MCC ने क्रिकेट के नियम बदले, अब कैच पकड़े जाने पर नए बल्लेबाज को ही खेलनी होगी पहली गेंद, बॉल पर थूक लगाना भी बैन
नई दिल्ली
मेरिलबोन क्रिकेट क्लब ने कैच आउट और मांकड़िंग से जुड़े नियमों में बदलाव किया है। इसके साथ ही थूक के इस्तेमाल पर स्थायी रूप से बैन लगा दिया गया है। अब किसी बल्लेबाज के कैच आउट होने पर नए बल्लेबाज को ही पहली गेंद खेलनी होगी।
वहीं मांकड़िंग को अब रन आउट का हिस्सा बना दिया गया है और इस तरीके से आउट होने वाले बल्लेबाज को रन आउट माना जाएगा। मांकड़िंग का नियम हमेशा से ही विवादों में रहा है। इसे रन आउट का हिस्सा बनाने पर गेंदबाजों को इस तरीके से विकेट लेने में आसानी होगी।
क्या है कैच आउट का नया नियम?
कैट आउट के नए नियम के तहत अब हमेशा नए बल्लेबाज को ही पहली गेंद खेलनी होगी। पुराने नियम के अनुसार जब कोई बल्लेबाज कैच आउट होता था और दोनों बल्लेबाज रन भागने की कोशिश में एक दूसरे को पार कर जाते थे, तब दूसरे छोर पर रहने वाला बल्लेबाज अगली गेंद खेलता था और नया बल्लेबाज नॉन स्ट्राइक पर रहता था।
अब किसी बल्लेबाज के कैच आउट होने पर नए बल्लेबाज को ही पहली गेंद खेलनी होगी भले ही दोनों बल्लेबाजों ने रन भागते हुए अपना छोर बदल लिया हो। अगर कोई बल्लेबाज ओवर की आखिरी गेंद पर ही कैच आउट होता है तो दूसरे छोर पर खड़ा बल्लेबाज अगले ओवर की पहली गेंद खेलेगा।
मांकड़िंग का नियम भी बदला
जब नॉन स्ट्राइक पर खड़ा बल्लेबाज गेंदबाज के गेंद फेंकने से पहले क्रीज से बाहर निकल जाता है तो गेंदबाज गिल्लियां बिखेर कर उसे आउट कर सकता है। इसे मांकड़िंग कहा जाता है। पहले मांकड़िंग के नियम को खेल भावना के विपरीत माना जाता था और इस तरीके से विकेट लेने वाले गेंदबाज की काफी आलोचना होती थी।
अब इस नियम को रन आउट का हिस्सा बना दिया गया है। इसके बाद मांकड़िंग तरीके से आउट होने वाले बल्लेबाज को रन आउट माना जाएगा। आमतौर पर स्पिन गेंदबाज ही इस तरीके से किसी बल्लेबाज को रन आउट करते हैं।
थूक के इस्तेमाल पर बैन
अब तेज गेंदबाजों के लिए थूक के इस्तेमाल पर भी बैन लगा दिया गया है। कोरोनाकाल में महामारी के संक्रमण की संभावना को कम करने के लिए लार के इस्तेमाल पर बैन लगाया गया था। इसके बाद यह महसूस किया गया कि थूक का इस्तेमाल न करने पर गेंदबाजों की स्विंग में कोई असर नहीं पड़ा है।इसके बाद स्थायी तौर पर थूक के इस्तेमाल पर बैन लगा दिया गया है। पारंपरिक तौर माना जाता था कि थूक के इस्तेमाल से तेज गेंदबाज को गेंद स्विंग कराने में मदद मिलती है।