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अयोध्या-काशी के बाद अब मथुरा की बारी? जानें बीजेपी के लिए क्यों अहम है यह मंदिर

नई दिल्ली।

केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव से पहले मथुरा में अपने अभियान के तहत कल वृंदावन में श्री बांके बिहारी मंदिर में पूजा-अर्चना की। इस यात्रा को अयोध्या और वाराणसी के बाद मथुरा को तीन प्रतीकात्मक हिंदुत्व गढ़ों में से एक के रूप में पेश करने के भाजपा के प्रयासों के अनुरूप देखा जा रहा है। आपको बता दें कि मथुरा में कृष्ण जन्मभूमि मंदिर है, जो कि भगवान कृष्ण का जन्मस्थान है।

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ और उपमुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य दोनों ने हाल ही में कहा था कि अयोध्या और काशी में मंदिरों के बाद अब पुनरुद्धार की बारी मथुरा की है। इससे पहले रिपोर्टों में कहा गया था कि योगी आदित्यनाथ गोरखपुर के बजाय मथुरा से चुनाव लड़ने पर विचार कर सकते हैं। उन्होंने अपने वर्तमान कार्यकाल के दौरान 18 बार मथुरा का दौरा किया है।  रिपोर्ट के मुताबिक, मुख्य मंदिर की ओर जाने वाले मार्ग पर भव्य प्रवेश द्वार का निर्माण कार्य जोरों पर चल रहा है। यहां कुछ लोगों के लिए मंदिर का मेकओवर भावनात्मक महत्व रखता है। वहीं, कुछ लोग मथुरा के विकास पर भी ध्यान केंद्रित करना चाहते हैं।

मंदिर के साथ विकास भी चाहती है जनता
जीर्णोद्धार क्षेत्र के पास एक चाय की दुकान पर बैठे एक स्थानीय निवासी रमेश त्रिपाठी ने एनडीटीवी से कहा, "अयोध्या और काशी के बाद मथुरा का ही विकास होना था। यह बहुत अच्छा है कि पवित्र मंदिर का जीर्णोद्धार किया जा रहा है। हम भाजपा को वोट देंगे। लेकिन यहां बेरोजगारी दूर करने की भी आवश्यकता है। पिछले कुछ वर्षों में इस मामले में स्थिति खराब हुई है।"

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