राजनीतिक

शिंदे का समर्थन करने वाले 50 विधायकों में से 45 को अगले चुनाव में हार का सामना करना पड़ेगा – राकांपा

मुंबई । राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (एनसीपी) ने दावा किया कि शिंदे का समर्थन करने वाले 50 विधायकों में से 45 को अगले चुनाव में हार का सामना करना पड़ेगा। मध्य महाराष्ट्र के औरंगाबाद जिले के पैठण में सोमवार को मुख्यमंत्री द्वारा संबोधित एक रैली का जिक्र करते हुए, प्रदेश एनसीपी के मुख्य प्रवक्ता महेश तपासे ने आरोप लगाया कि शिंदे के नेतृत्व वाले बागी समूह के पास अनुशासित कैडर नहीं है, इसलिए उन्हें लोगों को इकट्ठा करने के लिए पैसे खर्च करने पड़ते हैं। उन्होंने कहा कि महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे शिवसेना नेतृत्व के खिलाफ अपनी बगावत को सही ठहराने की कोशिश कर रहे हैं, लेकिन राज्य के लोग उनके विचारों का समर्थन नहीं करते हैं।
शिवसेना के उद्धव ठाकरे के नेतृत्व वाले धड़े ने दावा किया है कि शिंदे की रैली के लिए लोगों को ‘‘पैसे देकर'' लाया गया था। तपासे ने एक बयान में कहा, ‘‘मुख्यमंत्री ने यह जताने की कोशिश की है कि उनकी बगावत का कार्य किस तरह सही था, लेकिन महाराष्ट्र के लोग उनके विचारों (बगावत पर) का समर्थन नहीं करते हैं। अगले चुनाव में महाराष्ट्र के मतदाता शिंदे समूह के 50 में से 45 विधायकों को हराएंगे।'' जून में बगावत का झंडा बुलंद करने वाले और शिवसेना के लगभग 40 विधायकों के साथ अलग रास्ता अपनाने वाले शिंदे ने कई बार दावा किया है कि ठाकरे के नेतृत्व में पार्टी हिंदुत्व के रास्ते से ‘भटक' गई है।
मुख्यमंत्री ने सोमवार को महा विकास आघाड़ी के नेताओं, विशेष रूप से ठाकरे पर तीखा हमला करते हुए कहा कि याकूब मेमन के प्रति सहानुभूति रखने से बेहतर है कि उन्हें प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह का ‘एजेंट' कहा जाए, जिन्होंने जम्मू-कश्मीर में अनुच्छेद 370 को रद्द कर दिया। मेमन को 1993 के मुंबई बम धमाकों में उसकी भूमिका के लिए 2015 में फांसी दी गई थी।
तपासे ने शिंदे और भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के उपमुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस के संदर्भ में कहा कि ‘ईडी सरकार', कथित तौर पर प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) का इस्तेमाल करके बनाई गई है और इसे अभी तक उच्चतम न्यायालय से संवैधानिक मान्यता प्राप्त नहीं हुई है। उन्होंने कहा कि एनसीपी शिंदे के नेतृत्व वाली सरकार को तब तक ‘‘असंवैधानिक'' मानती रहेगी, जब तक कि उसे शीर्ष अदालत से मान्यता नहीं मिल जाती, जहां शिवसेना के प्रतिद्वंद्वी खेमे ने एक-दूसरे के खिलाफ कई याचिकाएं दायर की हैं।

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button
Irresistible Chocolate Cocoa Pancakes: A Crowd Favorite! Expert Tips 6 Evening Activities to Slow Down the Aging Process 4 Essential Tips She's Present, but Not Invested: Airy and Effortless: No-Knead Easter Recipe for Moist Baking Mackerel: A Mouthwatering Recipe for Tender, Juicy Fish 7 Adorable Small Dog Breeds: Meet Understanding and Managing The Truth About the Top Palm Oil Myth: Debunked Enhancing the Flavor of Mincemeat: The Secret Ingredient