बांग्लादेश की मतदाता सूची में भी है TMC उम्मीदवार आलो रानी का नाम

नई दिल्ली
आलो रानी के अनुसार, उनका जन्म भारत के हुगली में 1969 में हुआ था। उन्होंने शादी के बाद अपनी भारतीय नागरिकता नहीं छोड़ी और बताया कि वह पति के साथ भी नहीं रहती हैं। जांच में सामने आया कि उनका जन्म बांग्लादेश में हुआ था।
पश्चिम बंगाल में 2021 में हुए विधानसभा चुनाव में ममता बनर्जी ने जिस बांग्लादेशी महिला आलो रानी सरकार को टिकट दिया था, उसके बारे में नए-नए खुलासे हो रहे हैं। अब सामने आया है कि आलो रानी का नाम भारत की मतदाता सूची में होने के साथ ही साथ बांग्लादेश की मतदाता सूची में शामिल है। उन्होंने 2012 में भारत की मतदाता सूची में अपना नाम जुड़वाया था, इसके बाद वह बांग्लादेश में रहने लगीं और वहां की भी मतदाता बन गईं।
ममता ने बनाया था प्रत्याशी
दरअसल, आलो रानी ने तृणमूल कांग्रेस के टिकट पर चुनाव लड़ा था। वह भाजपा प्रत्याशी स्वपन मजूमदार के खिलाफ खड़ी हुई थीं। चुनाव में हार के बाद उन्होंने कलकत्ता हाईकोर्ट में याचिका दायर की थी। इसी की सुनवाई के दौरान उनकी नागरिकता का खुलासा हुआ और सामने आया कि आलो रानी बांग्लादेशी नागरिक हैं।
हर दावा निकला झूठा
आलो रानी के अनुसार, उनका जन्म भारत के हुगली में 1969 में हुआ था। उन्होंने शादी के बाद अपनी भारतीय नागरिकता नहीं छोड़ी और बताया कि वह पति के साथ भी नहीं रहती हैं। उन्होंने बताया कि पहचान पत्र, पैन कार्ड, पासपोर्ट, आधार कार्ड के साथ उनके नाम पर भारत में जमीनें भी हैं। हालांकि, जांच में सामने आया कि उनके पिता समर हलदर बांग्लादेश के नचराबाद के रहने वाले थे। वे यहीं जन्मीं, हुगली में जन्म का दावा झूठा है। 2012 में भारतीय मतदाता सूची में नाम जुड़वाने के बाद वह अपने पति के साथ रहने लगीं।
हाईकोर्ट ने क्या कहा?
हाईकोर्ट ने अपना निर्णय सुनाते हुए कहा, पासपोर्ट, आधार, मतदाता पहचान, पैन कार्ड नागरिकता के साक्ष्य नहीं हैं। उनके पास बांग्लादेश का मतदाता पहचान पत्र है और बांग्लादेशी नागरिक से शादी उन्हें वहां का नागरिक साबित करने के लिए काफी है। आज भी यह साफ नहीं है कि बांग्लादेश मतदाता सूची से उनका नाम हटा या नहीं। उनकी मां और भाई आज भी बांग्लादेश में रहते हैं। दोहरी नागरिकता भारत में लागू नहीं है, लिहाजा उन्हें भारतीय नागरिक नहीं माना जा सकता है।