धर्म

धन, संपत्ति, उन्नति, सफलता, पुत्र के लिए करें लक्ष्मी स्तुति पाठ

माता लक्ष्मी को प्रसन्न करने के लिए प्रत्येक दिन या ​फिर हर शुक्रवार के दिन लक्ष्मी स्तुति का पाठ करें. लक्ष्मी स्तुति का पाठ करने से धन, संपत्ति, उन्नति, सफलता, पुत्र आदि सबकुछ प्राप्त हो सकता है.

पंडित वशिष्ठ उपाध्याय कहते हैं कि लक्ष्मी स्तुति की रचना महर्षि अगस्त्य ने किया था, इसे लक्ष्मी स्तुति या महालक्ष्मी स्तुति कहते हैं. इसका पाठ करने से नि:संतान लोगों को पुत्र प्राप्त होता है, दरिद्र पर लक्ष्मी कृपा होती है, धन धान्य, सुख, सफलता में वृद्धि होती है. लक्ष्मी स्तुति का पाठ करने से पूर्व विधिपूर्वक माता लक्ष्मी की पूजा कर लेनी चाहिए.

लक्ष्मी स्तुतिया महालक्ष्मी स्तुति
आदि लक्ष्मि नमस्तेऽस्तु परब्रह्म स्वरूपिणि।
यशो देहि धनं देहि सर्व कामांश्च देहि मे।।

सन्तान लक्ष्मि नमस्तेऽस्तु पुत्र-पौत्र प्रदायिनि।
पुत्रां देहि धनं देहि सर्व कामांश्च देहि मे।।

विद्या लक्ष्मि नमस्तेऽस्तु ब्रह्म विद्या स्वरूपिणि।
विद्यां देहि कलां देहि सर्व कामांश्च देहि मे।

धन लक्ष्मि नमस्तेऽस्तु सर्व दारिद्र्य नाशिनि।
धनं देहि श्रियं देहि सर्व कामांश्च देहि मे।

धान्य लक्ष्मि नमस्तेऽस्तु सर्वाभरण भूषिते।
धान्यं देहि धनं देहि सर्व कामांश्च देहि मे।

मेधा लक्ष्मि नमस्तेऽस्तु कलि कल्मष नाशिनि।
प्रज्ञां देहि श्रियं देहि सर्व कामांश्च देहि मे।

गज लक्ष्मि नमस्तेऽस्तु सर्वदेव स्वरूपिणि।
अश्वांश गोकुलं देहि सर्व कामांश्च देहि मे।

धीर लक्ष्मि नमस्तेऽस्तु पराशक्ति स्वरूपिणि।
वीर्यं देहि बलं देहि सर्व कामांश्च देहि मे।

जय लक्ष्मि नमस्तेऽस्तु सर्व कार्य जयप्रदे।
जयं देहि शुभं देहि सर्व कामांश्च देहि मे।

भाग्य लक्ष्मि नमस्तेऽस्तु सौमाङ्गल्य विवर्धिनि।
भाग्यं देहि श्रियं देहि सर्व कामांश्च देहि मे।

कीर्ति लक्ष्मि नमस्तेऽस्तु विष्णुवक्ष स्थल स्थिते।
कीर्तिं देहि श्रियं देहि सर्व कामांश्च देहि मे।

आरोग्य लक्ष्मि नमस्तेऽस्तु सर्व रोग निवारणि।
आयुर्देहि श्रियं देहि सर्व कामांश्च देहि मे।

सिद्ध लक्ष्मि नमस्तेऽस्तु सर्व सिद्धि प्रदायिनि।
सिद्धिं देहि श्रियं देहि सर्व कामांश्च देहि मे।

सौन्दर्य लक्ष्मि नमस्तेऽस्तु सर्वालङ्कार शोभिते।
रूपं देहि श्रियं देहि सर्व कामांश्च देहि मे।

साम्राज्य लक्ष्मि नमस्तेऽस्तु भुक्ति मुक्ति प्रदायिनि।
मोक्षं देहि श्रियं देहि सर्व कामांश्च देहि मे।

मङ्गले मङ्गलाधारे माङ्गल्ये मङ्गल प्रदे।
मङ्गलार्थं मङ्गलेशि माङ्गल्यं देहि मे सदा।

सर्व मङ्गल माङ्गल्ये शिवे सर्वार्थ साधिके।
शरण्ये त्रयम्बके देवि नारायणि नमोऽस्तुते।

शुभं भवतु कल्याणी आयुरारोग्य सम्पदाम्।

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button
Skvelé tipy a triky pre každodenný život, jedinečné recepty a užitočné články o záhrade. Získajte užitočné rady a nápady na zlepšenie vášho každodenného života a objavte nové spôsoby, ako využiť plody svojej záhrady. Navštívte náš web a nechajte sa inšpirovať! Ako pripraviť lahodný špenátový koláč s vajcami - recept na Získajte dva lieky Ako efektívne ochrániť kvety v záhrade pred králikmi: Ako sa vyhnúť používaniu hnojív: dôvody, prečo si dať Presný vek: Získajte užitočné tipy, triky a recepty na našom webe o lifestyle, kuchyni a záhradkárčení. Prečítajte si naše články a objavte nové spôsoby, ako urobiť váš každodenný život jednoduchším a zdravším. Buďte inšpirovaní a naučte sa, ako dosiahnuť vyvážený a plnohodnotný životný štýl.