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यह सोना बाजार भाव से सस्ता, पुराना सॉवरेन गोल्ड बांड नए से ज्यादा दे रहा मुनाफा

नई दिल्ली।  

महज एक माह में सोने के दाम में 10 फीसदी से अधिक का उछाल आया है। इसकी एक बड़ी वजह रूस और यूक्रेन का संघर्ष है। ‌‌‌वैश्विक अनिश्चतता की स्थिति में निवेशक सोने को सुरक्षित निवेश समझ रहे हैं जिससे इसकी कीमतें तेजी से बढ़ रही हैं। हालांकि, सोने में निवेश के सबसे सस्ते विकल्पों से एक नया सॉवरेन गोल्ड बांड निवेशकों के लिए उतना फायदेमंद साबित नहीं हो रहा है। जबकि पुराने सॉवरेन बांड की चमक बढ़ी है और उसे खरीदना फायदे का सौदा साबित हो रहा है। साॅवरेन गोल्ड बॉन्ड में परिपक्वता अवधि आठ साल है, लेकिन पांच साल बाद भी निकालने की छूट है। इस अवधि में उसपर 2.5 फीसदी ब्याज मिलता है। मौजूदा समय में ज्यादातर सॉवरेन गोल्ड बांड का भाव पांच हजार रुपये से नीचे चल रहा है। जबकि अंकित मूल्य 5300 रुपये प्रति 10 ग्राम से अधिक है।

सस्ता मिलने की वजह
चार मार्च को जारी सॉवरेन गोल्ड बांड का भाव 5109 रुपये प्रति 10 ग्राम था। जबकि आठ मार्च को सोने का भाव 5341 रुपये प्रति 10 ग्राम पहुंच गया। ऐसे में बांड का भाव बाजार से करीब तीन हजार रुपये कम है। बांड की पांच साल की परिपक्वता पर ही टैक्स छूट का लाभ मिलेगा। उससे पहले बेचने पर टैक्स छूट का लाभ नहीं मिलेगा। साथ ही बाजार में इसकी खरीद-बिक्री बहुत नहीं है जिसकी वजह से यह सस्ता मिल रहा है।

पुराने बांड की चमक बढ़ी
विशेषज्ञों का कहना है कि तीन साल पहले जारी हुआ सॉवरेन बॉन्ड यदि पांच फीसदी कम पर मिल रहा है तो वह फायदे का सौदा है। क्योंकि नए निवेशक को परिपक्वता के लिए केवल दो साल ही इंतजार करना पड़ेगा। साथ ही टैक्स छूट का आकर्षक लाभ भी मिलेगा। बांड पर ब्याज भले ही 2.50 फीसदी हो लेकिन वास्तविक ब्याज एक से 1.5 फीसदी के करीब ही बनता है।

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