राजनीतिक

द्रौपदी मुर्मू के समर्थन के ये हो सकते हैं बड़े कारण, भाजपा की ओर हाथ बढ़ा रहे हैं उद्धव ठाकरे?

 मुंबई
 
शिवसेना ने राष्ट्रपति चुनाव में नेशनल डेमोक्रेटिक एलायंस (NDA) की उम्मीदवार द्रौपदी मुर्मू का समर्थन करने का फैसला किया है। खबर है कि सोमवार को हुई बैठक में पार्टी के 18 में से 12 सांसद पहुंचे और पार्टी प्रमुख उद्धव ठाकरे से मुर्मू के समर्थन का अनुरोध किया। अब ठाकरे दावा कर रहे हैं कि उनपर यह फैसला लेने का किसी तरह का दबाव नहीं था, लेकिन उनके इस कदम में कई संकेत मिलते नजर आ रहे हैं। रिपोर्ट में सूत्रों के हवाले से लिखा है मुर्मू के समर्थन के फैसले के पीछे ठाकरे का एक बड़ा संदेश छिपा हुआ है। उन्होंने कहा कि वह प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के साथ अच्छे संबंध चाह रहे हैं और केंद्र के साथ भी बिगड़े रिश्तों को सुधारना चाहते हैं। इस फैसले के जरिए ठाकरे अप्रत्यक्ष तौर पर यह दिखाना चाहते हैं कि शिवसेना और भाजपा के रिश्ते खत्म नहीं हुए हैं।
 
रिपोर्ट के अनुसार, एक वरिष्ठ नेता ने शिवसेना के फैसले का बचाव किया। उन्होंने कहा, 'जब पहली बार एक आदिवासी महिला को प्रोजेक्ट किया जा रहा है, तो कोई क्यों आपत्ति उठाएगा? फैसले का विरोध करने की कोई भी कोशिश महाराष्ट्र के आदिवासियों के बीच सही नहीं होगी।' उन्होंने बात में माना कि पार्टी के पास सीमित विकल्प बाकी थे। नेता ने कहा, 'एक ओर हमारे पास मुर्मू के तौर पर शिक्षित और अनुभवी आदिवासी नेता है। वहीं, दूसरी ओर विपक्ष के उम्मीदवार के तौर पर यशवंत सिन्हा हैं। विपक्ष में भी सिन्हा को लेकर सहमति नहीं है। इसके बाद सेना उनका समर्थन क्यों करेगी।' रिपोर्ट के मुताबिक, सेना के सूत्रों ने बाल ठाकरे का भी जिक्र किया कि कैसे उन्होंने विचारधारा और राजनीतिक मतभेदों को अलग रखते हुए UPA उम्मीदवार प्रतिभा पाटील और प्रणब मुखर्जी का समर्थन किया था। एक शिवसेना नेता ने कहा, 'राजनीति में आप हमेशा के लिए दरवाजे बंद नहीं करते हैं। भविष्य का अनुमान कौन लगा सकता है?'

भाजपा ने भी किया फैसले का स्वागत
भाजपा की तरफ से भी ठाकरे के फैसले का स्वागत किया गया है। रिपोर्ट के अनुसार, एक पार्टी पदाधिकारी ने कहा, 'राजनीति में कोई स्थाई दोस्त या दुश्मन नहीं होता। भाजपा का केंद्रीय नेतृत्व भी ठाकरे के साथ अपने संबंध खत्म नहीं करना चाहता।' पार्टी सूत्रों के हवाले से बताया गया कि भाजपा की कोर कमेटी की बैठक में राज्य और केंद्रीय नेताओं ने कैडर से ठाकरे को निशाना नहीं बनाने की अपील की है।

 

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