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जिले में टी.बी. के 750 मरीज, 6 माह चलता है नि:शुल्क इलाज

- बीमारी का पता लगते ही दिया जाता है एक हजार रुपए, फिर 6 माह तक मिलते हैं प्रतिमाह पांच सौ रुपए

सीहोर। टी.बी. जैसी गंभीर बीमारी को लेकर जागरूकता तो फैलाई जा रही है, लेकिन इसके बाद भी इसके मरीजों का निकलना चिंता का विषय है। दरअसल जिलेभर में वर्तमान में लगभग 750 मरीज टी.बी. की बीमारी के हैं। इनका इलाज भी किया जा रहा है। टी.बी. के मरीजों का नि:शुल्क इलाज किया जाता है, लेकिन जागरूकता के अभाव में कई लोग निजी अस्पतालों में भी इसका इलाज करवा रहे हैं।
विश्व क्षय दिवस के अवसर पर जिले में टी.बी. की बीमारी को लेकर कई जगह जागरूकता कार्यक्रम किए गए। इस दौरान विभिन्न गतिविधियां भी संचालित की गर्इं। जिले में इस समय लगभग 750 टी.बी. के मरीज हैं, जिनका इलाज पूरी तरह नि:शुल्क किया जाता है। इन मरीजों को निक्षय पोषण योजना के तहत राशि भी दी जाती है। टी.बी. की बीमारी का पता चलते ही पहले माह योजना के तहत एक हजार एवं 6 माह तक पांच सौ रुपए की राशि दी जाती है। जिला टी.बी. अधिकारी डॉ. जागेश्वर दयाल कोरी का कहना है कि टी.बी. अब लाईलाज बीमारी नहीं रही, लेकिन समय रहते इसकी जांच करानी चाहिए। यदि बीमारी का पता चलता है तो इसका 6 माह तक इलाज कराया जाता है। टी.बी. को लेकर लगातार लोगों की जांच की जाती है और उनके सैंपल लिए जाते हैं।
टी.बी.को हराने दौड़े युवा-
विश्व क्षय दिवस के अवसर पर टाउन हॉल से सीएमएचओ कार्यालय तक मैराथन दौड़ आयोजित की गई। दौड़ का आयोजन स्वास्थ्य विभाग की क्षय नियंत्रण ईकाई, शासकीय उत्कृष्ट विद्यालय, एनएसएस यूनिट तथा वसुंधरा वेलफेयर फाउंडेशन द्वारा किया गया। दौड़ को जिला क्षय उन्मूलन अधिकारी डॉ. जेडी कोरी, उत्कृष्ट विद्यालय के प्राचार्य रवीन्द्र कुमार बांगरे तथा वसुंधरा वेलफेयर फाउंडेशन के निर्देशक अर्जुन सिंह ने हरी झंडी दिखाकर रवाना किया। मैराथन में 150 युवक-युवतियों ने हिस्सा लिया। मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डॉ. सुधीर कुमार डेहरिया ने जानकारी दी कि मैराथन दौड़ के लिए युवक-युवतियों में खासा उत्साह नजर आया। टीबी हारेगा, देश जीतेगा के नारे जोर-शोर से गूंज रहे थे। दौड़ एलआईसी आॅफिस, बीएसएनएल कार्यालय रोड होते हुए सीएमएचओ कार्यालय पहुंचकर समाप्त हुई।
रेहटी में शासकीय महाविद्यालय में भी हुआ जागरूकता कार्यक्रम-
शासकीय स्नातक महाविद्यालय रेहटी में विश्व टी.बी. दिवस पर जागरूकता कार्यक्रम का आयोजन किया गया। इस दौरान विद्यार्थियों को टीवी मुक्त भारत अभियान की शपथ दिलाई गई। महाविद्यालय की प्राचार्या डॉ. अंजलि गढ़वाल के मार्गदर्शन में आयोजित कार्यक्रम में मनोज वर्मा क्रीड़ा अधिकारी, डॉ. महेंद्र मिश्रा, डॉ. सुरेश कुमार सोलंकी, डॉ. निधि मालवीय, डॉ. मनमोहन दिवेदी एवं राजाराम रावते की उपस्थिति में टी.बी. की बीमारी के बारे में संपूर्ण जानकारी उपस्थित विद्यार्थियों को दी गई। कार्यक्रम का आयोजन वनस्पति शास्त्र विभाग एवं भौतिक विज्ञान विभाग के संयुक्त तत्वाधान में किया गया। कार्यक्रम में डॉ. महेंद्र मिश्रा ने विद्यार्थियों को टी.बी. बीमारी की जानकारी देते हुए बताया कि यह एक संक्रामक बीमारी है, जिसके कारण यह एक व्यक्ति से दूसरे व्यक्ति में फैलती है और पूरे शरीर में अपना अतिक्रमण कर लेती है। भौतिक शास्त्र विभाग के राजाराम रावते ने टी.बी. के लक्षण और उपाय के विषय में जानकारी देते हुए कहा कि भूख न लगना, वजन कम होना, रात में पसीना आना, खांसी में खून आना, निमोनिया और 14 दिन तक लगातार खांसी होने के लक्षण हो तो जल्द से जल्द बलगम की जांच कराएं। डॉ. महेंद्र मिश्रा ने बताया कि सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र रेहटी के मेडिकल आॅफिसर निशान सिंह उईके तथा लैब टैक्नीशियन करण सिंह के द्वारा टी.बी. बीमारी से संबंधित जागरूकता स्टीकर एवं पंपलेट प्रदान किए गए, जिनका वितरण विद्यार्थियों को किया गया। कार्यक्रम का समापन राष्ट्रगान के साथ में समापन किया गया

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