धर्मसीहोर

भक्तों की करुण पुकार पर प्रकट होते हैं भगवान : पं. मोहितराम

जसपाल अरोरा ने पं.मोहितराम महाराज का शॉल श्रीफल से किया से सम्मान

सीहोर। जब-जब भी पृथ्वी पर पापाचार्य अत्याचार अधर्म असत्य पाप बढ़ जाता तब तक भगवान अपने भक्तों को सुख देने एवं उनकी रक्षा करने के लिए इस संसार सागर में कभी राम बनकर कभी कृष्ण बनकर कभी नरसिंह बनकर तो कभी श्री नंदलाल बनकर प्रकट होते हैं। जब-जब भी भक्त अपने हृदय की भावना से भगवान को पुकारते हैं। भगवान स्वयं दौड़े चले आते हैं गज ने पुकारा तो गरुड़ को छोड़ कर आ गए द्रोपति ने पुकारा तो चीर बन कर आ गए शबरी ने पुकारा तो श्री राम बनकर माता शबरी के जूठे बेर खा गए एक बार यदि हम सच्चे हृदय से भगवान को पुकारा तो भगवान स्वयं नंगे पैर चले आते हैं। उक्त उद्गार चेत्रीय नवरात्रि के पावन अवसर पर ग्राम जमुनिया खुर्द सीहोर में चल रही। सप्त दिवसीय श्रीमद्भागवत कथा के आज चतुर्थ दिवस के अवसर पर कथा व्यास संत परम गौभक्त पंडित मोहितरामजी पाठक ने व्यक्त किए। पंडित श्री पाठक ने आगे वर्णन करते हुए कथा में कहा कि जब पृथ्वी पर कंस का अत्याचार पापा चारा धर्म बढ़ गया तो पृथ्वी गाय का रूप धारण करके भगवान श्री हरि के पास गए और भगवान ने उसकी मनोकामना पूर्ण करने के लिए वरदान दिया कि मैं द्वापर में श्रीकृष्ण रूप धारण कर तेरे दुख की निवृत्ति करूंगा और सारे देवता ग्वाल बाल बंद कर ब्रजभूमि में पधारे और भगवान ने मथुरा में जन्म लेकर पापियों का नाश करा और पृथ्वी पर पुन: धर्म की स्थापना करें जहां राम तहा अवध जहां कृष्ण तहां गोकुल मथुरा गाय गोवर्धन जमुना है। आज कथा में पूर्व जिला पंचायत अध्यक्ष श्री जसपाल सिंह अरोरा पं.श्री पाठकजी का शॉल श्रीफल से सम्मान किया। इस मौके पर कांग्रेस अध्यक्ष राजीव गुजराती, बृजेश राजपूत, नरेंद्र शर्मा, कवि दाऊ, बृजेश पाराशर, भंवर सिंह परमार, रामकिशन राय ने कथा का श्रवण कर गुरुजी का सम्मान किया।
स्वर्गीय श्री प्रेम नारायण जी चौकसे भूतपूर्व सरपंच की स्मृति में श्रीमद् भागवत कथा महोत्सव आयोजनश्रीशिवनारायणजी ब्रह्मा लाल, विष्णु प्रसाद, महेश कुमार चौकसे, सरमन टीआई संजय चौकसे, परीक्षित रवि चोकसे, अंकित चौकसे एवं समस्त चौकसे परिवार जमुनिया खुर्द सीहोर पंचम दिवस की कथा में गाय और गिर्राज पूजन उपरांत छप्पन भोग का आयोजन किया जाएगा। आयोजन करता चौक से परिवार ने समस्त क्षेत्रवासियों से कथा में आ रहे अतिथियों का आभार व्यक्त किया।

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