
सीहोर। हर साल की तरह इस साल भी सिंधी समाज के तत्वाधान में चैतीचांद का पर्व धूमधाम एवं उत्साह के साथ मनाया जाएगा। इस दौरान भगवान झूलेलाल की शोभा यात्रा निकाली जाएगी। चैतीचांद पर्व की शुरूआत गुरुवार से ही हो गई। इस मौके पर शहर के सिंधी कालोनी स्थित भगवान झूलेलाल के मंदिर परिसर में पाठ साहब का शुभारंभ किया गया।
सिंधी समाज के अध्यक्ष रमेश आहुजा ने बताया कि भगवान झूलेलाल के अवतरण दिवस को सिंधी समाज चैतीचांद के रूप में मनाता है। भारतीय धर्मग्रंथों में कहा गया है कि जब-जब अत्याचार बढ़े हैं, नैतिक मूल्यों का क्षरण हुआ है तथा आसुरी प्रवृत्तियां हावी हुई हैं, तब-तब किसी न किसी रूप में ईश्वर ने अवतार लेकर धर्मपरायण प्रजा की रक्षा की। संपूर्ण विश्व में मात्र भारत को ही यह सौभाग्य एवं गौरव प्राप्त रहा है कि यहां का समाज साधु-संतों के बताए मार्ग पर चलता आया है। उन्होंने बताया कि झूलेलाल सिंधी हिन्दुओं के उपास्य देव हैं जिन्हें इष्ट देव कहा जाता है। उनके उपासक उन्हें वरुणदेव या जल देवता का अवतार मानते हैं। वरुण देव को सागर के देवता, सत्य के रक्षक और दिव्य दृष्टि वाले देवता के रूप में सिंधी समाज पूजता है। उनकी आस्था और विश्वास है कि जल से सभी सुखों की प्राप्ति होती है और जल ही जीवन है। सिंधी समाज के अध्यक्ष श्री आहुजा सहित समाजजनों ने क्षेत्रवासियों से आयोजन में आकर धर्मलाभ लेने की अपील की है।