राज्य

कोरोना संक्रमित की सीटी वैल्यू कम होने पर होगी जीनोम सिक्वेंसिंग

पटना
 
बिहार में बीते दिनों कोरोना संक्रमण के मामले बढ़ने के बाद स्वास्थ्य विभाग अलर्ट मोड पर आ गया है। विभाग ने ऐसे मरीजों के सैंपल की जीनोम सिक्वेंसिंग कराने का फैसला लिया है, जिनकी सीटी वैल्यू कम होगी। ताकि कोविड के नए वैरिएंट की पहचान जल्द से जल्द की जा सके। राज्य में अब तक 871 सैंपल की जीनोम सिक्वेंसिंग हो चुकी है।

कोरोना संक्रमण की रोकथाम में जीनोम सिक्वेंसिंग की रिपोर्ट काफी मददगार होती है। पटना स्थित इंदिरा गांधी आयुर्विज्ञान संस्थान में कोविड की दूसरी लहर के बाद ही जीनोम सिक्वेंसिंग लैब शुरू कर दी गई थी। इससे पहले सैंपल जांच के लिए बाहर भेजे जाते थे। नए सैंपलों की जांच इसी लैब में होगी।

सूत्रों के मुताबिक कोविड की अलग-अलग लहरों के दौरान कुल 871 सैंपल की जीनोम सिक्वेंसिंग की गई। इनमें 341 सैंपल में कोरोना का ओमिक्रोन वैरिएंट पाया गया। वहीं, महज एक सैंपल में खतरनाक माना जाने वाला ओमिक्रोन एसजीटीएफ वैरिंट मिला।

क्या होती है सीटी वैल्यू?
किसी भी व्यक्ति में सीटी काउंट के जरिए कोरोना संक्रमण का पता लगाया जाता है। सीटी का मतलब साइकिल थेशहोल्ड होता है। यह कोरोना जांच का एक पैमाना है जिसे विशेषज्ञों ने तय किया है। अगर सीटी काउंट कम होता है तो व्यक्ति संक्रमित होता है, जबकि ज्यादा सीटी वैल्यू है तो मरीज को सामान्य माना जाता है।

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button