राजनीतिक

कांग्रेस से इस्तीफा देने वाले हार्दिक पटेल के बीजेपी में जाने की अटकलें तेज

अहमदाबाद
गुजरात चुनाव से 6 महीने पहले कांग्रेस से इस्तीफा देने वाले हार्दिक पटेल के बीजेपी में जाने की अटकलें हैं। हालांकि हार्दिक ने साफ किया कि अभी उन्होंने इस पर कोई फैसला नहीं लिया है। कांग्रेस पर आरोपों की बारिश करते हुए हार्दिक ने कहा कि उनका पार्टी जॉइन करना गलत फैसला था और वह इसके लिए माफी मांगते हैं। उन्होंने कहा कि कांग्रेस जरूरी मुद्दे पर चुप है, यही हाल रहा तो कांग्रेस अगले 20 साल तक सत्ता में नहीं आ पाएगी।

प्रेस कॉन्फ्रेंस कर हार्दिक ने कहा, 'लोग मुझसे पूछ रहे हैं कि क्या मैं बीजेपी में शामिल हो रहा हूं। मैं अभी बीजेपी में नहीं हूं और न ही बीजेपी में जाने का अभी फैसला लिया है।' पाटीदार नेता ने कहा, 'कांग्रेस सिर्फ पैसों के लिए काम कर रही है। मुझे आज बुरा लग रहा है। मैंने कुछ उम्मीदों और सपनों के साथ कांग्रेस जॉइन की थी लेकिन आज मैं माफी मांगता हूं। यह एक गलत फैसला था।'

हार्दिक पटेल ने कहा, 'राम मंदिर, आर्टिकल 370 और अब ज्ञानवापी मस्जिद जैसे बड़े मुद्दों पर कांग्रेस चुप क्यों है? अगर पार्टी ऐसे काम करती है तो वे गुजरात की सत्ता में कभी नहीं आने वाले हैं।' उन्होंने तंज कसते हुए कहा, 'कांग्रेस के बड़े नेता सिर्फ चिकन सैंडविच और डायट कोक के लिए चिंतित रहते हैं।'

पाटीदार नेता ने कहा, 'जो नेता आज मुझे गाली दे रहे हैं, उन्होंने ही भी मुझे कांग्रेस जॉइन करने को कहा था। जब भी कोई मजबूत नेता होता है तो पार्टी यह सुनिश्चित करने में जुटी रहती है कि वे कुछ भी करने में असमर्थ हों। जिस दिन से मैंने कांग्रेस जॉइन की, मैंने लगातार काम किया। तीन सालों में मैंने जाना कि वे केवल जातिगत राजनीति कर रहे हैं। दूसरे राज्यों में वर्किंग प्रेजिडेंट रणनीति बनाते हैं, यहां मुझे कुछ करने की इजाजत ही नहीं है।'

हार्दिक की कांग्रेस पर आरोपों की बौछार
-गुजरात में, पाटीदार समुदाय या कोई भी दूसरा समुदाय हो, उन्हें कांग्रेस में पीड़ित होना पड़ता है। कांग्रेस में सच बोलने पर बड़े नेता आपको बदनाम करते हैं और यही उनकी रणनीति है।

-गुजरात में सिर्फ हार्दिक पटेल ही कांग्रेस से नाराज नहीं है। गुजरात में कई नेता और विधायक हैं जिनका कांग्रेस में इस्तेमाल हुआ है। सत्ता में बैठना और पार्टी की तारीफ करने का यह मतलब नहीं है कि पार्टी उन्हें सीएम बनाएगी।

-33 सालों से 7 से 8 लोग ही कांग्रेस चला रहे हैं। मेरे जैसे कार्यकर्ता रोज 500-600 किमी यात्रा करते हैं। अगर मैं लोगों के बीच जाकर उनकी समस्या जानने की कोशिश करता हूं तो एसी चैंबर में बैठे बड़े नेता इस प्रयास में खलल डालने की कोशिश करते हैं।

-पार्टी में ऐसी चर्चा है कि जब लोग बीजेपी से बोर हो जाएंगे तो कांग्रेस के लिए वोट करेंगे। मैंने राहुल और प्रियंका से बात की और गुजरात की समस्या को बताया था। उन्होंने पूछा और मैंने बताया लेकिन मेरी उपेक्षा की गई। मैंने पार्टी छोड़ने का फैसला दुख के साथ नहीं हिम्मत के साथ किया।

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