़ा दांव इस समय खोडल धाम ट्रस्ट के अध्यक्ष नरेश पटेल पर लगा हुआ है। नरेश पटेल से सभी दलों का संपर्क बना हुआ है। नरेश पटेल गुजरात के लेवा पटेल समुदाय से आते हैं, जिनका सौराष्ट्र में काफी असर माना जाता है। हालांकि, भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष सीआर पाटिल का कहना है कि पार्टी सभी 182 सीटों को जीतने का लक्ष्य लेकर आगे बढ़ रही है। विरोधी दलों की राजनीति से कोई असर नहीं पड़ने वाला है। इस साल के आखिर में होने वाले गुजरात के विधानसभा चुनाव को लेकर जहां भाजपा ने अपने चुनावी तैयारियों पर अमल शुरू कर दिया है, वहीं उसके विरोधी कांग्रेस और राज्य की राजनीति में दस्तक दे रही आम आदमी पार्टी अभी नेताओं की जोड़-तोड़ में भी लगी हुई है।

हार्दिक पटेल के बयान से मची खलबली
हाल में कांग्रेस नेता हार्दिक पटेल के बयान ने प्रदेश की राजनीति में खलबली मचा दी है, जिसमें उन्होंने कांग्रेस पार्टी को लेकर अपनी नाराजगी जाहिर की है। इसकी एक वजह नरेश पटेल को लेकर कांग्रेस की उत्सुकता मानी जा रही है। नरेश पटेल के आने से हार्दिक पटेल को कांग्रेस में अपना कद घटने की आशंका है। नरेश पटेल ने अभी तक किसी भी पार्टी में जाने के स्पष्ट संकेत नहीं दिए हैं। हालांकि, उनकी मुलाकात कांग्रेस, आम आदमी पार्टी और भाजपा के नेताओं से होती रहती है।

पीएम मोदी ने संभाल ली है भाजपा की कमान
गौरतलब है कि हाल में चार राज्यों के विधानसभा चुनाव के जीत के साथ ही भाजपा ने गुजरात में अपनी चुनावी तैयारियों को तेज कर दिया था। खुद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने गुजरात का दौरा किया और गृहमंत्री अमित शाह भी लगातार गुजरात के दौरे कर रहे हैं।  राज्य में कांग्रेस ने पिछले चुनाव में भाजपा को कड़ी टक्कर दी थी, लेकिन इस बार उसकी स्थिति कमजोर मानी जा रही है। कांग्रेस के दिग्गज नेता अहमद पटेल की गैरमौजूदगी भी इसकी एक वजह मानी जा रही है। दूसरी तरफ भाजपा को आम आदमी पार्टी की राज्य की राजनीति में दस्तक से लाभ मिलने की उम्मीद है। आम आदमी पार्टी से भाजपा से ज्यादा कांग्रेस को नुकसान होने की बात कही जा रही है।

भाजपा को है जीत की उम्मीद
भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष सीआर पाटिल का कहना है कि गुजरात की राजनीति इस बार बदली हुई है और कोई भी दल भाजपा को चुनौती देता नजर नहीं आ रहा है। उन्होंने साफ किया कि भाजपा को किसी दल में जोड़-तोड़ करने की जरूरत नहीं है और वह राज्य की सभी 182 सीटों को जीतने का लक्ष्य लेकर अपनी रणनीति बना रही है। गुजरात प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और गृहमंत्री अमित शाह का गृह राज्य है, इसलिए भाजपा वहां पर अपनी तैयारी को पूरी तरह चाक-चौबंद रख रही है।

AAP की दस्तक से मुश्किल में कांग्रेस
भाजपा ने कोरोना महामारी के दौरान राज्य में जनता की नाराजगी को देखते हुए बीते साल ही राज्य की पूरी सरकार को बदल दिया था। मुख्यमंत्री समेत सभी नए चेहरों के आने के बाद भाजपा ने अपनी स्थिति भी मजबूत की है। दूसरी तरफ कांग्रेस को आम आदमी पार्टी की दस्तक से ज्यादा दिक्कत हो रही है। चुनाव के पहले कांग्रेस के कुछ नेता आम आदमी पार्टी में भी जा सकते हैं। हालांकि, आम आदमी पार्टी की निगाहें भाजपा के असंतुष्ट नेताओं पर भी लगी हुई है, लेकिन भाजपा ऐसे नेताओं को बहुत ज्यादा महत्वपूर्ण नहीं मांग रही है।

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