हर कार्यकर्ता के सबसे करीबी, सही अर्थों में सच्चे कर्मयोगी थे स्व. माथुर जी
- पार्टी नेताओं, कार्यकर्ताओं ने दी प्रिय नेता स्व. भगवतशरण माथुर को श्रद्धांजलि
भोपाल। स्व. भगवतशरण माथुर स्वयं एक आदर्श कार्यकर्ता थे और उन्होंने अनेक कार्यकर्ता गढ़े। उनके स्नेहपूर्ण व्यवहार के चलते हर कार्यकर्ता स्वयं को माथुर साहब का सबसे करीबी मानता था। शारीरिक तकलीफों के बावजूद माथुर साहब आजीवन सक्रिय रहे। उनका जीवन एक सच्चे कर्मयोगी की तरह था। प्रदेश कार्यालय में आयोजित श्रद्धांजलि कार्यक्रम के दौरान ऐसे ही संस्मरणों के साथ पार्टी के नेताओं, कार्यकर्ताओं ने अपने प्रिय नेता स्व. भगवतशरण माथुर को याद किया और श्रद्धासुमन अर्पित किए। कार्यक्रम में राष्ट्रीय सह संगठन महामंत्री शिवप्रकाश जी, मुख्यमंत्री शिवराजसिंह चौहान, प्रदेश अध्यक्ष विष्णुदत्त शर्मा, केंद्रीय मंत्री प्रहलाद पटेल, विधानसभा अध्यक्ष गिरीश गौतम, राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के प्रांत संघचालक अशोक पांडे, राष्ट्रीय सचिव ओमप्रकाश धुर्वे, संगठन महामंत्री सुहास भगत, सह संगठन महामंत्री हितानंद जी समेत पार्टी के नेता, प्रदेश सरकार के मंत्री, स्व. भगवतशरण माथुर के परिजन और कार्यकर्ता उपस्थित थे।
माथुर साहब जैसे लोगों के कारण ही भाजपा सबसे बड़ा संगठन हैः शिवप्रकाश जी
स्व. माथुर को श्रद्धांजलि अर्पित करते हुए पार्टी के राष्ट्रीय सह संगठन महामंत्री शिवप्रकाश जी ने कहा कि एक बार सरसंघचालक मोहन भागवत जी ने कहा था कि संघ में ऐसे लोग होते हैं, जो दिखते नहीं हैं। आज भारतीय जनता पार्टी सबसे बड़ा संगठन है, करीब 18 करोड़ सदस्य हैं। जो लोग इससे खुश नहीं हैं, वे हमें तोड़ने की कोशिश करते हैं, लेकिन हमारा परिवार बढ़ता ही जा रहा है, क्योंकि इसके मूल में स्व. माथुर साहब जैसे कार्यकर्ता हैं। हमारा संगठन ऐसे ही कार्यकर्ताओं की बदौलत आगे बढ़ रहा है, जो होते हैं, लेकिन दिखते नहीं हैं। स्व. माथुर साहब एक व्यक्ति नहीं विचार थे। उनका जीवन त्यागमयी और विचार केंद्रित था। उनके जीवन में गीता दिखाई देती है। माथुर साहब जैसे कार्यकर्ताओं के दम पर ही भारत दुनिया का सिरमौर बनने की ओर बढ़ रहा है।
माथुर साहब के काम उनकी स्मृतियों को जीवित रखेंगेः शिवराजसिंह चौहान
स्व. माथुर का स्मरण करते हुए मुख्यमंत्री शिवराजसिंह चौहान ने कहा कि वे अद्भुत कर्मयोगी थे और उनके काम ही उनकी स्मृतियों को जीवित रखेंगे। उनमें एक सात्विक कार्यकर्ता के सभी गुण थे। कैसी भी परिस्थिति हो, वे कभी निराश नहीं होते थे। चेहरे पर चमक, होठों पर मस्ती और स्वभाव का फक्कड़पन तथा मस्ती माथुर साहब के व्यक्तित्व की विशेषताएं थीं। उनके मन में कार्यकर्ताओं के लिए अपार स्नेह था और प्रत्येक कार्यकर्ता स्वयं को उनके सबसे निकट महसूस करता था। आज माथुर साहब हमारे बीच नहीं हैं, लेकिन वे अपने कर्मों के माध्यम से हमें प्रेरणा देते रहेंगे।
चौबीस घंटे संगठन के लिए सोचने वाले कार्यकर्ता थे माथुर साहबः विष्णुदत्त शर्मा
प्रदेश अध्यक्ष विष्णुदत्त शर्मा ने प्रदेश के कार्यकर्ताओं की ओर से स्व. भगवतशरण माथुर को श्रद्धांजलि अर्पित करते हुए कहा कि विद्यार्थी परिषद के समय से मेरा संपर्क स्व. माथुर साहब से रहा है और प्रदेश अध्यक्ष बनने पर भी मुझे उनका मार्गदर्शन मिलता रहा। उन्होंने अनेक कार्यकर्ताओं को गढ़ा। स्व. माथुर साहब 24 घंटे संगठन के लिए सोचने वाले कार्यकर्ता थे और विंध्य की कठिन परिस्थितियों में पार्टी को खड़ा करने का श्रेय उन्हीं को जाता है। उनका व्यक्तित्व योगी की तरह था।
माथुर जी संगठन कुशलता के साथ दृढ़ निश्चयी वृत्ति के धनी थे: माखन सिंह
तीर्थ एवं मेला विकास प्राधिकरण के अध्यक्ष माखन सिंह चौहान ने स्व. भगवतशरण माथुर जी को श्रद्धासुमन अर्पित करते हुए कहा कि माथुर जी में संगठन कुशलता, दृढ़ता निर्भीकता और जुझारूपन भरा हुआ था। वे विद्यार्थी जीवन से ही स्वयं के दमखम से काम करते थे। माथुर जी का स्मरण करते हुए श्री माखन सिंह ने कहा कि जब वे 1973 राजगढ में जिला प्रचारक थे तब भगवतशरण माथुर जी विद्यार्थी परिषद का काम करते थे। आपातकाल के दौरान माथुर जी मेरे साथ जेल में रहे। जेल से निकलने के बाद माथुर जी संघ कार्य में जुट गए। उसके बाद लगातार एक के बाद एक जिम्मेदारियां मिली। उन्होंने कहा कि माथुर जी दृढ़ निश्चयी वृत्ति के धनी थे। उन्होंने कहा कि जिस महान राष्ट्र के लक्ष्य को लेकर हम सब कार्य कर रहे हैं उसमें माथुर जी जीवन पर्यन्त लगे रहे।
माथुर जी का संगठन कौशल अदभुत था: अशोक पाण्डे
राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के प्रांत संघचालक अशोक पाण्डे ने राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ मध्यभारत प्रांत की ओर से स्व. भगवतशरण माथुर को श्रद्धासुमन अर्पित करते हुए कहा कि आदरणीय माथुर साहब उस परंपरा के यात्री थे जिसमें व्यक्ति अपना सुख-दुख, लाभ-हानि, मान-अपमान, यश, अहंकार, क्रोध सब कुछ त्यागकर राष्ट्रसेवा में लगा रहता है। वे हमेशा सहज रहते थे, उनके चेहरे पर हमेशा मुस्कुराहट रहती थी। उनकी लोक संग्रह की क्षमता, संगठन कौशल और फक्कड़पन अदभुत था। उनका निधन संगठन और विचार की बड़ी क्षति है।
माथुर जी बेबाक नेता थे: प्रहलाद पटेल
केन्द्रीय मंत्री प्रहलाद पटेल ने कहा कि माथुर साहब बेबाक नेता थे। हमेशा खुलकर बोलते थे। माथुर जी से जुड़े संस्मरण को याद करते हुए श्री पटेल ने कहा कि जब मैं पहली बार सांसद बना उसी समय माथुर जी को संघ कार्य से भाजपा में भेजा गया। उस रात वे दिल्ली में मेरे निवास पर ही रूके थे। तब से माथुर जी से मेरा लगातार संपर्क रहा। अमरकंटक में उन्होंने अपना स्थान सुनिश्चित किया तो अनेक बार उनसे संवाद होता रहा। उनका निधन पार्टी संगठन की अपूरर्णीय क्षति है।
माथुर जी का निधन मेरी व्यक्तिगत क्षति: गिरीश गौतम
मध्यप्रदेश विधानसभा अध्यक्ष गिरीश गौतम ने कहा कि स्व. माथुर जी जब रीवा में संगठन मंत्री के रूप में कार्य कर रहे थे तब से वे उनसे लगातार संपर्क में रहे। उनका व्यक्तित्व अदभुत था, उनकी संगठन क्षमता इतनी जबर्दस्त थी कि किसी व्यक्ति को पहचानना और उसकी क्षमता का आंकलन करके उसे संगठन कार्य में लगाना, यह गुण सिर्फ माथुर जी में था। उन्होंने कभी भी व्यक्तिगत संबंधों को तरजीह नहीं दी। जब पार्टी को आगे बढाने का सवाल आता था तो व्यक्ति की योग्यता के अनुसार उसका चयन करते थे। रीवा में संगठन को न सिर्फ मजबूत किया बल्कि संगठन को उंचाई तक ले जाकर उसे स्थायित्व प्रदान करने का श्रेय माथुर जी को जाता है। उनका निधन मेरे लिए व्यक्तिगत क्षति है।
माथुर साहब ने विंध्य की बंजर धरती को पार्टी के लिए उपजाऊ बनायाः राजेंद्र शुक्ल
पूर्व मंत्री राजेंद्र शुक्ल ने स्व. माथुर जी को श्रद्धांजलि अर्पित करते हुए कहा कि वे एक निष्काम कर्मयोगी थे और एक आदर्श संगठन मंत्री की जीती जागती तस्वीर थे। विंध्य में पार्टी संगठन को मजबूत बनाना उनका सपना था और उन्होंने विंध्य की राजनीतिक दृष्टि से बंजर भूमि को भारतीय जनता पार्टी के लिए उपजाऊ बनाया। स्व. माथुर साहब हर व्यक्ति के करीबी थे।
शोक सभा में स्व. माथुर जी के भतीजे जयेश माथुर एवं उनके परिजन, प्रदेश संगठन महामंत्री सुहास भगत, सह संगठन महामंत्री हितानंद जी, वरिष्ठ नेता रघुनंदन शर्मा, पार्टी के राष्ट्रीय मंत्री ओमप्रकाश धुर्वे, अजजा मोर्चा के राष्ट्रीय महामंत्री गजेन्द्र पटेल, वरिष्ठ पत्रकार राजेन्द्र शर्मा, प्रदेश शासन के मंत्री ओमप्रकाश सकलेचा, बिसाहूलाल सिंह, पूर्व मंत्री जयभानसिंह पवैया, पारस जैन, रामपाल सिंह, अर्चना चिटनीस, प्रदेश उपाध्यक्ष चौधरी मुकेश सिंह चतुर्वेदी, योगेश ताम्रकार, प्रदेश महामंत्री भगवानदास सबनानी, रणवीर सिंह रावत, प्रदेश मंत्री राहुल कोठारी, प्रदेश कार्यालय मंत्री डॉ. राघवेन्द्र शर्मा, प्रदेश मीडिया प्रभारी लोकेन्द्र पाराशर, सह मीडिया प्रभारी विवेक तिवारी, डॉ. दुर्गेश केशवानी, प्रदेश प्रवक्ता यशपालसिंह सिसौदिया, महिला मोर्चा अध्यक्ष माया नारोलिया, विजय दुबे, सांसद अजयप्रताप सिंह, ज्ञानेश्वर पार्टील, जिलाध्यक्ष सुमित पचौरी, पिछडा वर्ग मोर्चा अध्यक्ष भगत सिंह कुशवाह, किसान मोर्चा अध्यक्ष दर्शन सिंह चौधरी सहित प्रदेश व जिला पदाधिकारी, कार्यकताओं ने स्व. माथुर जी को श्रद्धांजलि अर्पित की।