भारतीय राजनीति में किंगमेकर थे के.कामराज : राकेश राय
भारतीय राजनीति में किंगमेकर थे के.कामराज : राकेश राय

सीहोर। भारतीय राजनीति में सत्ता से जुड़े रहने के लिए सिद्धांतों के साथ समझौता करने के तो कई उदाहरण मिल जाएंगे। लेकिन इस देश में एक राजनीतिज्ञ ऐसा भी हुआ था जिसने अपनी पार्टी की कमजोर होती जड़ों को फिर से मजबूत करने के लिए न सिर्फ सत्ता को छोड़ा, बल्कि आधी सदी पहले नि:स्वार्थ राजनीति के एक ऐसे उसूल को कायम किया जिसकी नजीर आज भी पेश की जाती है। उक्त विचार तमिलनाडू में कांग्रेस के वरिष्ठ ने के. कामराज की 120वीं जयंती के अवसर पर मुख्य अतिथि के रूप में पहुंचे पूर्व नगर पालिका अध्यक्ष राकेश राय ने कहे।
उन्होंने कहा कि कामराज पहली बार मद्रास के मुख्यमंत्री बने। इस दौरान उन्होंने हर गांव में प्राइमरी स्कूल और हर पंचायत में हाईस्कूल खोलने की मुहिम चलाई। उन्होंने 11वीं तक मुफ्त और अनिवार्य शिक्षा की योजना चलाई। उन्होंने स्वतंत्र भारत में पहली बार मिडडे मील योजना चलाई। उनका कहना था कि राज्य के लाखों गरीब बच्चे कम से कम एक वक्त तो भरपेट भोजन कर सकें। उन्होंने मद्रास के स्कूलों में मुफ्त यूनिफॉर्म योजना की शुरूआत की। इसी तरह मद्रास में तय समय के भीतर सिचाईं परियोजनाओं को पूरा करने और हर गांव में आजादी के महज 15 साल बाद बिजली पहुंचाने का श्रेय भी उन्हें जाता है. प्रधानमंत्री जवाहर लाल नेहरू ने उनकी तारीफ करते हुए कहा था कि मद्रास भारत में सबसे अच्छा प्रशासित राज्य है। पूर्व नगर पालिका के पूर्व अध्यक्ष श्री राय ने कांग्रेस ने दिवंगत नेता के. कामराज को श्रद्धांजलि देते हुए उन्हें अपने महान नेताओं में से एक और राष्ट्रीय राजनीति में अहम भूमिका निभाने वाली प्रतिष्ठित हस्ती करार दिया। तत्कालीन मद्रास राज्य (अब तमिलनाडु) के पूर्व मुख्यमंत्री कामराज कांग्रेस के प्रभावशाली नेता थे। वहीं इस दौरान श्री राय को आयोजन समिति के द्वारा तलवार, शाल श्री फल भेंट कर मंच पर सम्मानित भी किया गया। कार्यक्रम के दौरान केबिनेट मंत्री राजकुमार, अरुण नाडर कन्याकुमारी, मंत्री मनो थंगा राज, पूर्व मंत्री केपी राजेन्द्र बालाजी, बालाघाट से नरेन्द्र दोहरे, विधायक रघुरामन और श्रीनिवासन सहित अन्य राजनैतिक हस्तियां भी मौजूद थी।