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 सीहोर में कांवड़ यात्रा… उमड़ा जनसैलाब, चारों तरफ बम-बम भोले की गूंज

- पंडित प्रदीप मिश्रा की उपस्थिति में सीवन नदी से लेकर कुबेरेश्वर धाम तक निकली भव्य कांवड़ यात्रा

सीहोर। सावन मास में हर साल की तरह इस वर्ष भी सीहोर की जीवनधारा सीवन नदी से जल लेकर कुबेरेश्वर धाम तक भव्य कावड़ यात्रा निकाली गई। यह कावड़ यात्रा सीहोर बस स्टैंड स्थित पोस्ट आॅफिस चौराहे से प्रारंभ हुई और गंगा आश्रम रोड़, सीवन नदी घाट, कोलीपुरा चौराहा, इंदौर नाका, चौपाल सागर होते हुए कुबेरेश्वर धाम पहुंचेगी। कांवड़ यात्रा से पहले सीवन नदी तट पर पंडित प्रदीप मिश्रा की उपस्थिति में पूजा पाठ हुआ। इसके बाद कांवड़ यात्रा की शुरूआत हुई। इस दौरान पूरा सीहोर शिवमय भक्ति में रंगा नजर आया। हर तरफ श्रद्धालु ही श्रद्धालु दिखाई दिए तो वहीं चारों तरफ से बम-बम भोले के जयकारे गुंजायमान होते रहे। कांवड़ यात्रा के लिए देशभर के मशहूर बैंड और डीजे भी सीहोर पहुंचे। कांवड़ यात्रा में शामिल होने के लिए देशभर सहित प्रदेशभर एवं सीहोर जिलेभर से लोग सीहोर पहुंचे। दो दिन पहले ही लाखों श्रद्धालु कुबेरेश्वर धाम पहुंच चुके थे। यात्रा के दौरान जगह-जगह सामाजिक संगठनों, जनप्रतिनिधियों, राजनीतिक पार्टियों, हिन्दू उत्सव समिति सहित अन्य लोगों ने मंच बनाकर कावड़ियों पर फूलों की वर्षा की तो वहीं हेलीकॉप्टर से भी कावड़ियों पर फूल बरसाए गए। कावड़ यात्रा में शिव-पार्वती, नंदी, हनुमान की झांकियां, डीजे, बैंड-बाजे और ढोल-ताशे और आतिशबाजी ने यात्रा को दिव्य स्वरूप दिया।
श्रद्धालु बोले- दर्शन हुए तो सब कष्ट भूल गए-
भीषण भीड़ के बावजूद श्रद्धालुओं की भक्ति अटूट दिखी। मथुरा से आई सरोज शर्मा ने कहा, इतनी भीड़ में सांस लेना भी मुश्किल था पर कुबेरेश्वर के दर्शन मिलते ही सब भूल गए। कई अन्य श्रद्धालुओं ने कहा कि वे सालों से कांवड़ यात्रा में आते हैं और हर बार भीड़ के बावजूद आनंद की अनुभूति होती है। कांवड़ यात्रा में पंडित प्रदीप मिश्रा स्वयं शामिल रहे। उन्होंने शिव पुराण का उल्लेख करते हुए कहा कि श्रावण मास शिव युग की वापसी है। इस मास में किया गया हर कर्म हजार गुना फल देता है। यात्रा के दौरान हेलीकॉप्टर से श्रद्धालुओं पर पुष्पवर्षा की गई, जिसने श्रद्धालुओं को अभिभूत कर दिया। यात्रा मार्ग पर 300 से ज्यादा सेवा पंडालों की व्यवस्था की गई थी, जहां श्रद्धालुओं को जल, भोजन और विश्राम की सुविधा दी गई। 12 राज्यों से आए भक्तों ने अपने-अपने पारंपरिक वाद्य यंत्रों से यात्रा की शोभा बढ़ाई। ढोल-नगाड़ों की गूंज और झांकियों से माहौल भक्तिमय बना रहा। कांवड़ यात्रा में विधायक सुदेश राय, अरुणा राय, समाजसेवी अखिलेश राय, जसपाल सिंह अरोरा समेत कई जनप्रतिनिधियों ने भाग लिया। इन लोगों ने श्रद्धालुओं की सेवा में भागीदारी निभाई और शिव भक्ति में लीन होकर यात्रा में सम्मिलित हुए।
देश भर के डीजे बने आकर्षण का केन्द्र –
कांवड़ यात्रा में देशभर से डीजे शामिल किए गए। इनमें सीहोर के बाबा डीजे, झारखंड के सार्जन डीजे, यूपी के रावण डीजे और एमजे साउंड (मेरठ), दिल्ली का कसाना डीजे, छत्तीसगढ़ का पावर जोन, महाराष्ट्र के प्रशांत डीजे, गुजरात का त्रिनेत्र डीजे, इंदौर का श्याम बैंड और भिलाई का धुमाल शामिल रहा। कांवड़ यात्रा में न केवल मध्यप्रदेश, बल्कि उत्तरप्रदेश, राजस्थान, महाराष्ट्र, छत्तीसगढ़, बिहार और झारखंड जैसे राज्यों से भी हजारों श्रद्धालुओं ने भाग लिया। सभी ने एक स्वर में भगवान शिव के प्रति अपनी आस्था प्रकट की। इस मौके पर विठलेश सेवा समिति की ओर से व्यवस्थापक पंडित समीर शुक्ला, पंडित विनय मिश्रा, मनोज दीक्षित मामा आदि शामिल थे।
अल सुबह से ही लोग सीवन नदी तट पहुंचे –
कावड़ यात्रा में शामिल होने के लिए अल सुबह से ही लोग सीवन नदी तट पर पहुंच गए एवं कांवड़ भरकर यात्रा में शामिल होने लगे। सुबह करीब 9.30 बजे से यात्रा की शुरूआत हो गई। समिति के मीडिया प्रभारी मनोज दीक्षित मामा ने बताया कि कुबेरेश्वर धाम का कांवड़ मेला हर साल भक्तों के लिए एक विशेष अवसर होता है। इस मेले में भक्तगण श्रद्धा और भक्ति के साथ कांवड़ लेकर चलते हैं और भगवान शिव को जल अर्पित करते हैं। यह मेला न केवल धार्मिक भावना को प्रकट करता है, बल्कि समाज को एकजुट करने का भी कार्य करता है। कांवड़ यात्रा में शामिल होने वाले भक्त, शहर की जीवनदायनी मां सीवन से जल भरकर 11 किलोमीटर की पैदल यात्रा करते हैं, जो उनकी भक्ति को दशार्ता है। इस यात्रा में कठिनाइयों का सामना करते हुए भी लोग अपने श्रद्धा भाव के साथ आगे बढ़ते हैं। कुबेर भंडारी की कांवड़ विशेष रूप से कष्टों के निवारण के लिए मानी जाती है और भक्तगण इसे लेकर अत्यधिक श्रद्धा रखते हैं। कांवड़ मेला सावन मास के साथ ही शुरू हो गया है और आगामी 8 अगस्त तक चलेगा। इस दौरान शहर के सोया चौपाल श्रीराधेश्याम विहार कालोनी, इंदौर नाका, राय परिवार, गुप्ता परिवार के अलावा अन्य आधा दर्जन से अधिक सेवा के पंडाल लगाए गए हैं।
सिद्धपुर की नगरी सीहोर को मिल रहा है अपना पुराना वैभव और गौरव : जसपाल सिंह अरोरा
सीहोर नगर में सावन मास के अवसर पर विशाल कावड़ यात्रा निकाली गई। यह कावड़ यात्रा पंडित प्रदीप मिश्रा के मार्गदर्शन में सीहोर की जीवनधारा सीवन नदी से जल लेकर कुबेरेश्वर धाम तक पहुंची। इस दौरान लाखों की संख्या में श्रद्धालु भक्त मौजूद रहे। कावड़ यात्रा का भाजपा के वरिष्ठ नेता, पूर्व जिला पंचायत एवं पूर्व नगर पालिका अध्यक्ष जसपाल सिंह अरोरा ने भी स्वागत किया। उन्होंने यात्रा की शुरूआत में पंडित प्रदीप मिश्रा का स्वागत किया तो वही कावड़ यात्रियों पर भी फूल बरसाए। इस दौरान वे पंडित प्रदीप मिश्रा के साथ में कावड़ लेकर यात्रा में भी साथ चले। कावड़ यात्रा का जगह-जगह स्वागत-सत्कार हुआ तो वहीं जगह-जगह कावड़ यात्रियों को जल एवं स्वल्पाहार का वितरण भी किया गया। इस मौके पर वरिष्ठ नेता श्री अरोरा ने कहा कि सिद्धपुर की नगरी सीहोर अपने पुराने वैभव में लौट रही है। सीहोर को अपना पुराना गौरव भी मिल रहा है। सीहोर आज देश-दुनिया में जाना, पहचाना नाम बन गया है। पंडित प्रदीप मिश्रा एवं कुबेरेश्वर धाम के दर्शन के लिए आज मध्यप्रदेश ही नहीं, देशभर के राज्यों से श्रद्धालु भक्त यहां पहुंच रहे हैं। श्री अरोरा ने कहा कि सावन का महीना शिव की भक्ति करने का माह होता है। सावन मास में हर कोई शिव की भक्ति में लीन दिखाई दे रहा है, तो वहीं बाबा भोलेनाथ भगवान शिव भी सबकी मनोकामनाएं पूर्ण करते हैं। उन्होंने कहा कि सभी सनातनी ऐसे आयोजनों में शामिल होकर जहां सच्चे सनातनी होने का धर्म निभा रहे हैं तो वहीं देश दुनिया में भी सनातन धर्म के प्रति आस्था बढ़ा रहे हैं। वरिष्ठ नेता जसपाल सिंह अरोरा ने कावड़ यात्रा में शामिल होने के लिए आए देशभर सहित सीहोर जिले के लोगों का साधुवाद किया तो वहीं उन्होंने सभी का आभार प्रकट करते हुए सभी से अपील भी की है कि वे आने वाले समय में भी ऐसे आयोजन में शामिल होकर सनातन धर्म की रक्षा करते रहें।

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