राजनीतिक

कांग्रेस की थीम से अलग हरीश रावत ने लांच की नई थीम, कहीं फिर से बगावत तो नहीं, जानिए क्या है मामला

देहरादून
उत्तराखंड कांग्रेस के अंदर सबकुछ ठीक नहीं चल रहा है। बीते दिनों जिस तरह से कांग्रेस चुनाव अभियान समिति के प्रमुख पूर्व सीएम हरीश रावत ने अपनी पार्टी और संगठन पर सवाल खड़े किए थे, उसको शांत हुए कुछ दिन ही हुए कि अब हरीश रावत ने पार्टी के स्लोगन पर भी सवाल खड़े कर पार्टी के अंदर चल रही सियासी उठापटक को भी सामने ला दिया है। कांग्रेस ने दिल्ली में तीन तिगाड़ा काम बिगाड़ा थीम लांच कर दावा किया था कि वे भाजपा सरकार के तीन मुख्यमंत्रियों के बदलने को चुनावी मुद्दा बनाएंगे। लेकिन दो दिन में ही पूर्व सीएम हरीश रावत ने इसे नकारात्मक संदेश वाला स्लोगन बताते हुए अपना नया अभियान हमने किया है आगे भी करके दिखाएंगे जारी किया है।

मैंने अपने सोशल मीडिया पर एक छोटा सा अभियान प्रारंभ किया है, तीन तिगाड़ा काम बिगाड़ा, अब उत्तराखंड में नहीं आएगी, भाजपा दोबारा। मैं एक और पूरक अभियान भी अपने सोशल मीडिया पर जारी करना चाहता हूं, ताकि केवल नकारात्मकता पर हम चुनाव लड़ रहे हैं, ऐसा सन्देश न जाय। हम सकारात्मक बिंदुओं पर खड़े हैं, यह संदेश देने के लिए मेरे नये अभियान का नाम है "हमने किया है-आगे भी करके दिखाएंगे"।

यह सारा अभियान 2014-15, 16 व 2017 में पार्टी की उपलब्धियों और आगे के भविष्य के लिए हम उन उपलब्धियों का कैसे विस्तार करेंगे, कैसे उनको और मजबूत करेंगे, उस पर आधारित होगा। हरीश रावत ने अपना नया अभियान लांच किया उत्तराखंड में सत्ता वापसी के लिए आए दिन नए प्रयोग कर रही है। हाल ही में कांग्रेस ने अपना कैंपेन सांग लांच किया। इसकी थीम कांग्रेस ने रखी है 'तीन तिगाड़ा काम बिगाड़ा'। कांग्रेस के पास सत्ताधारी भाजपा के लिए सबसे बड़ा मुद्दा तीन मुख्यमंत्री बदलना है। इस थीम को लांच करने के बाद सवाल भी उठने लगे कि क्या जनता तीन मुख्यमंत्रियों को बदलने के मुद्दे को सबसे बड़ा मुद्दा मान रही है।

 या फिर कांग्रेस जिस तरह से अब तक चुनावी मैदान में बड़े-बड़े मुद्दों को लेकर जनता के बीच जा रही थी, वे सभी मुद्दे इस मुद्दे के पीछे कहीं छिप गए हैं। दिल्ली में भले ही कांग्रेस के सभी सीनियर नेताओं ने इस थीम की सराहना की। लेकिन देहरादून आकर हरीश रावत ने इस थीम की जगह अपना नया अभियान लांच कर दिया। तीन तिगाड़ा काम बिगाड़ा थीम को लेकर मीडिया भी कांग्रेस के सीनियर नेताओं से सवाल पूछ चुकी है। कि क्या इस थीम के सहारे कांग्रेस सिर्फ नकारात्मकता का संदेश देगी या फिर अपने विजन और मुद्दों को जनता के बीच रखेगी। ऐसे में कांग्रेस के अंदर खाने इस बात को लेकर डर है कि कहीं जनता के सामने दूसरे मुद्दे गौंण न हो जाए। ऐसे में कांग्रेस बेरोजगारी, महंगाई, महिला सुरक्षा जैसे दूसरे अहम मुद्दों को भी अपने अभियान में शामिल करना चाहती है। इसके लिए पूर्व सीएम हरीश रावत एक सकारात्मकता का अभियान लेकर आए हैं। लेकिन हरीश रावत के इस कदम से कांग्रेस के अंदर सकारात्कता आती है या फिर नए विवाद का जन्म होता है। ये देखना भी दिलचस्प होगा।
 

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