आष्टाइछावरजावरनसरुल्लागंजबुदनीरेहटीविशेषसीहोर

रेहटी स्थित शासकीय महाविद्यालय हो रहा अव्यवस्थाओं का शिकार

महाविद्यालय में राशि तो है, लेकिन नहीं है खर्च करने का अधिकार

रेहटी। बुदनी विधानसभा के तहत आने वाली रेहटी तहसील का एकमात्र शासकीय महाविद्यालय इस समय अव्यवस्थाओं का शिकार हो रहा है। महाविद्यालय मेें कई तरह की अव्यवस्थाएं हैं, लेकिन कॉलेज प्रबंधन मजबूर है कि वह व्यवस्थाओं को दुरूस्त नहीं कर पा रहा है। दरअसल कॉलेज में जनभागीदारी समिति केे पास पर्याप्त मात्रा में राशि तो है, लेकिन कॉलेज प्रबंधन के पास इस राशि का उपयोग करने का अधिकार नहीं है।
शासकीय महाविद्यालय रेहटी वर्ष 2009 में शुरू हुआ। यह महाविद्यालय अपनी शुरूआत से ही परेशानियों मेें संचालित हो रहा है। शुरूआत मेें इसेे किराए के भवन मेें लगाया गया। इसके बाद वर्ष 2013-14 में कॉलेज को खुद का भवन तोे मिला, लेकिन फिर भी यहां पर कुछ न कुछ अभाव बना रहा। कभी कॉलेज मेें पर्याप्त स्टॉफ नहीं रहा तोे कभी यहां पर बच्चों के लिए मूलभूत सुविधाओं की कमी रही। आज भी महाविद्यालय अव्यवस्थाओं के बीच मेें संचालित किया जा रहा है। दरअसल यहां पर जनभागीदारी समिति में पर्याप्त मात्रा मेें राशि उपलब्ध है। इस राशि का उपयोग महाविद्यालय के लिए फर्नीचर सहित अन्य सुविधाओं के लिए किया जा सकता है, लेकिन जनभागीदारी समिति का कोरम पूरा नहीं होने के कारण राशि का उपयोग नहीं हो पा रहा है। इस समय कॉलेज की जनभागीदारी समिति के अध्यक्ष एसडीएम बुदनी हैं, तो सचिव कॉलेज की प्राचार्या हैं, लेकिन सदस्य एक भी नहीं है। इसकेे चलतेे लंबेे समय से कॉलेज मेें जनभागीदारी समिति की बैठक भी नहीं हो सकी है।
नियमित स्टॉफ का अभाव-
शासकीय महाविद्यालय नियमित स्टॉफ की कमी से भी लंबे समय से जूझ रहा है। यहां पर नियमित प्रोफेसर के 13 पद हैं, लेकिन वर्तमान में 12 पद रिक्त हैं और सिर्फ एक पद पर ही नियमित प्रोफेसर पदस्थ हैं। इसके अलावा स्पोर्ट्स आफिसर एवं लाइब्रेरियन ही नियमित हैं, लेकिन अन्य स्टॉफ गेस्ट फैकल्टी ही है। महाविद्यालय में करीब 12 गेस्ट फैकल्टी वर्तमान में पदस्थ हैं।
जगह की कमी, इसलिए दो शिफ्टों में लग रहा है कॉलेज-
शासकीय महाविद्यालय में रेहटी तहसील मुख्यालय सहित आसपास के लगभग 100 से अधिक गांवों के करीब 1400 छात्र-छात्राएं अध्ययनरत हैं। यहां पर विज्ञान संकाय, कला संकाय के अलावा कॉमर्स की क्लासें भी लगाई जा रही हैं। इसके अलावा इस वर्ष महाविद्यालय मेें भोज विश्वविद्यालय के कोर्स भी शुरू हुए हैं। बताया जा रहा है कि इस सत्र से यहां पर एमए की क्लासेें भी शुरू होने जा रही है। छात्र-छात्राओं की संख्या अधिक होने के कारण इस समय कॉलेज को दो शिफ्टों में संचालित किया जा रहा है। सुबह के समय यहां पर विज्ञान एवं कॉमर्स संकाय की कक्षाएं लगाई जा रही हैं तोे वहीं दोपहर में कला संकाय की कक्षाएं लग रही हैैं। जितनी संख्या यहां पर छात्र-छात्राओं की हैै उस हिसाब से उनके लिए न तो कॉलेज में पर्याप्त मात्रा में फर्नीचर है औैर न ही उनके बैठने के लिए कमरों की संख्या इतनी है।
ऑडिटोरियम की भी उठ रही है मांग-
शासकीय महाविद्यालय रेहटी मेें लंबेे समय से एक ऑडिटोरियम के निर्माण की भी मांग उठ रही है। छात्र-छात्राएं भी लगातार इसकी मांग कर रहे हैं। इस संबंध में कॉलेज प्रबंधन द्वारा भी कई बार लिखा जा चुका है। बताया जा रहा है कि इस ऑडिटोरियम में करीब डेढ़ करोड़ का खर्चा आना हैै। हालांकि महाविद्यालय में इसकी आवश्यकता भी महसूस की जा रही है, लेकिन अब तक इसके निर्माण का रास्ता साफ नहीं हो सका है।
इनका कहना है-
महाविद्यालय में छात्र-छात्राओं की मूलभूत सुविधाओं का ध्यान रखा जा रहा है। हमारी कोशिश है कि छात्र-छात्राओं को किसी प्रकार की परेशानियां न हो। हम जल्द ही जनभागीदारी समिति की बैठक भी आयोजित करने वाले हैं, जिसमें कई विषयों पर विचार-विमर्श करके उन पर निर्णय लिए जाएंगे।
– अंजलि गढ़वाल, प्राचार्या, शासकीय महाविद्यालय, रेहटी

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button