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खूनी संघर्ष के बाद हाईवे किया जाम, मांग थी कड़ी कार्रवाई की, प्रशासन ने जमींदोज कर दिया आरोपियों का मकान

एक ही चिता पर हुआ तीन लोगों का अंतिम संस्कार, दिनभर मौजूद रहे पुलिस के आला अधिकारी, गुस्साए लोगों ने दिन में किया था हाईवे जाम, कर रहे थेे कड़ी कार्रवाई की मांग

सीहोर। जिले के सिद्धिगंज थाना अंतर्गत पीपल की सामरी ग्राम में बंजारा समुदाय के दो गुटों के बीच हुए खूनी संघर्ष के अगले दिन गुरूवार को प्रशासन ने आरोपियों का मकान जेसीबी मशीन से जमींदोज कर दिया, वहीं एक अन्य मकान को सील कर दिया गया। इससे पहले मृतक के परिजनों ने आष्टा के पुराने हाईवे पर चक्काजाम किया था। परिजन आरोपियों पर कड़ी कार्रवाई की मांग कर रहे थे। इधर पुलिस अधीक्षक मयंक अवस्थी, अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक समीर यादव सहित चार थानों की पुलिस ने दिनभर मोर्चा संभाले रखा। पुलिस ने बुधवार की रातभर भी यहां पर डेरा जमाए रखा। गुरूवार को खूनी संघर्ष में मारे गए तीन लोगों का एक ही चिता पर अंतिम संस्कार भी किया गया। घटना की सूचना के बाद डीआईजी इरशाद वली भी गांव पहुंचे थे।
जानकारी के अनुसार सिद्धिगंज थाना अंतर्गत पीपल की सामरी ग्राम में बंजारों में बुधवार को शाम करीब चार बजे खूनी संघर्ष हो गया था। संघर्ष के पीछे सगाई-संबंध बताया जा रहा है। इस दौरान एक दूसरे पर धारदार हथियार से हुए जानलेवा हमले में 2 लोगों की मौत हो गई थी, वहीं डेढ़ दर्जन से अधिक लोग गंभीर घायल हो गए थे। घायलों को अस्पताल पहुंचाने के लिए 108 एंबुलेंस और डायल 100 को भी सूचना दी गई, लेकिन समय पर एंबुलेंस के नहीं पहुंचने से घायलों के परिजन उन्हें सिद्धिकगंज अस्पताल बाइकों में लेकर पहुंचे थे। यहां से प्राथमिक उपचार के बाद घायलों को आष्टा के सिविल अस्पताल में भर्ती कराया गया, वहीं गंभीर रूप से घायलों को इंदौर रेफर भी किया गया था। इस खूनी संघर्ष में मुकेश पिता रामसिंह, श्याम पिता गब्बा की मौत हो गई थी। वहीं गंभीर रूप से घायल लखन की भी गुरूवार को मौत हो गई।
शव लेने से किया इनकार, कर दिया चक्काजाम-
इधर गुरूवार को सुबह मृतकों के पोस्टमार्टम होने के बाद इनके परिजनों ने शव लेने से इंकार करते हुए सड़क पर बैठकर हंगामा शुरू कर दिया।
इस दौरान पुलिस हंगामा कर रहे लोगों को पकड़कर थाने ले गई। इसके बाद पुलिस की समझाइश पर मृतकों के परिजन शव लेने के लिए राजी हुए। मृतकों के परिजनों की मांग थी कि घटना को अंजाम देने वाले सभी आरोपियों की गिरफ्तारी की जाए। परिजन आरोपियों पर कड़ी कार्रवाई की मांग भी कर रहे थे। पुलिस ने 11 लोगों पर नामजद मुकदमा कायम करके 9 आरोपियों को गिरफ्तार भी कर लिया। घटना का मुख्य आरोपी सरपंच किसन बंजारा को बताया जा रहा है।
4 थानों की पुलिस रातभर करती रही पहरेदारी-
बंजारा समुदाय के बीच हुए खूनी संघर्ष के बाद पुलिस अधीक्षक मयंक अवस्थी ने मामले की गंभीरता को देखते हुए और गांव में शांति व्यवस्था बनाने के लिए आष्टा, सिद्धिगंज, जावर, पार्वती सहित इछवार थाने की पुलिस को रातभर गांव में ही रूकने के निर्देश दिए। रातभर चार थानों की पुलिस गांव में पहरेदारी करती रही। इसके बाद गुरूवार को भी दिनभर पुलिस के आला अधिकारी मोर्चा संभाले रखे। इस दौरान पुलिस महानिरीक्षक ग्रामीण इरशाद वली भी घटनास्थल पहुंचे थे और पूरी घटना पर एसपी मंयक अवस्थी से जायजा लेकर उचित दिशा निर्देश दिए।
आरोपियों के मकानों को जेसीबी से किया जमींदोज-
पुलिस अधीक्षक मयंक अवस्थी, अपर कलेक्टर गुंचा सनोबर, अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक समीर यादव, एसडीओपी मोहन सारवान, जावर तहसीलदार शेखर चौधरी, वन विभाग के अधिकारी राजेश चौहान एवं स्थानीय प्रशासन के आला अधिकारियों के साथ मौजूद इछावर, जावर, सिद्धिगंज, पार्वती, आष्टा थाने की पुलिस की मौजूदगी में हत्या के आरोपियों के आवासों को जेसीबी की मदद से ध्वस्त किया गया। इस पूरे घटनाक्रम में मुख्य आरोपी सरपंच किसन बंजारा को बताया जा रहा है। पुलिस ने सरपंच किसन बंजारा को रात में ही दबोच लिया था, वही उसके दो मकान को जेसीबी मशीन की मदद से जमीदोंज कर दिया गया। उसके सिद्धिगंज में बने मकान को सील कर प्रशासन ने अपने कब्जे में ले लिया।
मृतकों का हुआ अंतिम संस्कार, मासूम पुत्रों ने दी मुखाग्नि-
एक ही पक्ष के तीन लोगों की हुई मौत से पूरे गांव में गमगीन माहौल था। हर तरफ चीक-पुकार मची हुई थी। इस दौरान ऐहतियात के तौर पर भारी पुलिस बल की मौजूदगी में तीनों मृतकों का अंतिम संस्कार किया गया। तीनों मृतकों का अंतिम संस्कार एक ही चिता पर लेटाकर किया गया। मृतक श्याम लाल 40 वर्ष को उसके 16 वर्षीय पुत्र छोटीया, मृतक मुकेश उम्र 35 वर्ष को पुत्र बिट्टू एवं मृतक लखन उम्र 35 वर्ष को पुत्र तूफान सिंह 15 वर्ष ने मुखाग्नि देकर अंतिम संस्कार किया।
इसलिए हुआ था खूनी संघर्ष-
ग्राम पंचायत पीपल की सामरी में हुए इस खूनी संघर्ष के पीछे सगाई-संबंध बताया जा रहा है। इसमें कहा जा रहा है कि विवाद करने वाले दो गुटों के बीच सगाई की गई थी। इस सगाई को लेकर पिछले दिनों कुछ विवाद की स्थिति भी बनी थी। इसके बाद पंचायत के माध्यम से इस सगाई को तोड़ दिया गया था, लेकिन दूसरे पक्ष के लोग जबरदस्ती लड़की को ले जाने के लिए आए थे। जब दूसरे पक्ष के लोग जबरन लड़की को ले जा रहे थे, तभी ये विवाद शुरू हुआ और बाद में खूनी संघर्ष में बदल गया।
इनका कहना है-
दो पक्षों के बीच सगाई संबंध को लेकर विवाद हुआ था। यही विवाद खूनी संघर्ष मेें बदल गया। घटना की जानकारी मिलते ही यहां पर पुलिस बल तैनात कर दिया गया था। घटना को अंजाम देने वाले दोनों पक्षों के लोगों पर प्रकरण दर्ज किया गया है। घटना पर पूरी नजर बनाए हुए हैं।
– मयंक अवस्थी, पुलिस अधीक्षक, सीहोर

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