कुछ ऐसा होता है एकादशी के दिन जन्मे लोगों का स्वभाव,जानें कैसा होता है इनका नेचर
20 नवंबर को उतपन्न एकादशी है. एकादशी तिथि महीने में दो होती है, पहला शुक्ल पक्ष और दूसरा कृष्ण पक्ष में. इस दिन का काफी धार्मिक महत्व है. एकादशी के दिन विष्णु भगवान की पूजा की जाती है.
ज्योतिष शास्त्र के मुताबिक ये व्यक्ति के स्वभाव पर असर करते हैं. जिस तिथि में जन्म होता है हमारा स्वभाव और व्यवहार वैसा ही होता है. आइए जानें एकादशी के दिन जन्मे लोगों का स्वभाव कैसा होता है
कुछ ऐसा होता है एकादशी के दिन जन्मे बच्चों का स्वभाव
एकादशी में जन्में जातक भी बहुत सौभाग्यशाली माने जाते हैं
इस दौरान जन्म लेने वाले जातक बेहद ही धनी होते हैं और कानून को मानने और मनवाने वाले भी होते हैं
सिर्फ इतना ही नहीं बल्कि आपको यह भी बता दें कि ये लोग अपने पूर्वजों की संपत्ति और मर्यादा को कायम रखना चाहते हैं
इस तिथि में जन्म लेने वाले व्यक्तियों के विचार शुद्ध होते हैं और धर्म कार्य में इनका विशेष लगाव होता है
निर्जला एकादशी, मोहनी एकादशी, देवशयनी एकादशी आदि कई ऐसी महत्वपूर्ण तिथियां हैं, जिनका काफी ज्यादा महत्त्व होता है और ऐसे में बताना चाहेंगे कि एकादशी तिथि में जन्मा जातक बेहद ही शुद्ध विचार वाला होता है
इन लोगों के विचार शुद्ध होते हैं. इनका धार्मिक कार्यों में विशेष लगाव होता है. साथ ही, दान-पुण्य करने में भी पीछे नहीं हटते.
ये लोग वाणी से भले ही कठोर होते हैं, लेकिन हृदय से विनम्र होते हैं. किसी को भी देखकर जल्दी पिघल जाते हैं.
एकादशी में जन्में जातक को अत्यधिक प्राप्ति की लालसा नहीं होती. ये थोड़े में संतुष्ट रहते हैं.
एकादशी में जन्में जातक को मन से चंचल होने के कारण इनका ध्यान एक विषय पर केंद्रित होना मुश्किल होता है.
एकादशी के दिन क्या नहीं करना चाहिए?
एकादशी के दिन चावल खाना वर्जित है.
एकादशी के दिन बुरी/गलत बातें करना भी मना है.इसके अलावा एकादशी के दिन क्रोध ना करने की सलाह दी जाती है.साथ ही किसी से भी मानसिक या शारीरिक रूप से लड़ाई भी करने से इस दिन बचना चाहिए.
एकादशी के दिन मदिरापान या मांस खाना वर्जित है.
इस दिन झूठ बोलने से भी बचना चाहिए.
एकादशी के दिन किसी की निंदा नहीं करनी चाहिए.
एकादशी के दिन भगवान विष्णु की पूजा का विधान बताया गया है.
इसके अलावा इस दिन रात्रि में जागरण करना बेहद ही शुभ फलदाई होता है.
एकादशी के दिन पान सुपारी नहीं खानी चाहिए.
इसके अलावा एकादशी का व्रत कोई भी हो लेकिन उसके अगले दिन सूर्योदय से पहले स्नान कर के भगवान विष्णु के मंत्रों का जाप करना बेहद शुभ रहता है.