खेल

MCC ने क्रिकेट में पारदर्शिता लाने के लिए कई नियमों में  बदलाव किया 

नई दिल्ली

क्रिकेट कानूनों की संरक्षक संस्था- मेरिलबोन क्रिकेट क्लब (MCC) ने क्रिकेट के नियमों में कई संशोधन किए हैं. उसने आधुनिक क्रिकेट को और भी बेहतर बनाने और पारदर्शिता लाने के लिए फैसला लिया है. इसमें मांकड़िंग आउट, लार के इस्तेमाल, वाइड बॉल और डेड बॉल समेत कई नियमों में सुधार किया है. MCC के मुताबिक, यह सभी नियमों इसी साल एक अक्टूबर से लागू होंगे.

'मांकड़िंग' को लेकर IPL 2019 के सीजन में विवाद खड़ा हो गया था. किंग्स इलेवन पंजाब के तत्कालीन कप्तान रहे रविचंद्रन अश्विन का राजस्थान रॉयल्स के बल्लेबाज जोस बटलर को मांकड़ करने का विवाद सुर्खियों में रहा था. अब नियमों में संशोधन के बाद किसी तरह के विवाद की गुंजाइश नहीं रह गई है. खेल के नियमों को तय करने वाले मेरिलबोन क्रिकेट क्लब (लंदन) ने मांकड़िंग को अब वैध ठहराया है.

– नियमों में किए गए संशोधन 

रिप्लेसमेंट पर ये नियम

रिप्लेसमेंट को लेकर लॉ 1.3 बनाया है. इसके मुताबिक…

  • – जिस खिलाड़ी को रिप्लेस किया जा रहा है, उसके ही रूप में रिप्लेसमेंट होना चाहिए. 
  • – रिप्लेसमेंट के तहत यदि प्लेयर अपनी बल्लेबाजी कर चुका है, तो मैदान पर उसकी जगह आने वाला प्लेयर उस पारी में बल्लेबाजी नहीं कर सकेगा.
  • – यदि खिलाड़ी पर कोई पेनल्टी, सस्पेंसंस या वॉर्निंग लागू है, तो उसकी जगह आने वाले प्लेयर पर भी यह सब लागू रहेंगे.

लॉ-18: कैच आउट के बाद नए बैटर के नियम

यह नियम ट्रायल के तौर पर इंग्लैंड में शुरू हुए द हंड्रेड टूर्नामेंट में भी लागू किए थे. लॉ 18.11 के मुताबिक, यदि खिलाड़ी क्लीन बोल्ड, स्टम्प्ड, बॉल को दो बार मारने, LBW, हिट विकेट या कैच आउट होता है, तो नया बल्लेबाज उसी स्ट्राइक पर आएगा, जहां आउट होने वाला बल्लेबाज था. (ओवर खत्म होने की स्थिति में स्ट्राइक चेंज होगी)

लॉ 20.4.2.12 – डेड बॉल

यदि खेल के दौरान मैदान पर किसी बाहरी व्यक्ति, एनिमल (डॉग आदि…) या किसी भी अन्य चीज के द्वारा रुकावट आती है, या पिच को नुकसान होता है, तो अंपायर फैसला लेते हुए डेड बॉल करार दे सकते हैं.

लॉ 22.1:  वाइड बॉल

आज के आधुनिक खेल में बल्लेबाज क्रीज पर हर तरफ घूमते हुए शॉट खेलता है. यह कई बार गलत भी माना जाता है, क्योंकि गेंदबाज बैटर के पास ही डिलिवरी करता है, लेकिन आखिर समय पर वाइड बॉल करार दी जाती है. ऐसे में कुछ संसोधन किया गया है. यदि बॉल बैटर के पास से गुजरती है और वह उसे खेलने में सक्षम होता है, तो अंपायर इसे सही गेंद मान सकता है. यदि बैटर खेलने में सक्षम नहीं होता है, तो वाइड करार दी जा सकती है.

लॉ 25.8:  बैटर किस बॉल को खेल सकता है

यदि बॉल पिच से बाहर गिरती है, तब नया लॉ 25.8 बैटर को बॉल खेलने की परमिशन देता है, जब तक कि बैटर या उसका बल्ले का कुछ हिस्सा पिच के अंदर रहता है. यदि बैटर इससे आगे निकल जाता है, तो अंपायर इसे डेड बॉल करार देगा. यदि कोई बॉल बैटर को पिच छोड़ने को मजबूर करती है, तो उसे नोबॉल करार दिया जाएगा.

लॉ 27.4 और 28.6:  फील्डर की गलती

फील्डिंग टीम का कोई सदस्य गलत तरीके से मूवमेंट करता दिखाई देता है, तो बैटिंग साइड टीम को पेनल्टी के तौर पर 5 रन दिए जाएंगे. पहले इस मामले में डेड बॉल करार दी जाती थी. ऐसे में यदि बैटर अच्छा शॉट मारता था, तो वह रन नहीं माने जाते थे. ऐसे में बैटर के साथ नाइंसाफी होती थी. अब ऐसा नहीं होगा.

लॉ 38.3:  मांकड़िंग आउट

इस नियम को 41 (अनफेयर प्ले) से 38 (रन आउट) में शिफ्ट कर दिया गया है. इसके मुताबिक, यदि गेंदबाज के बॉल डालने से ठीक पहले नॉन स्ट्राइकर अपनी क्रीज से बाहर निकलता है और बॉलर स्टम्प्स पर बॉल थ्रो करते हुए आउट करता है, तो नॉन स्ट्राइकर को रन आउट (मांकड़िंग) करार दिया जाएगा. पहले यह रन आउट की कैटेगरी में नहीं था. यदि इस तरह के रन आउट में अपील नहीं की जाती है, तो अंपायर इसे डेडबॉल करार दे सकते हैं. यह बॉल भी ओवर में नहीं काउंट की जाएगी.

लॉ 41.3 – लार का इस्तेमाल

कोरोनाकाल में क्रिकेट को फिर से शुरू करने के लिए लार के इस्तेमाल पर अस्थायी प्रतिबंध लगाया था. अब आईसीसी ने यह पाया है कि लार के इस्तेमाल के बगैर भी गेंदबाज पसीने के इस्तेमाल से बॉल को स्वींग और सीम कराने में सक्षम है. यह भी पहले जैसा ही कारगर है. ऐसे में लार के इस्तेमाल पर स्थायी तौर पर प्रतिबंध लगा दिया गया है.

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