आष्टासीहोर

राज राजेश्वरी के दरबार में होती है मनोकामना पूरी 

आष्टा। नगर के कालोनी चौराहा पर विराजती चैत्र नवरात्रि में माँ के दरबार में प्रतिदिन हजारों की संख्या में श्रद्धालु आते हैं। विशेष रूप से रात्रि को प्रतिदिन होने वाली आरती में महिलाओं के लिए विशेष स्थान यहाँ के कर्मठ कार्यकर्ताओं द्वारा किया जाता है, साथ ही कन्नौद जाने वाला मार्ग भी बहुत व्यस्त रहता है। इसी मार्ग पर माँ विराजती है। प्रति वर्ष लगभग 15 साल पूरे हुए माँ की आराधना करते हुए कालोनी चौराहा वासियों को चैत्र नवरात्रि में केवल कुछ ही स्थानों पर घटस्थापना होती थी। महिलाओं की आस्था बहुत ज्यादा मां के प्रति प्रबल रहती हैं, जिसके चलते दूर स्थित शीतला माता मंदिर में और शंकर मंदिर में नंगे पैर मां के दर्शन को जाती थी। कुछ साथियों को यह देखकर विचार आया कि क्यों न चैत्र नवरात्रि में कॉलोनी चौराहा पर घट स्थापना की जाए। इसी चौराहे पर बड़ा गणपति ग्रुप के नाम से गणपति जी की विशाल मूर्ति की स्थापना लगभग 35 सालों से की जा रही है। इसी के चलते यह विचार भी यहां के कार्यकर्ताओं के मन में है। पूर्व पार्षद पंकज यादव एवं उनके साथी मुकेश राठौर अरविंद गोस्वामी कुशल पाललाला ने बताया कि मां के अनेकों चमत्कार हमें देखने को मिले हैं। जब से घट स्थापना शुरू हुई है, तब से लेकर आज तक पांडव को सजाने में मां की मूर्ति को लाने में कितना पैसा कौन देता है कहां से आता है पता नहीं चलता। यहां के कार्यकर्ता नवरात्रि पर नियम और संयम के साथ पूरा समय व्यतीत करते हैं मां की आराधना में अधीन रहते हैं। स्थानीय भजन गायकों की टीम प्रतिदिन रात को आरती में शामिल होकर मां की आराधना करती है। नवरात्रि के अंतिम दिन हवन पूजन के पश्चात कन्या भोज का बड़ा आयोजन होता है। उसके बाद भंडारा भी होता है। जिसमें हजारों की संख्या में लोग प्रसादी ग्रहण करते हैं। मां की कृपा से यहां पर नवरात्रि में कन्यादान का आयोजन भी कार्यकर्ताओं द्वारा किया गया था जिसमें गृहस्ती का सारा सामान दिया गया।

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