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अवैध डंपरों पर कार्रवाई, नहीं कटवाई थी रायल्टी

तीन डंपरों को जप्त कर थाने में खड़ा किया

रेहटी। बिना रायल्टी के चल रहे अवैध मिट्टी और गिट्टी के डंपरों पर राजस्व अमले ने कार्रवाई की है। तहसीलदार के नेतृत्व में अवैध रूप से परिवहन करते पकड़े गए तीन डंपरों कोे रेहटी थाने में खड़ा किया गया है। ये बिना रायल्टी के ही मिट्टी और गिट्टी ले जा रहे थे। कार्रवाई होने के बाद डंपर मालिकों ने आनन-फानन में रायल्टी कटवाई, लेकिन उससे पहले ही इन डंपरोें पर कार्रवाई हो गई।
रेहटी तहसील में चल रहे अवैध मिट्टी और क्रेशर केे कारोबार के कारण सरकारी खजाने को जमकर चपत लग रही है। दरअसल अवैध रूप से सरकारी जमीन को खोदकर मिट्टी निकाली जा रही है। तहसील के आंवलीघाट, बाबरी, भड़कुल, चंदपुरा सहित कई अन्य स्थानों पर सरकारी जमीन से जमकर मिट्टी एवं कोपरा निकाला जा रहा है। इसी तरह तहसील के चकल्दी क्षेत्र में चल रही क्रेशर मशीनों के लिए पत्थर भी सरकारी जमीन से निकालकर क्रेशर मालिक लाखों रूपए की कमाई तो कर रहे हैं, लेकिन वे सरकारी खजाने को चपत लगा रहे हैं।
नियम ताक पर, चल रही है मनमानी-
इधर क्रेशर मशीनों के लिए बनाए गए नियमों की भी जमकर अनदेखी की जा रही है। क्रेशर मशीनों के संचालकों को जिन नियमों के तहत गिट्टी बनाने के लिए पत्थर निकालने की अनुमति दी गई उन्होंने उससे कई गुना ज्यादा तक खदान की खुदाई करके पत्थर निकाल लिए हैं और लगातार निकाले भी जा रहे हैं। इसी तरह कोेलार नदी की सेहत को भी खराब किया जा रहा है। नियमानुसार नदी से 500 मीटर की दूरी पर क्रेशर मशीन लगाई जानी चाहिए, लेकिन नदी से सटाकर ही ये मशीनें धड़ल्ले से चल रही है।
जमकर चलता है अवैध उत्खनन-
रेहटी तहसील में मिट्टी, गिट्टी और कोपरे का अवैध उत्खनन जमकर चलता है। क्षेत्र में बन रहे वेयर हाउस सहित अन्य निर्माण कार्यों में भर्ती भरने के लिए सरकारी जमीन सेे मिट्टी और कोपरा खोदकर निकाला जा रहा है। जेसीबी मशीनों से मिट्टी और कोपरा खोदा जाता है। इस अवैध कारोेबार के कारण क्षेेत्र की सड़कें भी खराब हो रही है। एक-एक साल पहले बनी सड़कों में ओव्हर लोडिंग डंपरों के कारण गड्ढे ही गड्ढे हो रहे हैं।
इनका कहना है-
चकल्दी क्षेत्र में चल रही क्रेशर मशीनों को लीज पर जमीनें दी गईं हैं। इनकी 10-10 साल की लीज है। समय-समय पर इनकी जाचें भी की जाती है और रिपोर्ट हमारे वरिष्ठ अधिकारियों को देते हैं। इन पर कार्रवाई करने का अधिकार खनिज विभाग का है।
– संजय मालवीय, पटवारी, चकल्दी हल्का

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