धर्मसीहोर

हमें संगठित होकर हमारे धर्म संस्कृति की रक्षा करनी है : महंत हरिराम दास महाराज

सीहोर। कलियुग में कहा गया है संघे शक्ति कलियुगे अर्थात संगठन में ही शक्ति है। हमें संगठित होकर हमारे धर्म संस्कृति की रक्षा करनी है। इस युग में वहीं लोग सफल हो सकते है जो किसी कार्य हेतु एकत्रित होकर संगठित रूप से कार्य करें। उक्त विचार शहर के तिलक पार्क में जारी संगीतमय श्रीराम कथा में कथा व्यास महंत श्री हरिराम दास महाराज ने कहे।
देर रात्रि को आयोजित श्रीराम कथा में महंत श्री हरिराम दास ने कहा कि राम नाम ही सत्य है, मरने के पश्चात शव यात्रा में एक ही नाम का उच्चारण किया जाता है, अमृत वर्षा करते हुए कहा कि श्रीराम कथा में संस्कार, चरित्र और आचरण का खजाना भरा पड़ा है। आस्था अनुसार जितना चाहे लूट लो, तुम्हें कोई रोकने वाला नहीं है। परमात्मा ने स्वभाव में गरीबी दी हो तो ग्लानि मत करना। हरिनाम उसका सफल होता है, जिसका स्वभाव सरल होता है। कथाएं भगवान श्रीमुख से निकलती हैं, जिसमें प्रेम का अमृत रूपी प्रसाद होता है, वह सामने वाले पर निर्भर है कि वह कथा रूपी प्रसाद अपने ह्दय में कितना ग्रहण करता है। जीवन संघर्ष का दूसरा नाम रामायण ग्रंथ है। झरनों से पतली से धारा निकलती है, जो आगे चलकर विशाल नदी का रूप धारण कर मोक्षदायिनी बनती है। ऐसे ही भक्ति का छोटा सा अंकुर अगर ह्दय में अंकुरित हो जाए, तो वह कथाओं में परिवर्तित हो जाता है। उन्होंने कहा कि कलयुग केवल नाम अधारा, सुमिर सुमिर नर उतरहिं पारा यह चौपाई इस पूरे कलियुग के बारे में विस्तार से बताने वाली है। इस युग में सिर्फ भगवान का नाम ही जीवन का आधार है। भगवान राम के केवल नाम का जप करने से हम हर कार्य सिद्ध कर सकते है। जानकारी के अनुसार नौ दिवसीय श्रीराम कथा सभी क्षेत्रवासियों के सहयोग से की जा रही है। कथा रात्रि आठ बजे से शहर के कस्बा स्थित तिलक पार्क के समीप की जा रही है।

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button
Ako správne zmraziť špenátové listy: s blanšírovaním alebo Ako si pripraviť šťaveľ na Ako účinne uchovávať cesnak až do jari: tipy a triky Vedecké dôvody prečo by ste mali Ako skladovať kôpor na zimu: Recept na domáce kyslé uhorky z babičkinej kuchyne Ako dozrieť paradajky prirodzene: jednoduchá a Štúdia: Rast počtu úmrtí v Európe v