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श्रीराम कथा मेें पहुंचे पंडित प्रदीप मिश्रा, उमड़ा आस्था का सैलाब

विश्वनाथपुरी में चल रही श्रीराम कथा में मनाया गया श्रीराम जन्मोत्सव

सीहोर। शहर के चाणक्यपुरी स्थित विश्वनाथपुरी में जारी नौ दिवसीय श्रीराम कथा में भगवान श्रीराम का जन्मोत्सव धूमधाम से मनाया गया। इस मौके पर 108 श्रीउद्धव दास महाराज ने भए प्रकट कृपाला दीनदयाला, कौशल्या हितकारी आदि पंक्तियों से पूरे माहौल को राममय बना दिया। कथा के दौरान पंडित प्रदीप मिश्रा भी पहुंचे और उन्होंने भी यहां पर भजन सुनाया। इस दौरान आस्था का सैलाब भी उमड़ पड़ा। श्रीराम कथा का श्रवण करा रहे श्रीउद्धव दास महाराज ने कहा कि इस जगत में भगवान श्रीराम जैसा दूसरा चरित्र नहीं है। प्रभु श्रीराम की कथा के श्रवण मात्र से ही जीव के तमाम सांसारिक पाप नष्ट हो जाते हैं। इसलिए उन्हें पुरुषोत्तम राम कहा गया है। संसार के प्रत्येक प्राणी को भगवान श्रीराम का अनुसरण करना चाहिए। भक्तों द्वारा भगवान श्रीराम के जन्मोत्सव को धूमधाम से मनाया गया। साथ ही भगवान के जन्मोत्सव पर बधाई गीतों का गायन किया गया।
विश्वनाथपुरी बना आस्था का केंद्र-
शहर का विश्वनाथपुरी क्षेत्र वर्तमान में श्रद्धा एवं भक्ति का केन्द्र बना हुआ है। श्री महाराज के श्रीमुख से संगीतमय रामकथा लगातार प्रवाहित हो रही है। कथा का समापन आगामी 15 अपै्रल को किया जाएगा। इस मौके पर श्रीसंकट मोचन हनुमान समिति द्वारा प्रतिदिन शाम 8 से 11 बजे तक आयोजित इस कार्यक्रम में बड़ी संख्या में श्रद्धालु सम्मलित होकर अपने जीवन को पावन कर रहे हैं। कथा के प्रथम दिन श्रीराम कथा की भूमिका एवं शिव एवं सती की चर्चा का प्रसंग प्रस्तुत किया गया, इसके पश्चात द्वितीय दिवस में इस प्रसंग को आगे बढ़ाते हुए मां पार्वती के जन्म की कथा भजनों एवं संगीत के माध्यम से प्रस्तुत की है। कथा के तीसरे दिन शिव बारात के प्रसंग के दौरान भगवान शंकर-पार्वती की दिव्य झांकी एवं बारात के अवसर पर उपस्थित श्रोताओं ने श्रद्धा एवं भक्ति में मग्न होकर मनोहारी नृत्य किया। कथा का चतृर्थ रामनवमी तिथि को संपन्न हुआ। कथा स्थल पर भागवत भूषण पंडित प्रदीप मिश्रा के आगमन कथा स्थल का आनंद एवं उल्लास कई गुना बढ़ गया। दोनों संतों के मिलन का यह दृश्य अविस्मरणीय था। सत्संग के साथ-साथ श्रोताओं की मांग पर पंडित प्रदीप मिश्रा द्वारा सुंदर भजन प्रस्तुत किया। भजन की थाप पर सभी श्रोता नृत्य करते नजर आए। श्री महाराज द्वारा रामकथा के साथ-साथ वर्तमान जीवन में प्रसन्नता एवं आनंद को बढ़ाने हेतु शास्त्रोक्त विधियों का वर्णन किया गया। महाराज श्री एवं उनकी मंडली द्वारा प्रतिदिन कथा के बीच में मनमोहक भजनों से पूरा वातावरण भक्तिमय बना हुआ है।

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