राजनीतिक

 कांग्रेस से आये माणिक साहा पर त्रिपुरा में जीत दिलाने का दारोमदार 

नई दिल्ली ।  वामपंथी गढ़ में सेंध लगाकर साल 2018 के विधानसभा चुनाव में पहली बार जीत हासिल करने वाली बीजेपी त्रिपुरा में अपनी सत्ता बरकरार रखने के लिए जोर लगा रही है। इस चुनाव में बीजेपी के प्रदर्शन का सारा दारोमदार मुख्यमंत्री माणिक साहा पर है जो कि बीजेपी की राज्य इकाई के अध्यक्ष भी हैं। साहा ने बीजेपी में प्रवेश से लेकर मुख्यमंत्री बनने तक का सफर सिर्फ छह साल में पूरा किया।   
मई 2022 में त्रिपुरा के मुख्यमंत्री बने डॉ माणिक साहा को तत्कालीन सीएम बिप्लब कुमार देब के इस्तीफे के कुछ घंटे बाद ही पार्टी ने अगला मुख्यमंत्री घोषित कर दिया था। डॉ माणिक साहा ने 15 मई 2022 को मुख्यमंत्री पद की शपथ ली थी। उन्होंने राज्य के 11वें सीएम के रूप में शपथ ली थी। बीजेपी ने इस उत्तर-पूर्वी राज्य में विधानसभा चुनाव से एक साल से भी कम समय पहले उनको मुख्यमंत्री बनाया था। 
डॉ साहा को मुख्यमंत्री बनने से एक माह पहले ही राज्यसभा सांसद चुना गया था। मुख्यमंत्री बनाए जाने के बाद उन्होंने राज्यसभा की सदस्यता छोड़ दी थी। साल 2020 में उन्हें त्रिपुरा में पार्टी प्रमुख बनाया गया था। माणिक साहा सन 2016 में बीजेपी में शामिल हुए थे। इससे पहले वे कांग्रेस में थे। बीजेपी से जुड़ने के बाद उन्हें बूथ प्रबंधन समिति और राज्य स्तरीय सदस्यता अभियान के प्रभारी का जिम्मा सौंपा गया था। 

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