सीहोर-रेहटी। कभी चम्पावती के नाम से मशहूर और अब चकल्दी एक बार फिर से चर्चाओं में है। इस बार रेहटी तहसील की ग्राम पंचायत चकल्दी की चर्चाएं यहां पर खुदाई के दौरान निकले शिवलिंग के लिए हो रही है। यह शिवलिंग इस समय लोगों की आस्था का केंद्र बना हुआ है। दरअसल चकल्दी से निकली कोलार नदी के किनारे सरकारी जमीन पर एक देव स्थान बना हुआ है। यह देवस्थान भीलटदेव के नाम से जाना जाता है। यहीं पर पिछले दिनों खुदाई की गई, जिसमें एक शिवलिंग निकला। जैसे ही गांव में शिवलिंग निकलने की खबर पहुंची तो लोग वहां पर दर्शन के लिए पहुंचने लगे। शिवलिंग को लेकर नर्वदा प्रसाद सूर्यवंशी कहते हैं कि उन्हें सपने में आया था कि यहां पर शिवलिंग है। इसके लिए उन्होंने यहां पर खुदाई की तो शिवलिंग निकला। हालांकि चकल्दी के बुजुर्ग बताते हैं कि जिस जगह पर यह शिवलिंग निकला है वहां पर पुराना मंदिर सहित कई पुरानी धरोहरें थीं, यदि यहां पर और खुदाई की जाए तो कई अन्य शिवलिंग एवं अन्य प्रकार की वस्तुएं भी निकलेंगी। बुजुर्ग बताते हैं कि चकल्दी पहले चम्पावती के नाम से मशहूर थी और यहां के ब्याज से उज्जैन नगरी बसाई गई है। यहां पर कई पाषाण वस्तुएं थीं, लेकिन लोग उन्हें यहां से एक-एक करके ले गए। पिछले दिनों ग्राम पंचायत द्वारा यहां पर जब खुदाई की कोशिश की गई तो इस पर आपत्ति जताई गई। ग्राम पंचायत के सरपंच राजेश विश्वकर्मा बताते हैं कि चकल्दी में जिस स्थान पर शिवलिंग निकला है वह पहले कब्जे में थी, लेकिन वह वास्तविक रूप से राजस्व विभाग की जमीन है। इस पर से लोगों का कब्जा हटवाया गया था। हालांकि अब यहां पर शिवलिंग निकला है तो गांव के लोग चाहते हैं कि पंचायत द्वारा यहां पर उसका स्थान बनाया जाए और वह सभी के लिए सार्वजनिक हो सके। सरपंच राजेश विश्वकर्मा कहते हैं कि उन्होंने इस संबंध में पुरातात्विक विभाग से भी बात की थी, लेकिन उन्होंने शिवलिंग को यहां से ले जाने की बात कही है। हालांकि गांव के लोग चाहते हैं कि शिवलिंग यहीं पर रहे और यहां पर उसका स्थान बनाया जाए।
इनका कहना है-
चकल्दी में पांच दिन पहले शिवलिंग निकला है, इसकी जानकारी है। इस संबंध में पुरातत्व विभाग से भी बात की गई है, साथ ही पटवारी से भी कहा गया है कि शिवलिंग की किसी मंदिर में स्थापना कराई जाए। इस संबंध में ग्राम पंचायत के सरपंच से भी चर्चा करके जल्द ही निर्णय लिया जाएगा।
– केएल तिलवारी, तहसीलदार, रेहटी